पंजाब की पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और दुर्ग्याणा मंदिर कमिटी की अध्यक्ष लक्ष्मी कांता चावला ने खालिस्तानी आतंकी और अलगाववादी संगठन ‘सिख फॉर जस्टिस’ के सरगना गुरपतवंत सिंह पन्नू को सख्त लहजे में चेतावनी दी है। 26 जनवरी को एक बार फिर मंदिर को बम से उड़ाने की धमकी भरा कॉल आने के बाद भाजपा नेता चावला ने कहा कि अगर पन्नू में हिम्मत है तो वह दुर्ग्याणा मंदिर आकर दिखाए।
दरअसल दुर्ग्याणा मंदिर कमिटी के प्रबंधक राम पाठक ने कहा कि 25 जनवरी 2024 को धमकी भरे दो फोन कॉल आए। पाठक ने मीडिया को बताया कि कॉल करने वाले ने मंदिर को बम से उड़ाने की धमकी दी है। इसके साथ ही कमिटी की अध्यक्ष लक्ष्मी कांता चावला और सचिव अरुण खन्ना को गोली मारने की भी बात कही गई।
इस धमकी का जवाब अब अयोध्या राम मंदिर से लौटकर आई लक्ष्मी कांता चावला ने दिया है। उन्होंने कहा है कि खालिस्तानी आतंकी पन्नू की धमकियों पर उन्हें तरस आता है। वह लाइमलाइट में रहने के लिए ये सब करता है। उन्होंने कहा, “हमारा देश इतना मजबूत है कि उसे उसकी औकात बताने में देर नहीं करेंगे, बस एक बार वो भारत आ तो जाए।”
चावला ने आगे कहा कि गुरपतवंत का अर्थ ‘गुरु के उपदेश का मान रखने वाला’ होता है। उन्होंने कहा, “पन्नू सिख भी नहीं है। अगर वह सिख होता तो युवाओं को गुमराह कर और पैसों का लालच देकर गलत काम नहीं करवाता। उसे पैसे मिल रहे हैं। कोई विदेशी एजेंसी उससे ये करवा रही है। विदेश में बैठ वो देश का माहौल खराब करना चाहता है।”
भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक, चावला ने कहा कि अगर पन्नू ने माँ का दूध पीया है तो एक बार दुर्ग्याणा आ जाए। उसे प्रसाद चखाया जाएगा। उससे पूछा जाएगा कि किसके कहने पर ये आग लगाने वाली बातें कर रहा है। उन्होंने कहा कि बीते 40 साल से ऐसी धमकियाँ आ रही हैं, लेकिन वे इससे डरने वाली नहीं हैं। उन्होंने सलाह दी कि पन्नू को अपना नाम बदल लेना चाहिए।
लक्ष्मी कांता चावला ने कहा कि वो खुद को गुरु तेगबहादुर की बेटी कहती हैं और वो डरने वाली नहीं हैं। पंजाब ने कई साल संताप झेला है। उन्होंने कहा कि पन्नू को अब समझ जाना चाहिए कि पंजाब में सांप्रदायिक माहौल नहीं खराब किया जा सकता। उन्होंने देश और पंजाब के युवाओं से गलत कदम नहीं उठाने का भी आग्रह किया।
बता दें कि इससे पहले 22 जनवरी 2024 को खालिस्तान समर्थक पन्नू ने एक वीडियो जारी कर दुर्ग्याणा मंदिर बंद करके इसकी चाबियाँ हरमंदिर साहिब को सौंपने की बात कही थी। इसके बाद अमृतसर पुलिस ने पन्नू के खिलाफ मामला दर्ज किया था। पुलिस ने पन्नू के खिलाफ देश की एकता, अखंडता और माहौल खराब करने की विभिन्न धाराओं के साथ-साथ आईटी एक्ट में भी केस दर्ज किया है।
कौन है लक्ष्मी कांता चावला
बता दें कि 83 साल की लक्ष्मी कांता चावला पंजाब सरकार की पूर्व कैबिनेट मंत्री रही हैं। अभी वह बीजेपी की सदस्य और सामाजिक कार्यकर्ता हैं। राजनीति में आने से पहले वह एक कॉलेज लेक्चरर थीं। साल 2022 में 496 वोट पाकर वह श्री दुर्ग्याणा मंदिर की पहली महिला प्रधान बनी थीं। उनके प्रतिद्वंद्वी कॉन्ग्रेस पार्टी के समर्थक रमेश शर्मा को सिर्फ 350 वोट मिले थे।