भारत और चीन की सेनाओं के बीच लद्दाख बॉर्डर पर गलवान घाटी के पास हिंसक झड़प में दोनों तरफ से सेना के अधिकारियों की मौत की खबरें सामने आई हैं। लेकिन चीनी मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स द्वारा लगातार संदिग्ध और अस्पष्ट बयानों से अंदाजा लगाया जा रहा है कि चीन अपनी सैनिकों की मौत की खबर को बाहर नहीं आने देना चाहता है।
दरअसल, भारतीय सेना के एक अफसर और दो जवान के बलिदान की खबरों के कुछ देर बाद ही भारतीय सेना द्वारा जारी एक अपडेट में बताया गया है कि इस झड़प में दोनों देशों की सेना के अधिकारियों को हानि पहुँची है।
वहीं, चीनी मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स की एक रिपोर्टर ने जहाँ पहले इस बात की पुष्टि करते हुए लिखा कि कल चीन-भारत सीमा पर 5 पीएलए सैनिक मारे गए और 11 घायल हो गए।
No bullets were fired. It is hand-to-hand combat… https://t.co/QEZCM49BUH
— Wang Wenwen (@WenwenWang1127) June 16, 2020
चीनी सैनिकों के हताहत होने की खबर सामने आने के कुछ देर बाद ही चाइनीज मुख पत्र ‘ग्लोबल टाइम्स’ के आधिकारिक एकाउंट से ट्वीट में लिखा गया – “आधिकारिक ग्लोबल टाइम्स एकाउंट ने कभी भी चीनी सैनिकों को हुई क्षति के बारे में सटीक सूचना नहीं दी है। ग्लोबल टाइम्स इस समय संख्या की पुष्टि नहीं करता है।”
The official Global Times accounts have NEVER reported the exact casualties on the Chinese side. The Global Times CANNOT confirm the number at the moment.
— Global Times (@globaltimesnews) June 16, 2020
कुछ देर बाद ही ग्लोबल टाइम्स के एडिटर ने अपने ट्विटर एकाउंट पर लिखा – “मुझे जो पता है, उसके आधार पर, गालवन घाटी में हुए संघर्ष में चीनी सेना के लोग भी हताहत हुए। मैं भारतीय पक्ष को बताना चाहता हूँ, अभिमानी होने की आवश्यकता नहीं है, चीन के संयम को गलत मत समझो। चीन भारत के साथ कोई टकराव नहीं करना चाहता है, लेकिन हम इससे डरते नहीं हैं।”
Based on what I know, Chinese side also suffered casualties in the Galwan Valley physical clash. I want to tell the Indian side, don’t be arrogant and misread China’s restraint as being weak. China doesn’t want to have a clash with India, but we don’t fear it.
— Hu Xijin 胡锡进 (@HuXijin_GT) June 16, 2020
इसी बीच चीन के विदेश मंत्रालय ने अपील की है कि भारत इस मामले के बाद कोई एकतरफा कदम नहीं उठाए और वो इस पर बातचीत करने को तैयार हैं।
अक्साई चीन सीमा पर बीती देर रात हुई झड़प में दो भारतीय जवानों के बलिदान होने के बाद सीमा पर तनाव बढ़ गया। कई रिपोर्ट्स के मुताबिक इस झड़प में गोली-बारूद का इस्तेमाल नहीं हुआ और दोनों ओर की सीमाओं से पत्थरबाजी की गईं। भारतीय सेना ने अपने बयान को अपडेट करते हुए कहा कि इस झड़प में चीन के भी कुछ सैनिक हताहत हुए हैं।
इन सभी खबरों के बीच कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पाँच चीनी सैनिकों के भी मरने की खबरें सामने आईं। हालाँकि, चीनी प्रोपेगेंडा तंत्र पूरे जोर से इसे झुठलाने और भारत को ही आक्रांता बताने पर तुला हुआ है। चीन का कहना है कि भारतीय सैनिक उनकी सीमा में घुसकर उनके सैनिकों को निशाना बनाने का प्रयास कर रहे हैं।
भारत हमेशा एक शांतिप्रिय राष्ट्र रहा है, जबकि चीन ने अपनी धौंस दिखाने की कोशिश कई बार की हैं, जिसके लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय में भी उसे आलोचना का सामना करना पड़ा है।
अक्साई चीन स्थित गलवान घाटी में पिछले एक महीने में चीनी सैन्य गतिविधियों के कारण विवाद बढ़ा है, यह विवाद भारत द्वारा बनाए जा रहे एक सड़क को लेकर है। भारत गलवान घाटी के डुरबुक से लेकर दारूल बेग ओल्ड तक सड़क का निर्माण करा रही है। चीन का कहना है कि यह क्षेत्र उसके हिस्से की है। जबकि दारूल बेग ओल्ड भारत के अक्साई चीन के इलाके से लगा है, जिस पर चीन ने कब्जा कर लिया है।
गलवन क्षेत्र इस पूरे इलाके में सबसे ऊँचाई पर बसा है। यहाँ से भारतीय सेना के जवान और रसद आदि की सप्लाई करते हैं। इसके उत्तर में ही दौलत बेग ऑल्डी सेक्टर है, जो भारतीय सीमा के अंदर का क्षेत्र है, यहाँ पर पहले भी चीन की तरफ से घुसपैठ की कोशिश हो चुकी हैं।