पश्चिम बंगाल पुलिस ने प्रतिबंधित आतंकी संगठन अंसार-उल-इस्लाम बांग्लादेश के आठ संदिग्ध सदस्यों को गिरफ्तार किया है। इन लोगों का लक्ष्य था पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी और पूर्वोत्तर के सात राज्यों को जोड़ने वाले ‘चिकन नेक’ इलाके में बड़े पैमाने पर अस्थिरता फैलाना। पुलिस के मुताबिक, यह आतंकी संगठन इस संवेदनशील क्षेत्र में समन्वित हमलों की योजना बना रहा था ताकि भारत के पूर्वोत्तर राज्यों के संपर्क को बाधित किया जा सके।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस ने मुर्शिदाबाद जिले में गिरफ्तार हुए दो संदिग्ध आतंकियों से 16 जीबी की पेन ड्राइव, जिहादी साहित्य, फर्जी पहचान पत्र और अन्य संदिग्ध दस्तावेज बरामद किए हैं। गिरफ्तार आतंकियों की पहचान अब्बास अली और मीनारुल शेख के रूप में हुई है। पुलिस के अनुसार, ये दोनों एक स्लीपर सेल का हिस्सा थे जो दक्षिण और उत्तर बंगाल के संवेदनशील इलाकों में अस्थिरता पैदा करने के साथ-साथ पूर्वोत्तर भारत में भी आतंक फैलाने की योजना बना रहे थे।
क्या है चिकन नेक?
चिकन नेक यानी सिलीगुड़ी कॉरिडोर भारत के लिए रणनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण है। यह पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी क्षेत्र को भारत के सात पूर्वोत्तर राज्यों से जोड़ने वाला एकमात्र मार्ग है। इसकी चौड़ाई मात्र 22 किलोमीटर है और यह भूटान, नेपाल और बांग्लादेश से सटा हुआ है। अगर इस क्षेत्र में कोई व्यवधान उत्पन्न होता है, तो पूरे पूर्वोत्तर भारत का बाकी देश से संपर्क टूट सकता है। इस वजह से आतंकियों के लिए यह क्षेत्र हमेशा से एक संवेदनशील लक्ष्य रहा है।
पुलिस जाँच में यह भी सामने आया है कि इन आतंकियों ने मुर्शिदाबाद और अलीपुरद्वार जिलों में अपने ठिकाने बना लिए थे। उनकी योजना थी कि वे बंगाल और पूर्वोत्तर क्षेत्र में प्रमुख हिंदू नेताओं को निशाना बनाएँ। इसके अलावा ये आतंकी बांग्लादेश में 2015 में हुए ब्लॉगर हत्याकांड जैसे हमलों को दोहराना चाहते थे।
अधिकारियों का कहना है कि मुर्शिदाबाद बांग्लादेशी आतंकी संगठनों के लिए एक आसान रास्ता बन गया है। यह इलाका सीमावर्ती होने के कारण आतंकियों के लिए भारत में घुसपैठ और हथियारों की तस्करी के लिए उपयुक्त है।
बता दें कि अंसार-उल-इस्लाम बांग्लादेश एक प्रतिबंधित आतंकी संगठन है, जो बांग्लादेश से संचालित होता है और इस्लामी कट्टरपंथी विचारधारा का प्रचार करता है। हाल के वर्षों में यह संगठन भारत में भी अपनी जड़ें जमाने की कोशिश कर रहा है। मुर्शिदाबाद और उससे लगे इलाकों में यह संगठन न केवल अपने ठिकाने बना रहा है, बल्कि नए सदस्यों की भर्ती भी कर रहा है।
गिरफ्तार आतंकी न केवल क्षेत्रीय अस्थिरता पैदा करना चाहते थे, बल्कि धार्मिक नेताओं की हत्या कर सांप्रदायिक तनाव भी फैलाना चाहते थे। उनकी योजनाओं का एक और मकसद भारत और पूर्वोत्तर राज्यों के बीच संपर्क को काटकर देश की सुरक्षा को चुनौती देना था। फिलहाल, पश्चिम बंगाल पुलिस ने कहा है कि आतंकियों की अन्य स्लीपर सेल की पहचान करने और उनके नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए जाँच जारी है।