बिहार में पकड़े गए प्रतिबंधित कट्टरपंथी इस्लामी समूह पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (PFI) नेटवर्क को मिली करोड़ों रुपए की विदेशी फंडिंग का खुलासा हुआ है। इसका पर्दाफाश राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) ने किया है। बताया जा रहा है कि कट्टरपंथी संगठन को संयुक्त अरब अमीरात (UAE) से पैसे भेजे गए। इस पैसे को देश के अलग-अलग राज्यों में फैले कट्टरपंथियों को बाँटने का टॉस्क मिला था। इस मामले में NIA ने कर्नाटक और केरल के रहने वाले 5 आरोपितों को गिरफ्तार किया है। राष्ट्रीय जाँच एजेंसी ने यह जानकारी मंगलवार (7 फरवरी 2023) को दी है।
NIA के मुताबिक यह गिरफ्तारियाँ फुलवारी शरीफ केस की जाँच के दौरान पकड़े गए आरोपितों ने की हैं। पकड़े गए आरोपितों में कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ निवासी मोहम्मद सिन्नान, सरफ़राज़ नवाज़, इकबाल, अब्दुल रफीक और केरल के कासरगोड का रहने वाला आबिद शामिल है। इन्हें देश के अलग-अलग हिस्सों में छापेमारी के दौरान पकड़ा गया है। पकड़े गए आरोपितों के पास से NIA ने दस्तावेज और डिजिटल सबूत बरामद किए हैं। आरोपितों के बैंक खातों में हुए लेन-देन की भी जाँच करवाई जा रही है।
NIA का मानना है कि संयुक्त अरब अमीरात से हुई फंडिंग बड़ी अंतराष्ट्रीय साजिश का हिस्सा है। इस पैसे का उपयोग PFI कैडरों के लिए गोला-बारूद और हथियार खरीदने में होना था। ये पैसे पकड़े गए आरोपितों में सरफ़राज़ और मोहम्मद सिन्नान के खाते में हवाला के जरिए भेजे गए थे। गिरफ्तार हुए सभी 5 आरोपित प्रतिबंधित PFI के एक्टिव मेंबर बताए जा रहे हैं। प्रतिबंधित समूह में इनकी जिम्मेदार पैसे जुटाने की बताई गई है।
Multi-State Hawala network funding PFI terror activity busted
— NIA India (@NIA_India) March 10, 2023
NIA arrests 5 Hawala operatives in Phulwarisharif PFI case pic.twitter.com/gaMagQDZN2
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जाँच में यह भी सामने आया है कि इकबाल ने साथियों सहित दुबई और आबू में पैसों की उगाही की थी। इसी केस में जाँच कर रही टीम ने पिछले माह फरवरी 2023 में बिहार के पूर्वी चम्पारण में PFI के 3 सक्रिय सदस्यों को गिरफ्तार किया था।
गौरतलब है कि फुलवारी शरीफ से गिरफ्तार कट्टरपंथी भारत को 2047 तक इस्लामी मुल्क बनाना चाह रहे थे। 27 सितंबर 2022 को केंद्र सरकार ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया (PFI) को बैन कर दिया था।