चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने सोमवार (अगस्त 31, 2020) को पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास पैंगोंग त्सो में गतिरोध के लिए भारतीय सेना को दोषी ठहराया है और ‘आग्रह’ कर रहा है कि भारत अपने सैनिकों को क्षेत्र से वापस जाने के आदेश दे।
#China strongly opposes the acts and urges #India to immediately withdraw the troops that have illegally crossed the LAC: PLA Western Theater Command https://t.co/uDaCoRyq0b
— Global Times (@globaltimesnews) August 31, 2020
सोमवार देर शाम जारी एक बयान में, पीएलए के पश्चिमी थिएटर कमांड (डब्ल्यूटीसी) ने आरोप लगाया कि भारतीय सैनिकों ने एलएसी का उल्लंघन किया और पैंगोंग त्सो के दक्षिण बैंक और रेकिन पास को क्रॉस कर आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पीएलए जवाबी कार्रवाई कर रही है।
सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ (Xinhua) ने डब्ल्यूटीसी के प्रवक्ता सीनियर कर्नल झांग शुइली के हवाले से कहा, “31 अगस्त को भारतीय सेना ने दोनों पक्षों के बीच पिछली बहु-स्तरीय वार्ता में हुई सहमति को तोड़ा और गैरकानूनी रूप से पैंगोंग के दक्षिणी तट के पास फिर से लाइन पार की, इन कारणों से सीमा पर तनाव पैदा हो रहा है।”
#BREAKING #China says the Indian army illegally crossed the Line of Actual Control on Monday, a provocative move that violated the previous consensus and urges the #Indian side to withdraw its forces, said Senior Colonel Zhang Shuili, spokesman for the PLA Western Theater Command pic.twitter.com/rzqiayOAS5
— CGTN (@CGTNOfficial) August 31, 2020
झांग ने कहा है कि चीन ने भारतीय सेना के इस कदम का कड़ा विरोध किया है और यह चीन की क्षेत्रीय संप्रभुता का घोर उल्लंघन है। इससे चीन-भारत सीमा क्षेत्रों में अशांति पैदा हो रही है और धोखा किया जा रहा है। झांग के अनुसार, भारत को अपने सीमावर्ती सैनिकों को रोकना चाहिए और इस क्षेत्र से हटना चाहिए। उन्होंने कहा कि चीन किसी भी सम्भावित परिस्थिति के लिए तैयारियाँ कर रहा है।
भारतीय सेना के बयान पर एक सवाल के जवाब में चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि पीएलए के सैनिक कभी भी लाइन पार नहीं करते हैं। भारतीय सेना ने सोमवार सुबह ही चीनी सेना पर समझौते के उल्लंघन का आरोप लगाया था।
वहीं, राष्ट्रीय सुरक्षा विश्लेषक नितिन गोखले ने कहा है कि 29-30 अगस्त की रात को भारतीय सेना ने संदिग्ध पीएलए गतिविधियों पर ध्यान दिया, जिसके जवाब में वे दक्षिण बैंक ऑफ पैंगोंग त्सो में एलएसी पर चले गए। उन्होंने कहा कि भारतीय सैनिकों ने एलएसी का उल्लंघन नहीं किया था।
3. LAC has not been crossed but Indian Army has thwarted PLA design to change the LAC along the ridge from South Bank.
— Nitin A. Gokhale (@nitingokhale) August 31, 2020
4. India’s move has come in response to PLA aggressiveness despite the mil-diplomatic talks that are on
बताया जा रहा है कि भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि चीन को सीमा से पूरी तरह से सेना को हटाना होगा और इसके लिए पीएलए को अपनी 20 अप्रैल की स्थिति में लौटना होगा। भारतीय सेना के बयान पर एक सवाल के जवाब में चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि पीएलए के सैनिक कभी भी लाइन पार नहीं करते हैं।
गौरतलब है कि तनाव की यह स्थिति 29 अगस्त को पैंगोंग त्सो झील के दक्षिणी किनारे पर चीनी सेना द्वारा किए गए सैन्य आक्रमण की घटना के बाद देखी गई है। चीनी सेना की 200 मजबूत दल 29 अगस्त को लगभग 11 बजे भारतीय सेना के पैंगोंग त्सो स्थानों के पास पहुँच गई थी। यहाँ पर चीनी सेना भारतीय सेना से उलझ गई और दोनों सेनाओं के बीच हिंसक झड़प हुई।
वहीं, चीनी मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने भी भारतीय सेना पर सीमा क्रॉस करने के आरोप लगाए हैं। ग्लोबल टाइम्स के अनुसार, चीन ने भारत से आग्रह किया है कि वह भारतीय सेना को वापस लौटने के आदेश दे।
ग्लोबल टाइम्स के प्रधान संपादक जिजिन ने एक ट्वीट में कहा कि पैंगोंग त्सो झील का दक्षिणी तट चीन के वास्तविक नियंत्रण में है और इस मामले पर पीएलए के बयान में दावा किया गया है कि भारतीय सैनिकों ने दक्षिण तट में KAC को अवैध रूप से पार कर चीन की संप्रभुता का गंभीर उल्लंघन किया है। हु जिजिन ने भी अपने ट्वीट में जवाबी कार्रवाई की आशंका का जिक्र किया है।
The south bank of Pangong Lake is under actual control of China. In 1962, the Chinese army beat the Indian army there. This time it is the Indian army that tried to break the status quo. I hope India will not make the same mistake.
— Hu Xijin 胡锡进 (@HuXijin_GT) August 31, 2020