पुलवामा में पिछले साल केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के काफिले पर हुए हमले में 40 जवान बलिदान हो गए थे। इस केस की जाँच कर रहे राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) ने अब चार्जशीट फाइल कर दी है। ये हमला कैसे हुआ? किसकी थी प्लानिंग? कौन-कौन थे शामिल? चार्जशीट में सब कुछ डिटेल में बताया गया है।
अब तक की जानकारी के अलावा जो सबसे चौंकाने वाली बात है वो है अटैक की जगह को फाइनल करने वाले शख्स का नाम। यह शख्स है – शाकीर बशीर मागरने। 22 साल इसकी उम्र है। फर्नीचर की दुकान चलाता है। किस जगह पर सबसे ज्यादा नुकसान होगा, इस बात की सटीक जानकारी देने के लिए इन आतंकियों के पाकिस्तानी आकाओं ने बशीर की तुलना संसद हमले के दोषी अफजल गुरु से की है।
पुलवामा की प्लानिंग ताकि हो मैक्सिमम नुकसान
बशीर पुलवामा के लेथपोरा में फर्नीचर की दुकान चलाता था। इस शख्स ने ही आतंकियों को बताया कि कहाँ से CRPF का काफिला निकलता है। क्योंकि इसकी दुकान हमले वाली साइट के ही पास थी। सड़क किनारे दुकान होने का इसने फायदा उठाया। क्योंकि सुरक्षाबलों के काफिले को वो हर दिन बड़ी आसानी से ध्यान से देख पाता था।
बशीर ने ही अन्य आतंकियों को बताया कि हाई-वे पर जहाँ उसकी दुकान है, वहाँ से आगे एक ढलान है, जहाँ गाड़ियों का काफिला धीमा हो जाता है। साथ ही उसने यह भी बताया कि क्यों उस जगह पर बम से भरी कार CRPF काफिले को टक्कर मार सकती है। क्योंकि उसी ढलान के पास हाइवे को जोड़ती हुई एक स्लिप रोड भी है। इतनी सटीक जानकारी के बाद आतंकियों ने इसी जगह हमला करने की प्लानिंग बनाई।
बशीर मतलब अफजल गुरु!
पुलवामा हमले की योजना बनाने वाला शख्स मोहम्मद उमर फारूक़। मैक्सिमम नुकसान के लिए लोकल इंफो देने वाला बशीर। बशीर की सूचना मोहम्मद उमर फारूक़ के लिए इतनी अहम थी कि वो उसे संसद हमले के दोषी अफजल गुरु से समान दर्जा देते हुए तुलना करने लगा था। NIA ने पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान भेजे गए ऑडियो मैसेज से यह जानकारी निकाली।
NIA ने जिस मैसेज को डिकोड किया, उसने शाकिर बशीर की जमकर तारीफ की गई थी। तारीफ के अलावा फारूक़ ने बशीर की तुलना अफजल गुरु से की थी। NIA ने 13500 पन्नों की चार्जशीट में बताया है कि बशिर हमले से कुछ दिन पहले ही जैश-ए-मोहम्मद में शामिल हुआ था।
ज्ञात हो कि NIA ने इस साल फरवरी में शाकिर बशीर को गिरफ्तार किया था। शुरुआती जाँच में इस आतंकी को NIA पुलवामा हमले को अंजाम देने वालों को एक साल तक अपने पास रखने और हमले में शामिल कार में RDX लगाने तक सीमित मान रही थी। लेकिन अब इसे सबसे अहम कड़ी के तौर पर देखा जा रहा है। वैसे भी बशीर हमले को अंजाम देने वाले आदिल अहमद का खास दोस्त है।