Thursday, November 14, 2024
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‘अंग्रेजों की तरह लक्ष्मीबाई के पास संसाधन होते तो इतिहास कुछ और होता’: झाँसी में पीएम मोदी ने सेना को सौंपे स्वदेशी लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर, ड्रोन और UAV

पीएम मोदी ने कहा, "मैं झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई की जन्मभूमि वाराणसी का प्रतिनिधित्व करता हूँ। मैं इस धरती से झाँसी के एक और सपूत मेजर ध्यानचंद को नमन करता हूँ, जिन्होंने भारत के खेल जगत को दुनिया भर में पहचान दी।"

भारत ने डिफेंस सेक्टर में आत्मनिर्भर बनने के लिए कदम बढ़ा दिया है और इसका एक नजारा शुक्रवार (19 नवंबर 2021) को उस वक्त देखने को मिला, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झाँसी में पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक पर बनाए गए घातक हथियारों और हेलीकॉप्टरों को भारतीय सेना को सौंपा। इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि बुंदेलखंड डिफेंस कॉरिडोर का सारथी बनेगा।

पीएम मोदी ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा निर्मित लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर और डीआरडीओ द्वारा डिजाइन किए गए एवं भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड द्वारा बनाए गए इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सूट सेना को सौंपा। इसके अलावा, उन्होंने भारतीय स्टार्टअप्स द्वारा बनाए गए ड्रोन और यूएवी को भी सेना को सौंपा।

अपने संबोधन को पीएम मोदी ने बुंदेलखंडी में शुरू किया। उन्होंने कहा, “झाँसी की इस शौर्य भूमि पर ऐसा कोई नहीं होगा, जिसके शरीर में बिजली न कौंध जाए। ऐसा कौन होगा, जिसके कानों में ‘मैं मेरी झाँसी नहीं दूँगी’ की गर्जना नहीं गूँजती हो। आज शौर्य और वीरता की पराकाष्ठा झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई की जन्मदिन ही है। आज इस धरती पर एक नया, सशक्त और सामर्थ्यशाली भारत आकार ले रहा है।”

पीएम मोदी ने आगे कहा, “मैं झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई की जन्मभूमि वाराणसी का प्रतिनिधित्व करता हूँ। मैं इस धरती से झाँसी के एक और सपूत मेजर ध्यानचंद को नमन करता हूँ, जिन्होंने भारत के खेल जगत को दुनिया भर में पहचान दी। कुछ समय पहले ही हमारी सरकार ने देश के खेल रत्न पुरस्कार को मेजर ध्यानचंद के नाम पर रखने की घोषणा की थी। झाँसी से देश के रक्षा क्षेत्र में एक नया अध्याय शुरू होने जा रहा है। यहाँ 400 करोड़ रुपए की लागत से भारत डायनामिक्स लिमिटेड के एक नए प्लांट का शिलान्यास हुआ है। इससे यूपी डिफेंस कॉरिडोर और झाँसी को नई पहचान मिलेगी।”

प्रधानमंत्री ने बताया, “अब से झाँसी में एंटी टैंक मिसाइलों के उपकरण बनेंगे। इससे देश की सीमाओं को और अधिक सुरक्षित रखने में मदद मिलेगी। भारत में निर्मित लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर्स, ड्रोन्स और इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम भी सेना को समर्पित किए गए। ये ऐसा हेलीकॉप्टर है, जो करीब 16,500 फीट की ऊँचाई पर उड़ान भर सकता है।” उन्होंने कहा कि पहले 65-70 प्रतिशत हथियार बाहर से खरीदे जाते थे। अब 65 प्रतिशत हथियार भारत में बन रहे हैं। इसके साथ ही 70 देशों को हथियार निर्यात भी किए जा रहे हैं।

अपने बचपन को याद करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि वह भी कभी एनसीसी के कैडेट थे। उन्होंने यह भी बताया कि आज नेशनल वॉर मेमोरियल पर डिजिटल कियोस्क को भी लॉन्च किया जा रहा है। इससे मोबाइल ऐप के जरिए सभी देशवासी हमारे रियल हीरो को डिजिटल रूप से श्रद्धांजलि दे सकेंगे और उनसे भावनात्मक रूप से जुड़ सकेंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा, “भारत कभी भी कोई लड़ाई शौर्य और वीरता की कमी के कारण नहीं हारा। अगर रानी लक्ष्मीबाई के पास अंग्रेजों के समान संसाधन होते तो शायद देश की आजादी का इतिहास आज कुछ और ही होता। अब ये हमारी जिम्मेदारी है कि देश को सरदार पटेल के सपनों का भारत बनाएँ। अब तक हमारी पहचान दुनिया भर में हथियार के खरीददार देश के रूप में थी, लेकिन अब हमारा एक ही मंत्र है ‘मेक इन इंडिया, मेक फॉर वर्ल्ड।” इस मौके पर यूपी सरकार द्वारा अटल एकता पार्क और 600 मेगावॉट की क्षमता वाला सोलर पॉवर पार्क भी झाँसी को समर्पित किया गया।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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