सुरक्षा बलों में महिला अधिकारियों की तरह ही महिला सैनिकों को भी अब मातृत्व, बच्चों की देखभाल और बच्चे गोद लेने के लिए छुट्टियाँ और अन्य सुविधाएँ समान रूप से मिलेंगी। दरअसल, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने महिला सैनिकों, नाविकों और वायु योद्धाओं को उनके समकक्ष अधिकारी के समान मातृत्व, बच्चों की देखभाल और बच्चे को गोद लेने की छुट्टी देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। मोदी सरकार द्वारा यह पहल सेना में महिला और पुरुषों की समान सहभागिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से दी गई हैं।
रक्षा मंत्रालय ने रविवार (5 नवंबर, 2023) को कहा कि यह निर्णय सशस्त्र बलों में सभी महिलाओं की समावेशी भागीदारी है, चाहे उनकी रैंक कुछ भी हो। प्रस्ताव में कहा गया है कि इस उपाय से सेना में महिलाओं के लिए काम की स्थिति में सुधार होगा क्योंकि इससे उन्हें अपने पेशेवर और पारिवारिक जीवन को बेहतर तरीके से संतुलित करने में मदद मिलेगी
The decision is in line with the RM’s vision of inclusive participation of all women in the Armed Forces, irrespective of their ranks. The extension of leave rules will go a long way in dealing with women-specific family and social issues relevant to the Armed Forces. This…
— रक्षा मंत्री कार्यालय/ RMO India (@DefenceMinIndia) November 5, 2023
मंत्रालय ने कहा, “नियम जारी होने के साथ ही सेना में सभी महिलाओं के लिए ऐसी छुट्टी का नियम समान रूप से लागू होगा, चाहे वह अधिकारी हो या किसी अन्य रैंक पर।” बता दें कि अग्निवीर महिलाओं को भी यही सुविधाएँ मिलेंगी।
अभी सेना में, महिला अधिकारियों को प्रत्येक बच्चे के लिए पूरे वेतन के साथ 180 दिनों का मातृत्व अवकाश मिलता है। यह सुविधा अधिकतम दो बच्चों के लिए लागू होती है। अधिकारियों के अनुसार, महिला अधिकारियों को कुल सेवा करियर में 360 दिनों की चाइल्डकैअर छुट्टी दी जाती है। उन्होंने बताया कि एक वर्ष से कम उम्र के बच्चे को गोद लेने की वैध तिथि के बाद 180 दिनों की बाल गोद लेने की छुट्टी दी जाती है।
वहीं रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “छुट्टी नियमों का विस्तार सशस्त्र बलों से संबंधित महिलाओं के काम के हालत को बेहतर बनाएगा और उन्हें सामाजिक और प्रोफेशनल जीवन में संतुलन बनाने में मदद मिलेगी।”
मंत्रालय ने कहा कि नारी शक्ति (महिला शक्ति) के उपयोग के प्रति नरेंद्र मोदी सरकार की प्रतिबद्धता के अनुरूप, तीनों सेनाओं ने महिलाओं को सैनिकों, नाविकों और वायु योद्धाओं के रूप में शामिल करके एक आदर्श बदलाव की शुरुआत की है।
मंत्रालय ने इस बात पर ख़ुशी व्यक्त की कि दुनिया के सबसे ऊँचे युद्धक्षेत्र सियाचिन में सक्रिय रूप से तैनात होने से लेकर युद्धपोतों पर तैनात होने के साथ-साथ वायु सेना में भी, भारतीय महिलाएँ अब सशस्त्र बलों में लगभग हर क्षेत्र में बाधाओं को तोड़ रही हैं। इसी कड़ी में 2019 में, भारतीय सेना में सैन्य पुलिस कोर में सैनिकों के रूप में महिलाओं की भर्ती एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुई है।