Sunday, November 17, 2024
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मालदीव में भारत के फंड से कई प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन, 30000 लोगों को सीधा फायदा: लाइन पर आए राष्ट्रपति मुइज्जु, अब जता रहे आभार

मुख्य विपक्षी दल मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी के अध्यक्ष अब्दुल्ला शाहिद ने शनिवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी मुइज्जू सरकार से अपने अधिकारियों की कार्रवाइयों, झूठ और गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणियों के लिए सार्वजनिक रूप से माफी माँग करती है, जिसके परिणामस्वरूप मालदीव के विदेशी और आर्थिक दृष्टिकोण को नुकसान पहुँचा है।

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार (10 अगस्त 2024) को मालदीव की सबसे बड़ी जल एवं स्वच्छता सहित कई परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इस परियोजना से 28 द्वीपों वाले मालदीव की लगभग 30,000 लोगों सीधा फायदा मिलेगा। इस परियोजना के लिए भारत ने 11 करोड़ डॉलर (लगभग 923 करोड़ रुपए) की आर्थिक मदद दी थी।

एस जयशंकर ने कहा, “भारत मालदीव के साथ संबंधों को प्राथमिकता देता है और मालदीव के विकासात्मक सहयोग के लिए भारत प्रतिबद्ध है। मालदीव हमारा साधारण पड़ोसी देश नहीं है, उससे हमारे संबंध बेहद मजबूत हैं।” विदेश मंत्री ने कहा कि भारत अपने पड़ोसी देश मालदीव को हर तरह की सहायता देना जारी रखेगा। उन्होंने दोस्ती निभाने के व्यवहारिक तरीके खोजने की भी बात कही।

दरअसल, राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के कार्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में इस परियोजनाओं का वर्चुअल उद्घाटन किया गया। इस अवर पर मालदीव के निर्माण एवं अवसंरचना मंत्री डॉ. अब्दुल्ला मुथथलिब भी मौजूद रहे। उन्होंने जयशंकर का आभार व्यक्त किया। बता दें कि जयशंकर तीन दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर राजधानी माले पहुँचे हैं।

कार्यक्रम के बाद राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने जयशंकर के साथ तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा की। इसके साथ ही उन्होंने पीएम मोदी की तारीफ करते हुए लिखा, “मैं मालदीव का हमेशा समर्थन करने के लिए भारत सरकार, विशेष रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त करता हूँ। हमारी स्थायी साझेदारी लगातार मजबूत हो रही है।”

चीन समर्थक एवं कट्टर भारत विरोधी माने जाने वाले मोहम्मद मुइज्जू ने आगे लिखा, “यह सुरक्षा, विकास व सांस्कृतिक संबंधों में सहयोग के माध्यम से दोनों देशों को करीब ला रही है। हम साथ मिलकर इस क्षेत्र के लिए एक उज्ज्वल, अधिक समृद्ध भविष्य तय कर रहे हैं। भारत हमेशा से मालदीव के सबसे करीबी सहयोगियों और अमूल्य भागीदारों में से एक रहा है।”

मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर ने भी ऐसी एक पोस्ट साझा की है। सोशल मीडिया साइट X (पूर्व में ट्विटर) पर साझा किए गए एक पोस्ट में मूसा जमीर ने कहा कि वह भारत की दृढ़ साझेदारी और स्थायी मित्रता के लिए बहुत आभारी हैं। जमीर ने कहा, “हम भारत के साथ मिलकर इस क्षेत्र के लिए उज्ज्वल एवं समृद्ध भविष्य का निर्माण करेंगे।”

विदेश मंत्री मूसा ने कहा कि भारतीय अनुदान से छह उच्च प्रभाव वाली सामुदायिक विकास परियोजनाएँ पूरी की गईं। ये परियोजनाएँ हैं- आर. उन्गूफारू में मानसिक स्वास्थ्य इकाई, एचडीएच. कुलहुधुफुशी में बाल विकास केंद्र, जीडीएच. थिनाधू, एल. गण और एचए. धिधुधू में समावेशी शिक्षा सहायता इकाइयाँ तथा थिमाराफुशी, वेयमांडू और जीए. कोंडे के द्वीपों में स्ट्रीट लाइट।

इसके साथ ही मालदीव के आर्थिक विकास एवं व्यापार मंत्रालय तथा भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) के बीच समझौता हुआ है। यह समझौता अंतर्राष्ट्रीय वित्त अवसरों को बढ़ाएगा, विदेशी निवेश को आकर्षित करेगा तथा मालदीव के आर्थिक विकास के लिए समर्थन प्रदान करेगा। मालदीव के सिविल सेवा आयोग तथा भारत के राष्ट्रीय सुशासन केंद्र के बीच समझौता का नवीनीकरण हुआ है।

मूसा ने आगे कहा, “हम जल्द ही पुनर्ग्रहण और तट संरक्षण परियोजना का हस्तांतरण समारोह और 4-लेन डेटोर लिंक रोड परियोजना का उद्घाटन शुरू करेंगे। दोनों परियोजनाओं को भारत सरकार द्वारा EXIM बैंक के ऋण सहायता के तहत सुविधा प्रदान की गई है। ये परियोजनाएँ अड्डू शहर के लोगों के विकास और समृद्धि में योगदान देंगी।”

भारत समर्थक मोहम्मद सोलिह की सरकार में विदेश मंत्री मोहम्मद अब्दुल्लाह शाहिद ने एक बयान जारी कर कहा है कि ये परियोजनाएँ दिसंबर 2018 में पूर्व राष्ट्रपति सोलिह की भारत की पहली राजकीय यात्रा के दौरान भारत सरकार द्वारा दी गई 800 मिलियन अमेरिकी डॉलर की ऋण सहायता के माध्यम से शुरू की गई थीं और उनके प्रशासन के दौरान इनका उद्घाटन किया गया था।

वहीं, भारत समर्थक मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी ने राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा भारत नीति में अचानक बदलाव किए जाने का स्वागत किया है। पार्टी ने कहा है कि मालदीव को हमेशा से भरोसा रहा है कि जब भी मालदीव ‘अंतरराष्ट्रीय 911’ डायल करेगा तो भारत हमेशा सबसे पहले जवाब देगा।

मुख्य विपक्षी दल मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी के अध्यक्ष अब्दुल्ला शाहिद ने शनिवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी मुइज्जू सरकार से अपने अधिकारियों की कार्रवाइयों, झूठ और गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणियों के लिए सार्वजनिक रूप से माफी माँग करती है, जिसके परिणामस्वरूप मालदीव के विदेशी और आर्थिक दृष्टिकोण को नुकसान पहुँचा है।

दरअसल, इस साल मई में भारत ने मालदीव को 50 मिलियन डॉलर (लगभग 420 करोड़ रुपए) की सहायता देने की घोषणा की थी। इसके मालदीव के विदेश मंत्री मूसा ने उस समय अपने पोस्ट में कहा था, “मैं मालदीव को 50 मिलियन डॉलर के ट्रेजरी बिल के रोलओवर के साथ महत्वपूर्ण बजटीय सहायता के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर और भारत सरकार को धन्यवाद देता हूँ। यह सद्भावना का सच्चा संकेत है, जो मालदीव और भारत के बीच दीर्घकालिक मित्रता का प्रतीक है।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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