दुनियाभर में आतंक का साया तेजी से बढ़ रहा है। इसे रोकने के लिए दुनियाभर के नेता एकजुट होने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं भारत के दक्षिणी राज्यों के कुछ लोगों के इस्लामिक स्टेट (IS) में शामिल होने की बात केंद्रीय और राज्य सुरक्षा एजेंसियों के सामने आई है। इसको लेकर नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी (एनआईए) ने 17 मामले दर्ज किए हैं।
National Investigation Agency (NIA) has registered 17 cases related to the presence of IS in southern states of Telangana, Kerala, Andhra Pradesh, Karnataka & Tamil Nadu & arrested 122 accused persons: Ministry of Home Affairs (MHA) https://t.co/d2yoEw4zFN
— ANI (@ANI) September 16, 2020
गृह मंत्रालय ने कहा कि एनआईए ने तेलंगाना, केरल, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु में आईएस की उपस्थिति से संबंधित 17 मामले दर्ज किए हैं और 122 आरोपितों को गिरफ्तार किया है।
बता दें कि राज्य सभा में एक सवाल के जवाब में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने बताया कि एनआईए की जाँच में पता चला है कि इस्लामिक स्टेट (आईएस) केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, बिहार, यूपी, मध्य प्रदेश, और जम्मू-कश्मीर में सबसे अधिक सक्रिय है।
उन्होंने बताया कि IS, इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड लेवांत (ISIL), इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (ISIS), दाएश, इस्लामिक स्टेट इन खोरासान प्रॉविन्स (ISKP), आईएसआईएस विलायत खोरासान, इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक और शाम-खोरासान को केंद्र सरकार ने गैरकानूनी गतिविधियाँ (रोकथाम) कानून, 1967 के तहत प्रथम अनुसूची में शामिल कर उन्हें आतंकी संगठन घोषित किया है।
किशन रेड्डी ने बताया कि अपनी विचारधारा को फैलाने के लिए IS सोशल मीडिया के विभिन्न मंचों का इस्तेमाल कर रहा है। इसे देखते हुए संबद्ध एजेंसियाँ सोशल मीडिया की लगातार निगरानी कर कानून के अनुसार कार्रवाई कर रही हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को इन लोगों को होने वाली फंडिंग के बारे में पूरी जानकारी है। उनकी इस फंडिंग को रोकने की कोशिश की जा रही है।
वहीं इस मामले को लेकर खुफिया एजेंसी के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “यह एक तथ्य है कि केरल में कट्टरता प्रचलित है और एनआईए और राज्य, केंद्रीय खुफिया एजेंसियों द्वारा इस मामले में विस्तृत जाँच की गई है। कुछ संगठनों द्वारा ब्रेनवॉश किए गए युवा अभी भी हमारे रडार पर हैं और उन पर निगाह रखी जा रही है। सभी एजेंसियां ऐसे नेटवर्क को नष्ट करने के लिए पूर्ण समन्वय के साथ काम कर रही हैं।”