राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) ने आतंकवाद से जुड़े एक मामले में 10 लोगों से पूछताछ की है। यह मामला आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (ISIS) के साथ मिलकर भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश से जुड़ा है। एजेंसी ने बुधवार (मार्च 4, 2020) को यह जानकारी दी। इसके मुताबिक ये सभी 10 लोग 3 मार्च तक के लिए 6 दिनों की NIA की हिरासत में थे।
NIA: Questioned 10 accused in connection with ISIS terror-related case. They had obtained SIM cards on forged identities, pursuant to conspiracy hatched with ISIS/Daish member Khaja Mohideen & his associates to carry out activities for furthering objectives of ISIS/Daish in India pic.twitter.com/Y26OT5pr2b
— ANI (@ANI) March 4, 2020
NIA के एक अधिकारी ने बताया कि ये लोग भारत में हिंसक जिहाद छेड़ना चाहते थे और इसलिए उन्होंने दक्षिण भारत के जंगलों को अपना ठिकाना बनाया था। पूछताछ के दौरान साजिश में इन लोगों की संलिप्तता के बारे में सबूत जुटाए गए जिन्हें चेन्नई स्थित विशेष एनआईए अदालत में पेश किया जाएगा।
NIA ने जिन लोगों से पूछताछ की है, उसमें मोहम्मद हनीफ खान, मोहम्मद इमरान खान, मोहम्मद जैद, ए अब्दुल रहीम, लियाकत अली, एजाज पाशा, हुसैन शरीफ, अनबर्सन, पचैयाप्पन और राजेश का नाम शामिल है। इन लोगों के खिलाफ तमिलनाडु पुलिस ने आईपीसी की धारा 465, 468, 471 और 120 बी के तहत एफआईआर दर्ज किया था। इसके अलावा आरोपितों के खिलाफ UA(P)A के धारा 13 के साथ ही कई अन्य एक्ट के तहत फर्जी पहचान पत्र हासिल करने के लिए मामला दर्ज किया है।
NIA के एक प्रवक्ता ने बताया कि ये लोग ISIS के सदस्य ख्वाजा मोहिदीन और उनके सहयोगियों के साथ साजिश रच रहे थे, जो भारत में ISIS के उद्देश्यों को आगे बढ़ाने के लिए गैरकानूनी गतिविधियाँ करते हैं।
जाँच से पता चला है कि पचैयाप्पन, राजेश, अनबर्सन और अब्दुल रहीम ने फर्जी पहचान पर सिम खरीदा। इनसे लियाकत अली ने सिम लेकर ख्वाजा मोईदीन को उपलब्ध कराया था। मोहम्मद हनीफ खान, मोहम्मद इमरान खान, मोहम्मद जैद, एजाज पाशा और हुसैन शरीफ ने भारत में हिंसक जिहाद छेड़ने की साजिश में ख्वाजा मोईदीन की मदद की थी। इसके लिए उन्होंने दक्षिण भारत के जंगलों को अपना ठिकाना बनाया था और हथियार एवं सामग्री खरीदी थी।
NIA के एक अधिकारी ने बताया कि जाँच में यह भी पता चला है कि मोहम्मद हनीफ खान और इमरान खान ने मोइदीन को उसके सहयोगियों अब्दुल समद और सैयद अली को पिछले साल 12 दिसंबर को भारत के बाहर ले गया था। इसके बाद मोईदीन और उसके साथी जिहाद छेड़ने के इरादे से भारत लौट आए। लेकिन 8 जनवरी को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
एनआईए ने कहा कि मोहम्मद जैद ने भारत में आतंकवादी हमलों को अंजाम देने के लिए डार्क वेब में एन्क्रिप्टेड ईमेल और मैसेंजर प्लेटफॉर्म के जरिए कम्युनिकेट किया था। इसमें पाशा ने मोहिदीन की मदद की। महबूब पाशा ने पिस्तौल और गोला-बारूद की अवैध रूप से खरीददारी की। शरीफ ने बेंगलुरू के अपने घर में हिंसक इस्लामिक जिहाद के लिए सामान इकट्ठा किया था।