बिहार की पटना पुलिस ने फुलवारी शरीफ से आतंकी गतिविधियों में शामिल में 2 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनकी पहचान मोहम्मद जलालुद्दीन और अतहर परवेज के तौर पर हुई है। ये दोनो मार्शल आर्ट्स सिखाने के नाम पर युवकों का ब्रेन वॉश कर रहे थे। उन्हें हथियार चलाना सिखा रहे थे। इनका मकसद 2047 तक भारत को मुस्लिम देश बनाना था।
फुलवारी शरीफ के एएसपी मनीष कुमार सिन्हा ने इस संबंध में बताया, “भारत विरोधी गतिविधि में संलिप्त दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। 2 माह से इनसे अलग-अलग जगह से लोग मिलने आते थे और अपनी टिकट व होटल की बुकिंग किसी और नाम से करते थे।”
Accused incl a retired police officer of Jharkhand, Mohd Jallauddin along with a former member of SIMI who is also current member of PFI&SDPI, Athar Parvez arrested. Parvez's younger brother went to jail in 2001-02 bomb blasts in state after SIMI was banned:Bihar SSP Manish Kumar pic.twitter.com/3y5vBlwJiI
— ANI (@ANI) July 13, 2022
उन्होंने जानकारी दी कि पुलिस ने जिन दो लोगों को पकड़ा उनमें मोहम्मद जलालुद्दीन तो झारखंड पुलिस का पूर्व सब इंस्पेक्टर रह चुका है जबकि अतहर परवेज आतंकी संगठन सिमी का सदस्य रहा है और फिलहाल वह पीएफआई-एसडीपीआई से जुड़ा है। ये दोनों मिलकर एक संगठन चला रहे थे। इस संगठन के जरिए ये अनपढ़ और भटके युवकों को संपर्क में लेकर उन्हें आतंकी गतिविधियों की ट्रेनिंग देते थे।
ट्रेनिंग में ये मार्शल आर्ट और शारीरिक शिक्षा के नाम पर तलवार और चाकू चलाना सिखाते थे। इसके अलावा धार्मिक उन्माद फैलाने के लिए उनका ब्रेनवॉश करते थे। पुलिस ने बताया है कि उनके पास इसके न केवल गवाह हैं बल्कि सीसीटीवी फुटेज भी हैं। वहीं अतहर परवेज का तो भाई 2001-02 में बम ब्लास्ट मामले में जेल भी जा चुका है।
एएसपी मनीष के अनुसार, पुलिस को इनके पास से 8 पन्नों का दस्तावेज मिला है। जो बताता है कि इनका मकसद 2047 तक भारत को इस्लामी राज्य बनाने का था। इन दस्तावेजों में लिखा था कि पीएफआई मानता है कि 10 फीसद मुस्लिम आबादी उनके साथ आ जाए तो वो कायर बहुसंख्यकों को दोबारा घुटने पर लाएँगे और उन्हें इस्लाम कबूल करवाएँगे।
#WATCH | An excerpt from 8-page long document they shared amongst themselves titled 'India vision 2047' says, 'PFI confident that even if 10% of total Muslim population rally behind it, PFI would subjugate coward majority community & bring back the glory': Bihar SSP Manish Kumar pic.twitter.com/MIId3qUXZE
— ANI (@ANI) July 13, 2022
अब पुलिस इनके पाकिस्तानी कनेक्शन तलाश रही है। इसके अलावा आगे की जाँच के लिए ईडी की मदद भी ली जाएगी। पुलिस को संदेह है कि ट्रेनिंग देने के लिए इन्हें पाकिस्तान ही पैसे देता था। जाँच में पाया गया कि इन लोगों के पास 14, 30 और 40 लाख रुपए के ट्रांजैक्शन प्रमाण भी हैं। पुलिस को पता चला है कि इन्हें पाकिस्तान, बांग्लादेश और केरल से भी फंडिंग होती थी