Friday, November 22, 2024
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4 महीने में ₹120+ करोड़ की ठगी: म्यंमार, कम्बोडिया, लाओस में बैठा गैंग… जानिए क्या है वो डिजिटल अरेस्ट, जिससे PM मोदी ने भी किया आगाह

भारतीयों को ट्रेडिंग घोटाले में लगभग 1420 करोड़, निवेश घोटाले में लगभग 223 करोड़ और रोमांस अथवा डेटिंग घोटाले में 13 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हो चुका है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार (27 अक्टूबर) को अपने 115वें ‘मन की बात’ में देशवासियों को डिजिटल अरेस्ट के प्रति आगाह किया। उन्होंने इस नए फ्रॉड से बचने के लिए ‘रुको सोचो और एक्शन लो’ का मंत्र दिया है। इस बीच भारत सरकार गृह मंत्रालय ने डिजिटल अरेस्ट साल 2024 की पहली तिमाही में डिजिटल अरेस्ट का आँकड़ा जारी किया है। इन आँकड़ों के मुताबिक जनवरी से अप्रैल 2024 के बीच 120 करोड़ रुपयों से अधिक का फ्रॉड (ठगी) के इस नए तरीके से हो चुका है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गृह मंत्रालय के अधीनस्थ आने वाले भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र ने 2024 में जनवरी से अप्रैल तक के डिजिटल अरेस्ट वाले मामलों का अध्ययन किया। इस रिसर्च के दौरान पता चला कि डिजिटल अरेस्ट को अंजाम देने वाले अधिकतर ठग दक्षिण एशियाई देशों कम्बोडिया, लाओस और म्यांमार से थे। इन तीन देशों से कुल अपराध का 46% हिस्सा ऑपरेट हुआ है। डिजिटल अरेस्ट का शिकार होने वाले पीड़ित अब तक 1776 करोड़ का नुकसान उठा चुके हैं।

I4C संस्था के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राजेश कुमार ने इन आँकड़ों को थोड़ा और विस्तार से बताया है। उन्होंने कहा कि डिजिटल अरेस्ट के पीड़ितों के अलावा भारतीयों को ट्रेडिंग घोटाले में लगभग 1420 करोड़, निवेश घोटाले में लगभग 223 करोड़ और रोमांस अथवा डेटिंग घोटाले में 13 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हो चुका है। नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर 1 जनवरी से 30 अप्रैल के बीच 7 लाख 40 हजार से अधिक शिकायतें दर्ज हो चुकी है। 2023 में पूरे साल का ये आँकड़ा 15 लाख 56 हजार शिकायतों का ही था। जबकि साल 2022 में इस तरह की कुल शिकायतें महज 9 लाख 22 हजार ही थीं।

क्या होता है डिजिटल अरेस्ट

डिजिटल ठगी का अपग्रेड वर्जन डिजिटल अरेस्ट है। इसका शिकार बनाने के लिए पहले आपकी डिटेल इकट्ठा करके आपको टारगेट किया जाता है। फिर आपसे जुड़ी कोई ऐसी जानकारी आपको बताई जाती है, जो वास्तविक में आपसे संबंधित हो। इसके बाद आपको कानून का डर दिखाकर आप पर ऐसे इल्जाम लगाए जाते हैं कि आप डर जाएँ और फिर धीरे-धीरे आपसे पैसे ऐंठे जाते हैं।

ठगी के इस नए रूप में कई पढ़े लिखे और उच्च शिक्षित लोग फँस रहे हैं। इसके शिकारों में डॉक्टर और इंजीनियर तक शामिल हैं। ऐसे ठगी के मामलों से बचने के लिए जरूरी है कि हमेशा खुद को सतर्क रखें। इसके बाद खुद पर यकीन रखें। अगर कोई अंजान नंबर से कॉल आपको आता है और वो अपने आपको कोई अधिकारी बताकर आपसे डिटेल माँगता है तो समझ जाएँ कि कुछ गड़बड़ है। तुरंत ऐसे मामलों में फोन काट दें और आगे ऐसे ठगों से आगे बात न करें। पुलिस को भी इसकी सूचना जरूर दें।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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