दरभंगा ब्लास्ट के सिलसिले में राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) ने 30 जून 2021 दो भाइयों को गिरफ्तार किया था। इनके नाम हैं, नासिर खान उर्फ नासिर मलिक और इमरान मलिक। जाँच से यह बात सामने आई है कि दोनों भाई लश्कर आतंकी हैं और इन्होंने ही सिकंदराबाद-दरभंगा एक्सप्रेस के पार्सल में विस्फोटक रखा था। मूल रूप से उत्तर प्रदेश के शामली के रहने वाले इन भाइयों की गिरफ्तारी हैदराबाद से हुई थी। इसके बाद इनके पिता पूर्व फौजी मिसा खान ने दावा किया था कि उनके बेटे रॉ के लिए काम करते हैं और उन्हें फँसाया गया है।
अब द हिंदू की एक रिपोर्ट से पता चला है कि नासिर ने घरवालों को झाँसे में रखा था। उनसे कहा था कि वह रॉ की एक महिला के लिए काम करता है। पाकिस्तान यात्रा को लेकर घरवालों से कहा था कि रॉ टास्क पर भेज रही है। मूसा खान ने इमरान के भी भारतीय जासूस होने का दावा किया था। साथ ही आरोप लगाया कि रॉ की महिला अधिकारी ने ही उनके बेटों को फँसाया है।
अब यह जानकारी सामने आ रही है कि नासिर ने अपनी पत्नी और पिता को यह बता रखा था कि वह रॉ की एक महिला अधिकारी के साथ काम करता है। अक्सर जब नासिर देर रात तक फोन पर लंबी बातें करता तो उसके परिवार वाले प्रश्न उठाया करते थे। ऐसे में नासिर ने उन्हें बताया कि वह दुश्मनों से देश की रक्षा करने के लिए रॉ के साथ काम कर रहा है।
कई बार जा चुका है पाकिस्तान
2012 में जब नासिर पाकिस्तान गया था तब भी उसने अपने परिवार को यह भरोसा दिलाया था कि उसे एक नया टास्क मिला है। इसके पहले और बाद में भी नासिर पाकिस्तान गया। वहाँ पाकिस्तान-अफगानिस्तान बॉर्डर पर 4 महीनों तक लश्कर-ए-तैयबा ने उसे ट्रेनिंग दी।
NIA के मुताबिक नासिर खान ने पाकिस्तान से ही केमिकल से आईईडी बनाने की ट्रेनिंग ली थी। NIA ने बताया कि दोनों भाइयों का मकसद सिकंदराबाद-दरभंगा एक्सप्रेस को उड़ाना था। साथ ही दोनों देश के अलग-अलग हिस्सों में आतंकी हमला कर दहशत फैलाना चाहते थे।
दरभंगा रेलवे स्टेशन ब्लास्ट
दरभंगा रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 1 पर 17 जून को पार्सल में विस्फोट हुआ था। इस मामले में 24 जून को एनआईए ने जाँच शुरू की थी। इसके बाद मोहम्मद नासिर खान और इमरान खान की गिरफ्तारी हुई थी। गिरफ्तार आरोपितों ने खुद आईईडी तैयार की थी। फिर उसे कपड़े के एक पार्सल में पैक किया, जिसे सिकंदराबाद से दरभंगा तक लंबी दूरी तय करने वाली ट्रेन में रखा गया। इनका मकसद था चलती ट्रेन में विस्फोट करना था, जैसा 2006 में मुंबई की लोकल ट्रेनों में किया गया था। जाँच में यह बात भी सामने आई कि दोनों भाई अपने हैंडलर से बात करने के लिए सुरक्षित संचार माध्यमों का इस्तेमाल कर रहे थे।