लाइन ऑफ एक्चुअल कण्ट्रोल (LAC) पर चीन अपनी गुस्ताखी से बाज नहीं आ रहा है। एक बार फिर उसके सैनिकों ने सीमा पर गोलीबारी की, जिसका भारत के जवानों ने भरपूर जवाब दिया। ये घटना इसलिए चौंकाने वाली है क्योंकि LAC पर भारत और चीन के बीच पिछले 4 दशक से गोलीबारी नहीं हुई थी। हालाँकि, इस फायरिंग में जानमाल की क्षति की कोई सूचना नहीं है। बातचीत के प्रयासों के बीच इससे तनाव फिर बढ़ गया है।
लद्दाख़ सीमा पर बनी तनावपूर्ण स्थिति के बीच भारतीय सेना ने काला टॉप और हेलमेट टॉप जैसी रणनीतिक जगहों पर डेरा डाला हुआ है, जिससे चीन बौखलाया हुआ है। इसी बौखलाहट में चीन की ‘पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA)’ ने आगे बढ़ना शुरू कर दिया और अपनी सीमा तक भूल गए। इसी बीच भारतीय सेना ने खतरे को भाँप कर वार्निंग शॉट दागे। इसके तहत हवा में फायरिंग कर के दुश्मन को आगे न बढ़ने की चेतावनी दी जाती है।
इसके बाद चीन के जवान LAC पर पीछे हट गए। भारत ने एक बार फिर से उसके इरादों को नाकाम कर दिया। चीन की सेना द्वारा वहाँ गोलीबारी करने की भी ख़बर है, जिसके प्रत्युत्तर में भारतीय जवानों ने भी फायरिंग की। बीते जून 15 को हुए संघर्ष में भी फायरिंग नहीं हुई थी। ये एक तरह से 1975 के बाद पहली दोतरफा आक्रामक फायरिंग है, जो भारत-चीन सीमा पर हुई। 31 अगस्त की रात भी भारतीय सेना ने चीन को पीछे धकेला था।
वहीं सोमवर (सितम्बर 7, 2020) की रात हुई घटना को लेकर चीन ने अब उलटा भारत पर ही आरोप लगाने शुरू कर दिए हैं। चीन का आरोप है कि भारतीय सेना ने ही आक्रामक रुख अख्तियार करते हुए सीमा को पार किया। चीन ने कहा है कि भारत की तरफ से हुई फायरिंग का उसने जवाब दिया। उसने गोलीबारी की बात स्वीकार तो की है लेकिन इसके लिए भारत को ही जिम्मेदार ठहराया है। फ़िलहाल स्थिति काबू में कही जा रही है।
Noticing the movement, Indian soldiers fired warning shots in the air forcing the Chinese to retreat. Indian Army troops had climbed to the entire ridgeline from South Bank of Pangong Tso to Richin La. Mukhpari is North of Rezang La on 29-30 Aug. Map below for reference pic.twitter.com/ZxM4Ed2N97
— Nitin A. Gokhale (@nitingokhale) September 8, 2020
पेंगोंग त्सो के दक्षिणी किनारे पर स्थित शेपाओ माउंटेन टॉप्स पर चीन ने ये हरकत की, जिसका भारतीय सेना ने माकूल जवाब दिया। अब भारत इन दुर्गम पहाड़ियों पर ज़रूरी सामग्रियाँ पहुँचाने में लगा है और साथ ही वहाँ जवानों की तैनाती चुस्त करते हुए बढ़ा दी गई है। पूर्वी लद्दाख में हुई चीनी फायरिंग भारतीय चौकी को निशाना बना कर की गई थी। स्थिति अब भी तनावपूर्ण बनी हुई है। पूर्वी लद्दाख में अगस्त में भी चीन ऐसी हिमाकत कर चुका है।
इधर सीमा पर चीन के साथ जारी तनाव के बीच भारत सरकार ने लद्दाख क्षेत्र में सामरिक उद्देश्यों के लिहाज से महत्वपूर्ण सड़क निर्माण के काम में तेजी लाई है। इसके लिए कई अत्याधुनिक मशीनों को काम पर लगाया गया है। यह वही सड़क है, जिसके निर्माण को लेकर चीन ने पूर्व में आपत्ति जताई थी। बीआरओ ने लेह को जोड़ने वाली उन सभी सड़कों पर दिन-रात काम जारी रखा है, जिनका काम भूस्खलन आदि कारणों से और चीन के साथ तनावपूर्ण स्थिति के कारण बीच में अवरुद्ध हो गया था।