Monday, December 23, 2024
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मौसी की बेटी से कराची में निकाह किया, फिर ISI के लिए करने लगा जासूसी: 2 पासपोर्ट रखने वाले फैसल रहमान को 10 साल की सजा

फैसल रहमान मूलतः झारखंड के राँची का निवासी है। उसका घर जगन्नाथ थाना क्षेत्र के फिरदौस नगर में है। साल 2002-03 में फैसल पाकिस्तान के कराची में रहने वाली अपनी मौसी जाकिया मुमताज के घर गया था। यहाँ उसे अपनी मौसी की बेटी साइमा से मोहब्बत हो गई। साइमा पाकिस्तान के सरकारी स्कूल गवर्नमेंट इस्लामिया में पढ़ाती थी। थोड़ी ही दिनों के बाद फैसल ने उससे निकाह कर लिया।

कानपुर की एक अदालत ने शनिवार (2 फरवरी 2024) को पाकिस्तान के एक जासूस को 10 साल कैद की सजा सुनाई है। सजा पाए अपराधी का नाम फैसल रहमान उर्फ़ गुड्डू है। उस पर अदालत ने 50 हजार रुपए का जुर्माना भी ठोका है। आज से लगभग 13 साल पहले उसे उत्तर प्रदेश ATS ने सैनिक ठिकानों की रेकी करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। फैसल की बीवी पाकिस्तान के सरकारी स्कूल में नौकरी करती है। वहीं पर उसे पाकिस्तानी एजेंट ने अपने साथ मिलाया था।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, फैसल रहमान का केस कानपुर जिला अदालत के सत्र न्यायाधीश-8 राम अवतार प्रसाद की अदालत में सुना गया। फिलहाल वह जमानत पर चल रहा था। 13 साल तक चले इस मुकदमे में आखिरकार गुड्डू उर्फ़ फैसल रहमान को दोषी पाया गया। उसे 10 साल सश्रम कारावास और 50 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई गई। सजा सुनाए जाने के बाद पुलिस ने फैसल रहमान को कस्टडी में लेकर जेल भेज दिया।

कानपुर के ADGC अरविन्द डिमरी ने फैसल रहमान को बेहद शातिर अपराधी बताया। ADGC ने बताया कि फैसल को किसी वकील पर विश्वास नहीं था। उसने अपने मुकदमे की पैरवी खुद ही की थी। इस बावत उसने कोर्ट से बाकायदा धारा 32 के तहत अनुमति भी ली थी। माना जा रहा है कि जल्द ही फैसल रहमान अपनी सजा को हाईकोर्ट में चुनौती दे सकता है।

फैसल रहमान मूलतः झारखंड के राँची का निवासी है। उसका घर जगन्नाथ थाना क्षेत्र के फिरदौस नगर में है। साल 2002-03 में फैसल पाकिस्तान के कराची में रहने वाली अपनी मौसी जाकिया मुमताज के घर गया था। यहाँ उसे अपनी मौसी की बेटी साइमा से मोहब्बत हो गई। साइमा पाकिस्तान के सरकारी स्कूल गवर्नमेंट इस्लामिया में पढ़ाती थी। थोड़ी ही दिनों के बाद फैसल ने उससे निकाह कर लिया।

इसी पाकिस्तान यात्रा के दौरान उसकी मुलाकत ISI एजेंट से हुई थी। वह भारत लौटकर आने के बाद पाकिस्तान के लिए जासूसी करने लगा। उसने देश के विभिन्न हिस्सों में मौजूद सैनिक ठिकानों की रेकी करनी शुरू कर दी। वह प्रयागराज, राँची, झाँसी और बबीना गया। वहाँ मौजूद सैनिक ठिकानों की जानकारी जुटाई। उसने RTI डालकर भी सरकार से सेना संबंधी कई सवाल किए थे।

इन सवालों में कौन-सी बटालियन कहाँ तैनात है जैसे सवाल शामिल थे। हालाँकि इन हरकतों के चलते फैसल ATS के रडार पर आ चुका था। कई जगह घूमने के बाद आखिरकार फैसला साल 2011 में कानपुर पहुँचा। वह कानपुर सैनिक ठिकाने की जासूसी करने के लिए वहाँ गया था। वहाँ पहले से ही तैयार ATS ने 19 सितंबर 2011 को फैसल को कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन से दबोच लिया।

तलाशी के दौरान उसकी जेब से पाकिस्तानी सिम, हाथ से बना हुआ कानपुर सैनिक छावनी का नक्शा, दो अलग-अलग पासपोर्ट, कई टिकट और वोटर कार्ड आदि बरामद हुए थे। जब ATS ने उसका ईमेल चेक किया तो सेना से जुड़ी कई सूचनाएँ पाकिस्तान भेजे जाने की पुष्टि हुई। फैसल के पासपोर्ट अलग-अलग समय में पटना और राँची से बने मिले। वह पाकिस्तान के अलावा रूस की यात्रा कर चुका था।

फैसला रहमान पर धारा 22 (1), 120 बी और 115 IPC के अलावा शासकीय गोपनीयता अधिनियम 1973 की धारा 3/4/9 के तहत कानपुर के रेल बाजार थानाक्षेत्र में FIR दर्ज हुई थी। ATS की पूछताछ में फैसल ने पाकिस्तान के लिए जासूसी करने की बात कबूल की थी। उसे 2011 में जेल भेज दिया गया था, लेकिन बाद में जमानत हो गई थी। अब फैसल रहमान उर्फ़ गुड्डू को सजा सुनाई गई है।

Jharkhand court sentences Faisal Rehman to 10 years in jail for spying for Pakistan

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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