एनआईए (राष्ट्रीय अन्वेषण एजेंसी) ने आखिरकार बीते साल पश्चिम बंगाल वीरभूम इलाके के महम्मद बाजार (एमडी बाजार) से इलेक्ट्रिक डेटोनेटर और विस्फोटक जब्ती केस के मुख्य साजिशकर्ता को धर दबोचा है। आरोपित की पहचान तृणमूल कॉन्ग्रेस (टीएमसी) के नेता इस्लाम चौधरी के तौर पर की गई है। इस्लाम चौधरी ही वो शख्स है, जो इस मामले में इलेक्ट्रिक डेटोनेटर और विस्फोटक सप्लाई करता था। उसे एनआईए ने शुक्रवार (4 अगस्त) को छापे के दौरान गिरफ्तार किया।
टीएमसी के पंचायत सदस्य की निशानदेही पर हुआ गिरफ्तार
इंडिया टुडे के मुताबिक, उसके बारे में एनआईए को सूचना इस केस में पहले से गिरफ्तार आरोपितों में से एक टीएमसी के पंचायत सदस्य मनोज घोष से मिली थी। घोष की निशानदेही पर इस्लाम चौधरी को गिरफ्तार किया गया। मनोज घोष ने हाल ही हुआ पंचायत चुनाव जीता है।
एनआई ने पंचायत सदस्य घोष को अपने गोदाम में अवैध विस्फोटक सामग्री और आग्नेयास्त्र रखने के आरोप में गिरफ्तार किया था। चौधरी को मिलाकर इस केस में अब तक कुल आठ लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
बीरभूम के बरालीपारा में छुपा था इस्लाम चौधरी
एएनआई के मुताबिक, एनआईए ने इस्लाम चौधरी को बीरभूम जिले के उसके घर बरालीपारा से गिरफ्तार किया। एनआईए ने बताया कि उसके घर से छापे के दौरान जाँच एजेंसी ने 15000 रुपए नगद, बैंक लेन-देन के दस्तावेज, मोबाइल नंबरों और सिम कार्ड के साथ कागज की पर्चियाँ, तीन मोबाइल और कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए।
इस केस में एनआईए की जाँच जारी है। एनआईए ने अपने बयान में कहा है कि अन्य आरोपितों मेराजुद्दीन अली खान और मीर मोहम्मद नुरुज्जमां से की गई पूछताछ ने चौधरी की गिरफ्तारी की राह आसान की। इस केस में मेराज और प्रिंस को एनआईए 28 जून 2023 को ही गिरफ्तार कर चुकी थी। एनआईए ने कहा कि उसकी जाँच से पता चला है कि इस्लाम चौधरी ने इस केस में विस्फोटकों की आपूर्ति के साजिशकर्ता और सूत्रधार के तौर पर अहम रोल अदा किया था।
क्या था मामला?
एनआईए द्वारा सितंबर 2022 में इलेक्ट्रिक डेटोनेटर और विस्फोटकों की एक बड़ी खेप की जब्ती के बाद केस दर्ज किया गया था। पश्चिम बंगाल की एसटीएफ टीम ने शुरुआत में बीरभूम के एमडी बाजार पुलिस स्टेशन इलाके से एक वाहन से लगभग 81,000 इलेक्ट्रिक डेटोनेटर बरामद किया था। कार्रवाई के दौरान वाहन चालक आशीष केओरा को गिरफ्तार किया था।
बाद की खोजों में अतिरिक्त 2525 इलेक्ट्रिक डेटोनेटर, 27000 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट, एक मैगजीन के साथ एक पिस्तौल और 4 जीवित राउंड गोला बारूद, 16.25 किलोग्राम जिलेटिन की छड़ें (कुल संख्या 130) और अवैध गोदामों से एक बैग में 50 किलो अमोनियम नाइट्रेट भी बरामद हुआ। इस तलाशी के परिणामस्वरूप, बाकी के संदिग्धों को पकड़ा गया। मामले में एनआईए की जाँच जारी है।
आरोपितों को कैसे गिरफ्तार किया गया?
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, जुलाई 2022 में, पश्चिम बंगाल की स्पेशल टास्क फोर्स ने बीरभूम जिले के महम्मद बाज़ार इलाके में छापेमारी की और एक पिक-अप वैन को रोका, जो कथित तौर पर 81000 डेटोनेटर ले जा रही थी। इस केस के सिलसिले में तीन लोगों को पकड़ा गया और पुलिस ने दावा किया कि बदमाशों ने विस्फोट की योजना बनाई थी, लेकिन पुलिस ने उनकी योजना को नाकाम कर दिया था।
इतनी बड़ी मात्रा में विस्फोटक सामग्री की बरामदगी के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एनआईए को जाँच करने का निर्देश दिया था। आश्चर्यजनक यह कि गृहमंत्री अमित शाह की अप्रैल 2023 की रैली से कुछ घंटे पहले ही विस्फोटक सामग्री पकड़ाई थी। तब मीडिया रिपोर्ट में यह कयास लगाया गया था कि इन विस्फोटकों को अमित शाह की रैली को निशाना बनाने के लिए ही यूज किया जाना था।
एनआईए ने दावा किया कि जाँच के दौरान रिंटू शेख को गिरफ्तार किया गया, जिसे मामले का मुख्य साजिशकर्ता बताया गया था और जिसने डेटोनेटर की आपूर्ति की थी। रिंटू शेख से पूछताछ के बाद एनआईए की जाँच के दायरे में दो और नाम सामने आए थे। बयान और खुफिया स्रोत की जानकारी के बाद, एनआईए ने विकास भवन और आसनसोल में छापेमारी की और मीर मोहम्मद नुरुज्जमां और शेख मिराज उद्दीन को गिरफ्तार कर लिया था।