जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद-370 के पर कतरने के बाद से ही सोशल मीडिया पर फ़र्ज़ी ख़बरों को फैला कर लोगों को भ्रमित करने का काम पाकिस्तान बड़े ज़ोर-शोर से कर रहा है। फ़र्ज़ी ख़बरों के प्रचार-प्रसार के लिए पाकिस्तान फ़र्ज़ी फ़ोटो और वीडियो का जमकर सहारा ले रहा है। ऐसा करने के पीछे पाकिस्तान की मंशा दुनिया में भारत की छवि को ख़राब करना है।
पाकिस्तान की मंशा का पर्दाफ़ाश करने में भारत कभी पीछे नहीं रहा, उसकी इस हरक़त का मुँहतोड़ जवाब भी दिया गया, दिया जा रहा है। इन्हीं में एक हैं जम्मू-कश्मीर में पाक आतंकवादियों का काम तमाम करने वाले आईपीएस अधिकारी इम्तियाज़ हुसैन, जिन्होंने सबूतों और तर्कों के साथ सोशल मीडिया के मैदान में फर्जीवाड़ा और प्रोपेगेंडा फैला रहे पाकिस्तानियों को धूल चटाई।
श्रीनगर में तैनात आईपीएस अधिकारी इम्तियाज़ हुसैन ने रविवार (18 अगस्त) को ट्विटर पर लिखा, “पाकिस्तान के सिंध का एक डाकू कश्मीर में लड़ाई लड़ना चाहता है। जैसे कि अब तक जो लोग कश्मीर में लड़ने के लिए आए थे, वे कमजोर डाकू थे। पाकिस्तानी सेना हमेशा से ही अपना काम ऐसे डाकुओं को आउट सोर्स कर करती रही है। उसका काम भी डाकू जैसा ही है। इस डाकू का भी वही हश्र होगा जो पहले के डाकुओं का हुआ है।”
A bandit ( Dako) from Sindh,Pakistan wants to fight in Kashmir. As if the ones who came before him to fight here were any lesser bandits. Pakistan Army has always outsourced it’s job to Dakoos like him.
— Imtiyaz Hussain (@hussain_imtiyaz) August 18, 2019
He will meet the same fate as his predecessors? https://t.co/pCRwQf6Qxv
आईपीएस अधिकारी इम्तियाज़ हुसैन के अलावा आईएएस अधिकारी शाहिद चौधरी ने भी पाकिस्तानी प्रॉपेगैंडा की हवा निकालते हुए ट्विटर पर जम्मू-कश्मीर में शांति व्यवस्था की असली तस्वीर से लोगों को अपडेट करते रहे हैं।
एक विदेशी पत्रकार के ट्वीट जिसमें कश्मीर में अस्पतालों के फोन के काम नहीं करने के बारे में लिखा था, उसका जवाब देते हुआ आईएएस अधिकारी शाहिद चौधरी ने लिखा, “मेडिकल कॉलेज के प्रिसिंपल और अन्य चिकित्सा सुविधाओं के प्रमुखों के टेलिफोन नंबर पूरे दिन काम कर रहे हैं। कृपया तथ्यों का सम्मान करें। आपके पास अटकलों के आधार पर ट्वीट करने के लिए और भी बहुत कुछ है।”
Telephone numbers of Medical College Principal, heads of other medical facilities have remained functional all these days. Pls respect the facts, you still have a lot more for speculative tweets. https://t.co/EaqU9Kb6qH
— Shahid Choudhary (@listenshahid) August 14, 2019