जम्मू-कश्मीर में टारगेट किलिंग के बाद आतंकवादियों के खिलाफ सेना का ऑपरेशन महत्वपूर्ण पड़ाव पर है। पुंछ जिले के मेंढर में मस्जिदों की लाउडस्पीकर से ऐलान कर लोगों से घर से बाहर नहीं निकलने को कहा गया है। इस इलाके में सेना का अभियान शुरू हुए नौ दिन हो चुके हैं। इस ऐलान का मकसद आम नागरिकों की सुरक्षा और आतंकवादियों को उनकी आड़ लेकर भागने से रोकना है।
जिस इलाके में सेना ऑपरेशन चला रही है वह पहाड़ी और घने जंगलों से घिरा है। कार्रवाई के दौरान नौ जवान बलिदान हो चुके हैं। पूरे इलाके की सेना ने घेराबंदी कर रखी है। निगरानी के लिए पैरा कमांडो, ड्रोन, हेलीकॉप्टर तैनात किए हैं।
Poonch anti-terror operation continues in Jammu & Kashmir for over a week. Announcement being made asking locals to stay indoors and not venture out. 9 Indian soldiers made supreme sacrifice for the nation in the area. More power to India’s bravehearts for this operation. pic.twitter.com/Lfx7WS6BSh
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) October 19, 2021
यह खबर आर्मी चीफ एमएम नरवणे के जम्मू-कश्मीर का दो दिवसीय दौरा समाप्त कर दिल्ली लौटने के बाद सामने आई है। सेना के जवानों ने मंगलवार शाम पुंछ जिले की मेंढर तहसील के भट्टा दुरियन के जंगलों में छिपे संदिग्ध आतंकवादियों पर अंतिम हमले की तैयारी शुरू की। सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी इस बात की जानकारी दी है।
रिपोर्ट के मुताबिक, ग्रामीणों ने कहा है कि मस्जिदों के लाउडस्पीकरों से की गई अपील में कहा गया कि वे जो भी काम कर रहे हैं उसे छोड़ दें और अपने बच्चों तथा मवेशियों के साथ तुरंत अपने घरों को लौट जाएँ। भट्टा दुरियन और आसपास के इलाकों में स्थानीय मस्जिदों से ये ऐलान किए गए हैं।
#JammuandKashmir Police (@JmuKmrPolice) on Tuesday asked people not to move towards the forest area in J&K’s Poonch district where an encounter is going on between the army and the militants for the last 8 days.
— IANS Tweets (@ians_india) October 19, 2021
Photo: IANS (File) pic.twitter.com/tFUzMBWeIL
सूत्रों ने कहा कि सैनिक जंगलों के अंदर आगे बढ़ रहे हैं। 11 अक्टूबर से पुंछ जिले के जंगलों में सेना द्वारा शुरू किए गए एंटी टेरर ऑपरेशन में आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई में दो जूनियर कमीशंड अधिकारियों (जेसीओ) सहित नौ सैनिक वीरगति को प्राप्त हुए हैं।
इस बीच जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले के मेंढर में सुरक्षा बलों ने जंगलों में छिपे आतंकवादियों को रसद सहायता प्रदान करने के संदेह में पाँच और लोगों को हिरासत में लिया है। इससे पहले रविवार को तीन लोगों को हिरासत में लिया गया था। इसी के साथ सुरक्षाबलों द्वारा अब तक कुल 8 लोगों को हिरासत में लिया गया है।
CRPF की महिला सुरक्षाकर्मी तैनात
जम्मू-कश्मीर में गैर-कश्मीरियों की टारगेट किलिंग के बाद केंद्र सरकार ने आतंक को रोकने के लिए पहली बार केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की महिला जवानों की तैनाती की है। रिपोर्ट के मुताबिक बीते 30 साल में ऐसा पहली बार हुआ है जब श्रीनगर के लाल चौक में CRPF की महिला टुकड़ी को तैनात किया गया है।
जम्मू और कश्मीर: श्रीनगर के लाल चौक पर CRPF की महिला कर्मियों को सुरक्षा के लिए तैनात किया गया। pic.twitter.com/KifqHEsgIt
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 19, 2021
इन महिला जवानों ने लाल चौक पर महिलाओं की तलाशी भी ली। आम तौर पर महिलाओं ने इसका विरोध नहीं किया, लेकिन कुछ महिलाओं ने सार्वजनिक तौर पर तलाशी लिए जाने का विरोध भी किया।