देश भर में पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया (PFI) के खिलाफ चल रही छापेमारी के बीच मंगलवार (27 सितम्बर 2022) तक कुल 170 सदस्यों को हिरासत में लिया गया है। ये गिरफ्तारियाँ 8 अलग-अलग राज्यों में हुई हैं। केरल वाली स्थिति को देखते हुए दिल्ली के शाहीन बाग में अर्ध सैनिक बलों को गश्त करवाया जा रहा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ये छापेमारी उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, असम, गुजरात, कर्नाटक, दिल्ली और महाराष्ट्र में हुई है। अकेले कर्नाटक से 45 गिरफ्तारियाँ होने की सूचना है। मध्य प्रदेश के शाजपुर के साथ दिल्ली के शाहीन बाग़, निजामुद्दीन और जामिया इलाकों में भी NIA ने छापेमारी की है।
मध्य प्रदेश के शाजपुर से 2 और दिल्ली के जामिया और शाहीन बाग़ इलाके से लगभग 1 दर्जन संदिग्धों को हिरासत में लिए जाने की सूचना है। महाराष्ट्र के औरंगाबाद और नांदेड़ में भी ATS की छापेमारी के दौरान लगभग 14 संदिग्धों को हिरासत में लेने की खबर है। पश्चिम उत्तर प्रदेश के मेरठ और बुलंदशहर में भी छापेमारी की सूचना है।
#BREAKING | दिल्ली में शाहीन बाग से निजामुद्दीन तक PFI के ठिकानों पर NIA के छापे, 14 हिरासत में लिए गए-सूत्र#PFI #NIARaidsPFI pic.twitter.com/PGtdU10W31
— Times Now Navbharat (@TNNavbharat) September 27, 2022
मिल रही जानकारी के मुताबिक PFI का रिश्ता प्रतिबंधित SIMI, भगोड़े ज़ाकिर नाईक और आतंकी संगठन ISIS से पाया गया है। बताया ये भी जा रहा है कि PFI ने भारत में अस्थिरता फैलाने के लिए न सिर्फ पाकिस्तान बल्कि मिडिल ईस्ट के लोगों का भी सहारा लिया है।
न्यूज़ 18 के मुताबिक PFI ने देश भर में हिंसा की बड़े स्तर प्लानिंग की थी। इसका राष्ट्रीय अध्यक्ष अब्दुल रहमान कभी SIMI का राष्ट्रीय सचिव हुआ करता था। इसके साथ इसी समूह का एक अन्य पदाधिकारी अब्दुल हमीद भी कभी सिमी से जुड़ा हुआ था।
आरोप है कि PFI को उसकी आतंकी हरकतों को संचालित करने के लिए मध्य-एशिया से पैसे आते थे। इसे भारत में पहुँचाने में पाकिस्तान मध्यस्तता किया करता था। इस नेटवर्क के संचालन में PFI की राष्ट्रीय टीम में शामिल मोहम्मद शाकिब का अहम रोल है।
रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि पाकिस्तान से पैसे उगाही करने के लिए PFI भारत की जेलों में बंद पाकिस्तानियों की पैरवी का हवाला दिया करता था। आपको याद दिला दें कि ISIS की हरकतों को भारत में एक्टिव रखने के लिए मोहिदीन ने 8 जनवरी 2021 में कन्याकुमारी में कालियाकविलाई चेकपॉइंट पर ऑन ड्यूटी सब इंस्पेक्टर विल्सन की हत्या की थी। PFI के मोहम्मद शाकिब ने बाद में अपने साथियों सहित सब इंस्पेक्टर विल्सन के कातिलों के लिए इस केस पर काम किया था।