कॉन्ग्रेस नेता शशि थरूर ने यह दावा किया कि अगर पुलवामा हमला न होता तो कॉन्ग्रेस के पक्ष में बहुत अच्छा माहौल लोकसभा चुनावों के परिप्रेक्ष्य में बन चुका था। उन्होंने भाजपा पर आगामी चुनावों को ‘खाकी चुनाव’ बनाने का भी आरोप लगाया।
‘केरल में पहली बार किसानों की आत्महत्या’
पूर्व केन्द्रीय मंत्री व संयुक्त राष्ट्र राजनयिक थरूर ने भाजपा के रोजगार-सम्बंधित दावों का मज़ाक उड़ाते हुए कहा कि भाजपा केवल दिल्ली में अपना रोजगार (सरकार) बचाने की चिंता में है। उन्होंने देश में किसानों की भाजपा सरकार के कार्यकाल में बदहाली पर भी चिंता व्यक्त करते हुए उदहारण दिया कि उनके गृह राज्य केरल में पहली बार 8 किसानों ने आत्महत्या कर ली है।
शशि थरूर का यह दावा हास्यास्पद भी है और अटपटा भी- हास्यास्पद इसलिए क्योंकि पहली बात तो यह केरल में पहली किसान आत्महत्या नहीं है (2001-06 में जब कॉन्ग्रेस-नीत यूडीएफ राज्य में सत्ता में था, तो खाली वैनाड जिले में 500 किसानों की आत्महत्या की खबर मीडिया ने रिपोर्ट की)।
और यह अटपटा इसलिए है कि भाजपा कभी भी केरला की सत्ता में नहीं रही- इन 8 किसानों की आत्महत्या के लिए यदि सत्ता जिम्मेदार है तो यह जिम्मेदारी वामदलों-नीत उस एलडीएफ की होनी चाहिए जिससे शशि थरूर की पार्टी कॉन्ग्रेस अपने कार्यकर्ताओं की हत्या का आरोप लगाने के बावजूद गठबंधन के लिए लालायित है।
‘हमारी ज़िम्मेदारी असली मुद्दे जनता को याद दिलाने की’
भूख, गरीबी, बीमारियों को दैनिक आतंकवाद बताते हुए शशि थरूर ने कहा कि सरकार को इन मुद्दों से भी लड़ने की आवश्यकता है, और यह भी कहा कि वे राष्ट्रीय सुरक्षा और बाह्य खतरों जैसे मुद्दों को कम कर के नहीं आँक रहे हैं।
‘क्षणिक त्रासदियों पर न हों चुनाव’
तिरुवनंतपुरम से दो बार के लोकसभा सांसद और तीसरी बार के प्रत्याशी शशि थरूर ने कहा कि चुनाव पुलवामा हमले जैसी क्षणिक त्रासदियों पर नहीं, बल्कि भूख, गरीबी, बीमारियों जैसे सर्वकालिक मुद्दों पर लड़े जाने चाहिए।
मालूम हो कि गत 14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ के 40 सैनिक जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती हमले में मारे गए थे। पलटवार में भारत ने पाकिस्तान में खैबर पख्तूनख्वा स्थित बालाकोट में आतंकी कैम्पों पर हमला किया और 300-400 आतंकियों के मारे जाने का दावा किया।
शशि थरूर इन्हीं हवाई हमलों के बाद भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पक्ष में बने सकारात्मक माहौल का ज़िक्र कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भाजपा की कोशिश ऐसा माहौल बनाने की है कि केवल भाजपा ही राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षक है जबकि कॉन्ग्रेस देश की हिफ़ाज़त को हल्के में ले रही है।
शशि थरूर का भाजपा पर चुनावों का खाकीकरण करने का आरोप एक बार फिर हास्यास्पद है। जब कॉन्ग्रेस के खुद के महत्वपूर्ण नेता कपिल सिब्बल, दिग्विजय सिंह, नवजोत सिंह सिद्धू बालाकोट हवाई हमले पर सवाल उठाते हैं, राहुल गाँधी मोदी पर खून की दलाली का आरोप लगाते हैं, तो क्या उन्हें ऐसा करने का इशारा भाजपा की ओर से मिलता है?
‘उम्मीद है कि लोग भाजपा को उखाड़ फेंकेंगे’
शशि थरूर ने भाजपा सरकार पर फिर से बहुसंख्यकवाद फैलाने और देश के सेक्युलर सिद्धांत को कमज़ोर करने का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है आगामी चुनावों में देश के लोग भाजपा को सत्ता से उखाड़ फेंकेंगे क्योंकि भाजपा सरकार दोबारा केन्द्रीय सत्ता पाने की हकदार नहीं है।
जिस तरह की दलीलें थरूर दे रहे हैं, उससे प्रतीत होता है कि उन्होंने कॉन्ग्रेस की हार स्वीकार कर ली है और कारणों को गिनाने की शुरुआत कर चुके हैं।