Monday, November 18, 2024
Homeरिपोर्टराष्ट्रीय सुरक्षामार डाले गए 3 आतंकी, फेक एनकाउंटर के नाम पर परिवार कर रहा धरना-प्रदर्शन:...

मार डाले गए 3 आतंकी, फेक एनकाउंटर के नाम पर परिवार कर रहा धरना-प्रदर्शन: वीडियो जारी कर पुलिस ने बताया सच

जम्मू कश्मीर पुलिस ने इस एनकाउंटर का वीडियो भी जारी कर दिया। इसमें पुलिस के जवान माइक पर अनाउंसमेंट करते हुए देखे जा सकते हैं। वो तीनों आतंकियों को लगातार आत्मसमर्पण करने के लिए कह रहे हैं। लेकिन वो...

जम्मू कश्मीर में पहले आतंकियों के मारे जाने के बाद उनके जनाजे निकालने का चलन चल पड़ा था, जिसके बाद सरकार ने नए नियम बना कर आतंकियों के शवों को उनके गृह इलाकों से दूर दफनाने की प्रक्रिया चालू की, ताकि उन्हें हीरो न बनाया जा सके। आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद ऐसा ही किया गया था। पुलवामा के एक आतंकी अतहर के मारे जाने के बाद भी उसके अब्बा मुस्ताक अहमद को वहाँ से दूर दफनाने को कहा गया। अब जम्मू कश्मीर पुलिस ने एनकाउंटर का वीडियो भी जारी कर दिया है।

मारे गए आतंकी का अब्बा लगातार सशस्त्र बलों पर फेक एनकाउंटर का आरोप लगाते हुए कह रहा था कि उसके बेटे के मारे जाने के बाद अब वो भी मर चुका है, इसीलिए या तो उसे पुलवामा में उसके गाँव में ही बेटे को दफनाने की इजाजत मिले, नहीं तो उसे भी अपने बेटे के बगल में दफना दिया जाए। बुधवार (दिसंबर 30-31) की रात को अतहर सहित 3 आतंकियों को श्रीनगर में हुए एक मुठभेड़ में मार गिराया गया था।

भारतीय सेना को मिले इनपुट्स के आधार पर ये कार्रवाई की गई, जिसमें CRPF और पुलिस के जवान भी शामिल थे। सेना को सूचना मिली थी कि ये आतंकी किसी हमले की साजिश रच रहे थे। ये सभी कुख्यात आतंकियों की सूची में नहीं थे, लेकिन लगातार सक्रिय थे। उन्हें आत्मसमर्पण करने का भी मौका दिया गया, लेकिन वो लगातार फायरिंग करते रहे। अब तीनों ही आतंकियों की लाशों को एक साथ दफना दिया गया है।

उनमें से एक के रिश्तेदार जम्मू कश्मीर पुलिस में हैं। उनके परिवार दावा कर रहे हैं कि ये फेक एनकाउंटर है। पुलिस ने इस मामले में जाँच का आश्वासन दिया है। मृत आतंकियों में अजाज़ अहमद पुलवामा का है और एक हेड कॉन्स्टेबल का बेटा है। वो और अतहर एक-दूसरे को जानते थे। अजाज़ के अब्बा मोहम्मद मकबूल का कहना है कि वो सुरक्षा एजेंसियों पर भरोसा नहीं कर सकते। मारा गया तीसरा आतंकी जुबैर अहमद सोपियाँ का था।

अब जम्मू कश्मीर पुलिस ने इस एनकाउंटर का वीडियो भी सोमवार को जारी कर दिया। इसमें पुलिस के जवान माइक पर अनाउंसमेंट करते हुए देखा जा सकते हैं। वो तीनों आतंकियों को लगातार आत्मसमर्पण करने के लिए कह रहे हैं। दूसरी तरफ से इसका कोई जवाब नहीं दिया जाता है। होकरसर में तीनों आतंकियों को घेर लिया गया था, जिसके बाद उन्हें आश्वस्त किया गया था कि अगर उन्होंने सरेंडर कर दिया तो कोई नुकसान नहीं पहुँचाया जाएगा, लेकिन वो नहीं माने।

भारतीय सेना ने बताया है कि तीनों आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी, जिसके बाद जवाबी कार्रवाई की गई। सोमवार को इन आतंकियों के परिजन, रिश्तेदार और पड़ोसियों को लेकर श्रीनगर पहुँचे थे, जहाँ उन्होंने विरोध प्रदर्शन किया। अतहर के अब्बा मुस्ताक ने पूछा कि क्या भारत के लोग उसकी बात नहीं सुन रहे? उसने दावा किया कि उसका बेटा मात्र 16 साल का था और उसे अब न्याय चाहिए। उसने ये भी कहा कि उसकी भावनाओं को समझने वाला कोई नहीं है।

वहीं जुबैर का भाई भी पुलिस में कॉन्स्टेबल है। उसका नाम मोहम्मद शरीफ लोन है। उसने दावा किया कि उस दिन दोपहर 2 बजे तक उसका भाई घर में ही था, ऐसे में मात्र 2 घंटे के भीतर ही वो आतंकी कैसे बन गया? उसने दावा किया कि उसका भाई कंस्ट्रक्शन के बिजनेस में है। अब वीडियो जारी किए जाने के बाद परिजन कह रहे हैं कि उसमें अंदर से फायरिंग की आवाज़ नहीं आ रही है, इसीलिए ये भरोसे के लायक नहीं।

पुलिस ने जो 2 वीडियो जारी किए हैं, उनमें से एक दिसंबर 29 की शाम का है, जबकि एक उसके अगले दिन की सुबह का है। दोनों में ही पुलिस उन तीनों आतंकियों को चेतावनी देती ही दिख रही है, लेकिन उधर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आती है। आतंकियों ने जिस घर को अपना अड्डा बनाया था, उसे चारों तरफ से घेर लिया गया था। इतनी देर तक चेताए जाने के बावजूद उन्होंने फायरिंग की, जिसके बाद उन्हें मार गिराया गया।

जानकारी देते चलें कि जम्मू-कश्मीर में कट्टरपंथियों द्वारा सेना और सुरक्षबलों पर होने वाली पत्थरबाजी की घटनाओं में साल 2016 से लेकर साल 2020 तक 90% की गिरावट दर्ज की गई है। साल 2019 की तुलना में इस साल हुई पत्थरबाजी की घटनाओं में 87.13% की गिरावट हुई है। साल 2019 में, पत्थरबाजी की 1,999 घटनाएँ हुईं थीं, जिनमें से 1,193 बार यह पत्थरबाजी केंद्र सरकार द्वारा साल 2019 के अगस्त माह में जम्मू और कश्मीर के विशेष दर्जे को रद्द करने की घोषणा के बाद हुईं।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

महाराष्ट्र में महायुति सरकार लाने की होड़, मुख्यमंत्री बनने की रेस नहीं: एकनाथ शिंदे, बाला साहेब को ‘हिंदू हृदय सम्राट’ कहने का राहुल गाँधी...

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने साफ कहा, "हमारी कोई लड़ाई, कोई रेस नहीं है। ये रेस एमवीए में है। हमारे यहाँ पूरी टीम काम कर रही महायुति की सरकार लाने के लिए।"

महाराष्ट्र में चुनाव देख PM मोदी की चुनौती से डरा ‘बच्चा’, पुण्यतिथि पर बाला साहेब ठाकरे को किया याद; लेकिन तारीफ के दो शब्द...

पीएम की चुनौती के बाद ही राहुल गाँधी का बाला साहेब को श्रद्धांजलि देने का ट्वीट आया। हालाँकि देखने वाली बात ये है इतनी बड़ी शख्सियत के लिए राहुल गाँधी अपने ट्वीट में कहीं भी दो लाइन प्रशंसा की नहीं लिख पाए।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -