उत्तर प्रदेश पुलिस की ‘आतंकवाद निरोधक शाखा’ (ATS) ने नवंबर 2023 में अलीगढ़ में फल-फूल रहे ISIS मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया है। अब तक कुल 7 आतंकियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। 3 नवम्बर 2023 को ATS ने इस मामले में 10 नामजदों सहित कुछ अज्ञात आरोपितों के खिलाफ FIR दर्ज करवाई है। अब तक दिल्ली और UP पुलिस ने मिला कर 7 आतंकियों को गिरफ्तार कर लिया है। नेटवर्क में नामजद अन्य फरार चल रहे हैं। अधिकतर ‘अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी’ (AMU) से जुड़े इन आतंकियों ने जिहाद की कसम खाई थी।
इस मामले की FIR एटीएस के थाना गोमती नगर में दर्ज हुई है। शिकायतकर्ता ATS प्रभारी अलीगढ़ हैं। शिकायत की शुरुआत मुंबई के काला चौकी थाना क्षेत्र में साल 2023 की शुरुआत में दर्ज हुए एक FIR से हुई है। यह FIR फर्जी दस्तावेज, चोरी, आपराधिक काम करने के मकसद और आदि की धाराओं में दर्ज हुई थी। उत्तर प्रदेश ATS इस FIR में नामजद आरोपितों की जानकारियाँ जुटा रही थी। जाँच के दौरान ATS को झारखंड में हजारीबाग के शाहनवाज और दिल्ली में दरियागंज निवासी रिज़वान की जानकारी हासिल हुई।
ATS ने शाहनवाज़ और रिज़वान के फोन को सर्विलांस पर लिया। दोनों की बातचीत से पता चला कि वो आतंकी संगठन ISIS के सक्रिय सदस्य हैं। जब इन दोनों के बारे में पुलिस ने और जानकारी जुटाई तो पता चला कि शाहनवाज और रिज़वान अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्र संगठन SAMU (स्टूडेंस ऑफ़ अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी) से जुड़े हुए हैं। SAMU के इन सदस्यों में मुख्य नाम वाज़ीउद्दीन, अब्दुल्ला अर्शलान, माज़ बिन तारिक, अब्दुल समद मलिक, फैज़ान बख्तियार, अरशद वारसी, मोहम्मद नावेद और रिज़वान अशरफ हैं। ऑपइंडिया के पास FIR कॉपी मौजूद है।
SAMU से जुड़े ये सभी आरोपित अलीगढ़, छत्तीसगढ़, संभल, प्रयागराजराज, दिल्ली और झारखंड के हैं। रिज़वान अशरफ AMU का छात्र नहीं है। ये पूरा समूह ISIS की विचारधारा से प्रभावित था। ATS अपनी जाँच कर रही थी कि रिज़वान अशरफ और अरशद वारसी को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 2 अक्टूबर, 2023 को गिरफ्तार कर लिया। शाहनवाज लम्बे समय से ISIS से जुड़ा था और अलीगढ़ में रह कर उसका नेटवर्क खड़ा कर रहा था। शाहनवाज़ के साथियों ने अलीगढ़ में ही उसका निकाह धर्मान्तरित खुदीजा कर करवाया। खुदीजा पहले हिंदू थी।
इन सबके अलावा मोहम्मद रिज़वान अशरफ ने SAMU के अन्य सदस्यों को जिहाद के लिए बैयत (कसम) दिलाई थी। ये सभी मिल कर जिहादी साहित्य बाँट रहे थे और अपने संगठन का विस्तार कर रहे थे। ये सभी AMU के अन्य छात्रों को भी ISIS से जोड़ रहे थे। इनके कार्यक्षेत्र रामपुर, कौशाम्बी, संभल, प्रयागराज, लखनऊ और अलीगढ़ आदि क्षेत्र थे। इनको ISIS के हैंडलर तमाम एप के जरिए दिशा निर्देश दिया करते थे। ATS के अनुसार ये सभी आरोपित भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ कर यहाँ शरिया कानून स्थापित करना चाहते थे।
ATS की शिकायत में इस बात का भी जिक्र है कि सभी आरोपित चोरी-छिपे हथियार भी जमा कर रहे थे। इनका मकसद किसी बड़ी आतंकी घटना को अंजाम देना था। पुलिस ने सभी 10 नामजद आरोपितों पर IPC की धारा 121- A और 122 के साथ विधि विरुद्ध क्रिया कलाप अधिनियम 1967 की धारा 13, 18, 18 बी और 38 के तहत कार्रवाई की गई है। फैज़ान बख्तियार और अब्दुल समद मालिक फिलहाल फरार चल रहे हैं। बाकी सभी नामजद व कुछ अन्य अज्ञात आरोपितों को दिल्ली और UP पुलिस ने अलग-अलग दिनों में दबिश दे कर गिरफ्तार कर लिया है।