Sunday, December 22, 2024
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जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अज़हर के भाई के पुलवामा मास्टरमाइंड होने की संभावना

एनआईए ने नवंबर 2016 में जम्मू-कश्मीर के नगरोटा में सेना के एक शिविर पर हुए हमले से जुड़े मामले में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद के भाई मौलाना अब्दुल रोउफ असगर समेत 13 अन्य के ख़िलाफ़ चार्जशीट दाखिल की थी।

DNA के लेख के अनुसार, पुलवामा में हुए आत्मघाती हमले में आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अज़हर के भाई, मुफ़्ती अब्दुल रऊफ़ असगर के मास्टरमाइंड होने का संदेह है। इस बाबत पुख़्ता सबूत जुटाने का प्रयास किया जा रहा है कि क्या अब्दुल रऊफ़ असगर ने पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजेंसी के साथ मिलकर इस आत्मघाती हमले की साज़िश रची थी?

बता दें कि इससे पहले एनआईए (राष्ट्रीय जाँच एजेंसी) नवंबर 2016 में जम्मू-कश्मीर के नगरोटा में सेना के एक शिविर पर हुए हमले से जुड़े मामले में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद के भाई मौलाना अब्दुल रोउफ असगर समेत 13 अन्य के ख़िलाफ़ चार्जशीट दाखिल की थी। इस चार्जशीट में जाँच एजेंसी के प्रवक्ता ने अपने बयान में कहा था कि दंड संहिता, ग़ैर-कानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम और विदेशी नागरिक अधिनियम के तहत चार्जशीट दाखिल की गई थी।

फ़िलहाल, जाँच एजेंसियों को पता चला है कि पिछले तीन महीनों में जैश-ए मौहम्मद आतंकी संगठन दक्षिण कश्मीर में अपनी आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए फिर से अपना नेटवर्क दुरुस्त कर रहा है।

पुलवामा हमले की साज़िश रचने वाले जैश के आतंकी आदिल अहमद उर्फ वकास कमांडो का एक संदेशरूपी वीडियो भी जारी किया गया। ये वही आतंकी है जो मई 2018 में सेना के एनकाउंटर में बच निकला था। इसी ने विस्फोटक से भरी कार जवानों की बस से टकराई। 

पिछले साल (2018), सुरक्षा बलों ने घाटी में आतंकी मौहम्मद उस्मान को मार गिराया था। ये वही उस्मान है जो जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मौलाना मसूद अज़हर का भतीजा था। इससे पहले साल 2017 में, सुरक्षा बलों ने बारामूला में जैश के ऑपरेशनल चीफ़ ख़ालिद को मार गिराया था।

राज्य के घटनाक्रम पर नज़र रखने वालों ने कहा कि राज्य में एक आत्मघाती कार द्वारा किया गया यह हमला बहुत असामान्य था और पिछले दो दशकों में कश्मीर में ऐसा हमला नहीं हुआ है।

जैश-ए-मोहम्मद ने पहला आत्मघाती हमला साल 2000 में किया था, जब श्रीनगर के अफ़ाक अहमद शाह ने श्रीनगर में सेना के 15 कोर मुख्यालय के प्रवेश द्वार में विस्फोटक से लदी मारुति 800 को टक्कर देने की कोशिश की थी। हालाँकि, सैनिकों ने हमलावर को चुनौती दी और विस्फोटकों को समय से पहले विस्फोट करने के लिए मजबूर किया।

इसके बाद जैश संगठन ने फिर से उसी स्थान पर एक और आत्मघाती हमला किया, जिसे नाकाम कर दिया गया। इस तरह की बमबारी 2001 के दौरान हुई थी जब जैश संगठन ने श्रीनगर के जहाँगीर चौक पर पुराने विधानसभा भवन के गेट के बाहर विस्फोटकों से भरी एक टाटा सूमो में विस्फोट किया था। इस हमले में 38 लोग मारे गए थे और 40 अन्य घायल हुए थे। विस्फोट के बाद, जैश के तीन आतंकवादी विधानसभा परिसर में घुस गए, जिन्हें बाद में मार गिराया गया था।

पुलवामा में हुए आत्मघाती हमले की पूरे राजनीतिक क्षेत्र में व्यापक निंदा हुई। अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा: “पुलवामा में सीआरपीएफ कर्मियों पर हमला निंदनीय है। मैं इस नृशंस हमले की कड़ी निंदा करता हूँ। हमारे बहादुर सुरक्षाकर्मियों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। पूरा देश शहीदों के परिवारों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है।” इस बीच, गृह मंत्री राजनाथ सिंह के भी आज श्रीनगर पहुँचने की उम्मीद है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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