उत्तर प्रदेश एटीएस ने शुक्रवार (जनवरी 08, 2021) को हापुड़ में छापा मारकर पाकिस्तान के लिए जासूसी करने वाले भारतीय सेना के एक पूर्व सैनिक सौरभ शर्मा और उसके सहयोगी अनस गितौली को गुजरात के गोधरा से गिरफ्तार किया। इनके पास से एटीएस को टेरर फंडिंग का सबूत भी मिला है।
अब यूपी एटीएस ये पता लगाने की कोशिश कर रही है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी को किस तरह की सूचनाएँ भेजी गई हैं। सूचनाओं की संवेदनशीलता के बारे में जानने के लिए दोनों के मोबाइल फोन की फोरेंसिक जाँच भी कराई जा रही है। बता दें कि सौरभ से पूछताछ में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के लिए जासूसी करने के बदले उसे रकम भेजने वाले गोधरा निवासी अनस गितौली की भूमिका सामने आई।
जिसके बाद गुजरात एटीएस की मदद से अनस को गिरफ्तार कर लिया गया। अनस का बड़ा भाई इमरान गितौली भी आईएसआईएस के लिए काम करता था, वो भी फिलहाल जाँच एजेंसी (एनआईए) की गिरफ्त में है।
एडीजी लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार ने बताया कि सौरभ शर्मा के खिलाफ लखनऊ में केस दर्ज किया गया है। सौरभ 2013 में भारतीय सेना में भर्ती हुआ था। इसके बाद उसने मेडिकल कारणों से मई, 2020 में सेना छोड़ दिया था। इस दौरान उसके बैंक एकाउंट में विदेश से काफी रकम आई।
प्रशांत कुमार ने बताया कि अभी एटीएस की टीमें कई राज्यों में कार्रवाई कर रही हैं। हर संदिग्ध से पूछताछ के साथ ही हर जगह पर छापेमारी जारी रहेगी। सौरभ हापुड़ के बहादुर गढ़ थाना क्षेत्र के बिहुनी गाँव का रहने वाला है। उसने पैसों के लिए सेना से जुड़ी गोपनीय जानकारियाँ पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई को भेजी थीं। लखनऊ के एटीएस थाने में सौरभ शर्मा और अनस गितौली के खिलाफ ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट के तहत रिपोर्ट दर्ज कर इनको गिरफ्तार किया गया है।
सौरभ ने एटीएस के सामने स्वीकार किया है कि वह पैसों के लालच में सेना की गोपनीय सूचनाएँ समय-समय पर व्हाट्सअप के माध्यम से पाकिस्तान की एक महिला खुफिया अधिकारी को भेजता था। सौरभ शर्मा की 2014 में फेसबुक के माध्यम से एक लड़की से दोस्ती हुई थी। लड़की से उसकी काफी दिनों तक बातचीत होती रही।
लड़की ने खुद को सेना की रिपोर्टिंग करने वाली पत्रकार बताया था। वह लड़की के झाँसे में आ गया और लड़की ने सौरभ से सेना की कई गोपनीय जानकारियाँ उससे माँगी और वो देता रहा। कुछ ही दिनों बाद सौरभ पाकिस्तान का जासूस बनकर काम करने लगा। इसके बदले में उसे पैसे भी मिलते रहे।