FATF की हालिया रिपोर्ट में भारत सरकार के आतंकवाद विरोधी प्रयासों की सराहना की गई है, खासकर एनआईए और एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ईडी) के कामों को शानदार बताया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ने आतंकवादी वित्तपोषण को रोकने और जटिल वित्तीय जाँचों में महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है। इस्लामिक आतंकवाद, जैसे कि ISIL और अल-कायदा, के साथ ही वामपंथी उग्रवाद को भी भारत के लिए गंभीर खतरा बताया गया है। FATF ने मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में तेजी लाने और गैर-लाभकारी संगठनों के दुरुपयोग को रोकने के लिए और कदम उठाने की जरूरत पर जोर दिया है।
इस्लामी आतंकवाद बड़ा खतरा
FATF (Financial Action Task Force) की हालिया रिपोर्ट में इस्लामी आतंकवाद को भारत के लिए एक गंभीर खतरे के रूप में चिन्हित किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत आतंकवाद और आतंकवादी वित्तपोषण से गंभीर रूप से प्रभावित है, खासकर जम्मू-कश्मीर और इसके आसपास सक्रिय ISIL (इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक और लेवांत) और अल-कायदा से जुड़े आतंकी संगठनों से। ये संगठन लगातार भारत की सुरक्षा को कमजोर करने की कोशिशों में लगे हुए हैं।
रिपोर्ट में भारत के आतंकवाद से निपटने के प्रयासों की प्रशंसा की गई है, खासकर आतंकवादी नेटवर्क को बाधित करने और रोकने के लिए। भारत ने जटिल वित्तीय जाँचों को सफलतापूर्वक अंजाम दिया है, जिससे आतंकवादी गतिविधियों के वित्तपोषण पर रोक लगाने में मदद मिली है। हालाँकि, FATF ने यह भी सुझाव दिया है कि भारत को आतंकवादियों के वित्तीय मामलों की सुनवाई और अभियोजन में तेजी लानी चाहिए। आतंकवादी वित्तपोषण के मामलों में दोषसिद्धि और सख्त दंड सुनिश्चित करना भी आवश्यक है।
Financial Action Task Force #FATF lauds India’s efforts to implement measures to tackle illicit finance, including money laundering and terror funding
— Ministry of Finance (@FinMinIndia) September 19, 2024
⁰FATF places India in ‘regular follow-up’ – the highest rated category under FATF
Read more ➡️ https://t.co/bcDQk2ktg8 pic.twitter.com/jyHDy5Ik8p
रिपोर्ट में गैर-लाभकारी संगठनों (NGOs) के दुरुपयोग को रोकने के लिए भी ध्यान आकर्षित किया गया है। इस्लामी आतंकवादी समूह अक्सर इन संगठनों के जरिए वित्तपोषण प्राप्त करते हैं। FATF ने सुझाव दिया है कि भारत को जोखिम-आधारित दृष्टिकोण अपनाकर इस सेक्टर में जागरूकता बढ़ानी चाहिए ताकि इनका दुरुपयोग रोका जा सके।
लेफ्ट विंग टेररिज्म: भारत की चुनौती
इस रिपोर्ट में FATF ने कहा है कि भारत के सामने उभरते हुए आतंकवाद के विभिन्न आयामों में से एक प्रमुख खतरा लेफ्ट विंग आतंकवाद (वामपंथी उग्रवाद) है, जो देश की आंतरिक सुरक्षा को कमजोर करने की दिशा में काम कर रहा है। रिपोर्ट में खासतौर पर लेफ्ट विंग समूहों का जिक्र किया गया है।
भारत के विभिन्न हिस्सों में फैले माओवादी या नक्सलवादी समूह, मुख्य रूप से झारखंड, छत्तीसगढ़, बिहार और ओडिशा जैसे राज्यों में सक्रिय हैं। इन समूहों का मुख्य उद्देश्य भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था को गिराकर एक वैकल्पिक कम्युनिस्ट सरकार की स्थापना करना है। लेफ्ट विंग आतंकवाद का सबसे प्रमुख और चिंताजनक पहलू यह है कि यह न केवल सुरक्षा बलों के लिए खतरा बन रहा है, बल्कि आम नागरिकों और विकासात्मक परियोजनाओं को भी निशाना बना रहा है। इन उग्रवादी समूहों का मुख्य वित्तपोषण अवैध गतिविधियों जैसे कि मनी लॉन्ड्रिंग, ड्रग्स, और हथियारों के अवैध व्यापार से होता है।
FATF (Financial Action Task Force) की हालिया रिपोर्ट में भी इस बात पर जोर दिया गया है कि लेफ्ट विंग समूह भारत सरकार के खिलाफ साजिश रच रहे हैं और उन्हें उखाड़ फेंकने की कोशिश कर रहे हैं। यह समूह न केवल हिंसा का सहारा ले रहे हैं, बल्कि आर्थिक रूप से भी मजबूत हो रहे हैं, जिसके चलते इनके खिलाफ लड़ाई और भी कठिन हो जाती है।
FATF की रिपोर्ट में लेफ्ट विंग समूहों का विशेष रूप से उल्लेख किया गया है, जो भारत की आंतरिक सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा हैं। रिपोर्ट में यह बताया गया है कि माओवादी और नक्सलवादी समूह न केवल आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं, बल्कि वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी समर्थन प्राप्त कर रहे हैं। इन समूहों की मनी लॉन्ड्रिंग की गतिविधियों पर भी निगरानी की गई है और FATF ने इस पर चिंता जताई है कि ये समूह किस तरह से अपने वित्तपोषण को छिपाने के लिए जटिल मनी लॉन्ड्रिंग नेटवर्क का इस्तेमाल कर रहे हैं।
भारत सरकार ने लेफ्ट विंग आतंकवाद से निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं। सरकार ने ‘समाधान’ योजना शुरू की है, जिसका उद्देश्य नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास को बढ़ावा देना और उग्रवादियों का आत्मसमर्पण कराना है। इसके तहत प्रभावित राज्यों में सुरक्षा बलों की तैनाती भी बढ़ाई गई है और इंटेलिजेंस नेटवर्क को मजबूत किया गया है। इसके अलावा, केंद्र और राज्य सरकारों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित किया गया है ताकि माओवादी हिंसा से निपटा जा सके।
विशेष रूप से प्रभावित क्षेत्रों में सड़कों, स्कूलों और अस्पतालों का निर्माण करके वहाँ के नागरिकों को मुख्यधारा में लाने का प्रयास किया जा रहा है। सरकार ने न केवल सुरक्षा बलों की संख्या बढ़ाई है, बल्कि उन्हें आधुनिक हथियारों और तकनीकों से लैस किया है ताकि वे उग्रवादियों का सामना कर सकें। साथ ही, भारत ने अंतरराष्ट्रीय सहयोग भी बढ़ाया है ताकि आतंकवादी वित्तपोषण पर पूरी तरह से रोक लगाई जा सके।
लेफ्ट विंग आतंकवाद भारत के सामने एक गंभीर समस्या है, जो देश की आंतरिक सुरक्षा और विकास दोनों को बाधित कर रहा है। FATF की रिपोर्ट में इस खतरे को स्पष्ट रूप से रेखांकित किया गया है, जिसमें माओवादी और नक्सलवादी समूहों की गतिविधियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी खतरनाक बताया गया है। भारत सरकार ने लेफ्ट विंग आतंकवाद से निपटने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, लेकिन यह लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है। मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद के वित्तपोषण पर कड़ी निगरानी रखना और न्यायिक प्रक्रिया को तेज करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
FATF की सिफारिशों का पालन करते हुए भारत को यह सुनिश्चित करना होगा कि आतंकवादी संगठनों को मिलने वाला वित्तपोषण पूरी तरह से बंद हो सके। साथ ही, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्यों को तेज करना भी जरूरी है, ताकि वहां के लोग उग्रवाद का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा से जुड़ सकें। भारत के लिए लेफ्ट विंग टेररिज्म को खत्म करना न केवल आंतरिक सुरक्षा का सवाल है, बल्कि यह देश के विकास और समृद्धि के लिए भी जरूरी है।
FATF क्या है?
FATF (Financial Action Task Force) एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है, जिसकी स्थापना 1989 में की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद के वित्तपोषण को रोकने के लिए प्रभावी नीतियों का निर्माण करना है। FATF की रिपोर्टें और सिफारिशें दुनियाभर के देशों को इस दिशा में कदम उठाने के लिए प्रेरित करती हैं। FATF की रिपोर्टें समय-समय पर जारी की जाती हैं, जिनमें विभिन्न देशों द्वारा आतंकवाद के खिलाफ उठाए गए कदमों का मूल्यांकन किया जाता है। यह संगठन विशेष रूप से यह देखता है कि कौन-कौन से देश मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद के वित्तपोषण को रोकने में सक्षम हैं और किस हद तक वे इन गतिविधियों को काबू करने में सफल हुए हैं।
FATF की हालिया रिपोर्ट में भारत के आतंकवाद विरोधी कदमों की तारीफ की गई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत ने आतंकवाद के खिलाफ मजबूत कानून बनाए हैं और इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई भी की है। विशेष रूप से मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद के वित्तपोषण को रोकने के लिए भारत ने विभिन्न योजनाएँ शुरू की हैं। भारत के एनआईए (National Investigation Agency) और ईडी (Enforcement Directorate) जैसे एजेंसियों ने आतंकवादी गतिविधियों के वित्तपोषण पर कड़ी निगरानी रखी है। लेकिन रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत में मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामलों की सुनवाई और फैसलों में देरी हो रही है। FATF ने भारत से इस प्रक्रिया को तेज करने का आग्रह किया है ताकि आतंकवादी संगठनों के वित्तपोषण को पूरी तरह से बंद किया जा सके।