भारतीय सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने बताया है कि चीन की सीमा से सटे उत्तराखंड के इलाकों में एयरफील्ड बनाए जा रहे हैं। सीमाई इलाकों में सशस्त्र बलों के लिए कनेक्टिविटी बढ़ाने के मकसद सेना इनका निर्माण करवा रही है। वे रविवार (3 नवंबर 2019) को टिहरी में ‘रैबार कॉन्फ्रेंस’ के दौरान अपनी बात रख रहे थे।
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक सेना प्रमुख ने कहा कि चीन से सटे इलाकों में कनेक्टिविटी बढ़ाने, आधारभूत और दूरसंचार संरचनाओं को मजबूत करने में सेना और वायु सेना उत्तराखंड सरकार को हर तरीके से मदद मुहैया कराएगी। उन्होंने बताया कि सीमाई इलाकों के ऊँचाई वाले क्षेत्रों में एडवांस लैंडिंग की सुविधा के लिए ठोस क़दम उठाए जा रहे हैं।
सेना प्रमुख ने कहा, “हाल में मैं मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मिला था। उन्होंने कहा कि चीन की सीमा से सटे इलाकों में एडवांस लैंडिंग के लिए एयरफील्ड का निर्माण किया जाना चाहिए। हम तेज़ी से इस पर काम कर रहे हैं।” उन्होंने कहा कि भारतीय सेना कनेक्टिविटी में सुधार के लिए हर संभव प्रयास करेगी, फिर चाहे वो सड़क सम्पर्क हो या हवाई सम्पर्क। जनरल ने कहा, “सेना सीमावर्ती इलाक़ों में रहने वाले स्थानीय लोगों की भी मदद कर रही है, जैसे अखरोट और पाइन-नट की खेती।”
नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान के उकसावे वाली कार्रवाई को लेकर जनरल रावत ने कहा कि सेना प्रभावी तरीके से जवाब दे रही है। उन्होंने कहा, “मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूँ कि हम हर संभव उपाय कर रहे हैं और प्रभावी ढंग से जवाब दे रहे हैं।”
‘रैबार कॉन्फ्रेंस’ का आयोजन उत्तराखंड सरकार की ओर से सुदूर पहाड़ी क्षेत्रों में विकास को रफ्तार देने के मकसद से किया जाता है। यह आयोजन का दूसरा वर्ष है। इस कार्यक्रम में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत सहित कई हस्तियों ने शिरक़त की थी।
पिछले रैबार कार्यक्रम से कोस्टगार्ड भर्ती केंद्र, ड्रोन एप्लिकेशन सेंटर जैसे संस्थान और केंद्र से कई तरह की मदद राज्य को मिली है, इसमें शीर्ष पदों पर विराजमान प्रदेश के लोगों का बड़ा योगदान है। हमारे प्रवासी भाई-बहन राज्य के लिए कुछ करना चाहते हैं उन्हें एक मंच प्रदान किया गयाहै। pic.twitter.com/Xr5hWs9CPq
— Trivendra Singh Rawat (@tsrawatbjp) November 3, 2019
सीमावर्ती क्षेत्रों के सामरिक महत्व को देखते हुए, भारत सरकार देश की सुरक्षा संबंधी तैयारियों को बढ़ावा देने के लिए सभी सड़कों, संचार-लाइनों, रेलवे बुनियादी ढाँचे आदि जैसे आवश्यक बुनियादी ढाँचे का निर्माण कर रही है। हाल ही में, सीमा सड़क संगठन (BRO) ने डोकलाम घाटी को जोड़ने के लिए एक वैकल्पिक सड़क का निर्माण किया था। भारत और चीन के बीच 2017 में चुम्बी घाटी में 73 दिनों तक सैन्य गतिरोध देखने को मिला था। नवनिर्मित वैकल्पिक सड़क से सीमा पर बलों की तैनाती सुगम हो जाएगी।