Sunday, December 22, 2024
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पाक की नाक के नीचे राजनाथ-गडकरी को लेकर उतरा हरक्युलिस, जगुआर-सुखोई की भी लैंडिंग: बाड़मेर में ELF रेडी

इस प्रोजेक्ट को तैयार करने के लिए 24 महीने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन इमरजेंसी लैंडिंग फील्ड का निर्माण 19 महीनों के भीतर ही कर लिया गया। जुलाई 2019 में इसकी शुरुआत की गई थी और इसी साल जनवरी में पूरा कर लिया गया था।

राजस्थान के बाड़मेर में गुरुवार (9 सितंबर 2021) को भारतीय वायुसेना ने शक्ति का प्रदर्शन किया। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को लेकर इमरजेंसी लैंडिंग फील्ड (ELF) पर सुपर हरक्युलिस उतरा। लड़ाकू विमान सुखोई-30 और जगुआर ने भी लैंडिंग की। इस दौरान चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत और एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया भी मौजूद थे। जिस जगह वायुसेना ने अपनी ताकत दिखाई वह पाकिस्तान की सीमा से महज 40 किलोमीटर दूर है।

सााभार: ANI

एनएच 925 ए पर बनी यह हवाई पट्टी 3 किलोमीटर लंबी है। वायुसेना के लड़ाकू विमान सीधे हाइवे पर उतरे। सुखोई, जगुआर और हरक्युलिस ने आसमान में अपना दम दिखाने के बाद हाइवे पर लैंडिंग की। एनएचआईए ने एयरफोर्स के साथ मिल बाड़मेर-जालौर बॉर्डर स्थित बाखासर-साता के पास बने खास हवाई पट्टी को तैयार किया है। यहाँ लड़ाकू विमानों की आपात लैडिंग करवाई जा सकेगी।

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भारत-पाक सीमा से महज 40 किमी दूरी पर बाड़मेर-जालौर के अड़गावा में बनी इमरजेंसी हाइवे हवाई पट्टी का उद्घाटन करने के लिए दोनों केंद्रीय मंत्री एक साथ दिल्ली से हरक्युलिस विमान में सवार होकर बाड़मेर पहुँचे थे।

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गुरुवार को रनवे पर सुखोई लड़ाकू विमान ने फ्लाइपास किया, साथ ही जगुआर और एयरफोर्स के अन्य विमान भी इस दौरान यहाँ पर दिखाई दिए। ये एयरस्ट्रिप भारत-पाकिस्तान बॉर्डर के पास ही है, ऐसे में किसी विपरीत परिस्थिति में इसकी अहमियत सबसे अधिक होगी। 

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वायुसेना ने इस हवाई पट्टी पर अपनी पहली रिहर्सल की। इस दौरान तीन फाइटर विमान उतारे। सबसे पहले हरक्युलिस को लैंड कराया गया। इसके बाद सुखोई, मिग और अगस्ता हेलिकॉप्टर की लैंडिंग कराई गई।

इस दौरान एसयू-30 एमकेआई, सुपर हरक्यूलिस एंड जगुआर फाइटर विमानों का फ्लाईपास्ट हुआ। इस प्रोजेक्ट को तैयार करने के लिए 24 महीने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन इमरजेंसी लैंडिंग फील्ड का निर्माण 19 महीनों के भीतर ही कर लिया गया। जुलाई 2019 में इसकी शुरुआत की गई थी और इसी साल जनवरी में पूरा कर लिया गया था। 

इस दौरान राजनाथ सिंह ने कहा, “अंतर्राष्ट्रीय बॉर्डर से कुछ ही कदम दूर इस प्रकार की इमर्जेंसी लैंडिंग फील्ड का तैयार होना सिद्ध करता है कि भारत अपनी एकता, संप्रभुता और अखंडता की रक्षा के लिए सदैव तैयार है। भारत के अंदर किसी भी चुनौती का सामना करने की क्षमता है।”

रक्षा मंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार ने एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। सरकार इंडियन एयर फोर्स (IAF) के लिए 56 परिवहन हवाई जहाज खरीदेगी। इस पर करीब 22,000 करोड़ रुपए का खर्च आएगा।

वहीं नितिन गड़की ने इस मौके पर कहा, “हमने भारतमाला परियोजना के तहत करीब 45 करोड़ की लागत से 3 किलोमीटर लंबी एयरस्ट्रिप तैयार की है। इसकी क्वालिटी बहुत अच्छी है। इसका उपयोग भारतीय वायुसेना की आपातकालीन लैंडिंग के लिए होगा।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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