दिल्ली पुलिस दिल्ली में गत फरवरी माह में हुए हिन्दू-विरोधी दंगों की साजिश रचने के आरोप में JNU छात्र उमर खालिद की भूमिका की जाँच में जुटी हुई है। रिपोर्ट के अनुसार, उमर खालिद के एक भड़काऊ भाषण की जाँच की जा रही है। इस मामले में पुलिस जल्द ही उससे पूछताछ कर सकती है। उमर खालिद के खिलाफ इस मामले में 6 मार्च को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने पहले ही हिंसा की साजिश का आरोप लगाते हुए केस दर्ज कर लिया था।
इस FIR के तहत स्पेशल सेल दिल्ली में भड़के हिन्दू-विरोधी दंगों में उमर खालिद की भूमिका की जाँच कर रही है। खालिद के साथ ही दिल्ली दंगों की साजिश रचने के आरोप में जामिया कोऑर्डिनेशन कमेटी की मीडिया प्रभारी सफूरा जरगर पर UAPA के तहत कार्रवाई की गई है।
FIR में बताया गया है कि उत्तर-पूर्व दिल्ली में गत 23, 24 और 25 फरवरी को जो हिंसा हुई वह पूर्व नियोजित साजिश थी। इस हिंसा को फैलाने की साजिश जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद और उसके सहयोगियों, जो अलग-अलग संगठन से जुड़े हैं, ने मिलकर रची थी। इस साजिश के तहत दो अलग-अलग जगहों पर उमर खालिद ने भड़काऊ भाषण दिए थे जिनकी जाँच की जा रही है।
पुलिस ने FIR में दावा किया है कि दिल्ली के हिन्दू-विरोधी दंगे पूर्व नियोजित साजिश का परिणाम थे, जो उमर खालिद व उसके दो अन्य सहयोगियों ने रची थी। उमर खालिद पर दर्ज FIR में लगे आरोपों के अनुसार, उमर खालिद और उसके सहयोगियों ने औरतों-बच्चों को सड़कों पर उतारकर हिंसा भड़काने की साजिश रची थी। इसके बाद यमुनापार के मौजपुर, कर्दमपुरी, जफराबाद, चाँदबाग, शिव विहार में और इसके आस-पास के इलाकों में दंगे हुए थे।
उल्लेखनीय है कि मीरान हैदर पीएचडी छात्र है और दिल्ली में राजद की युवा इकाई का अध्यक्ष है, वहीं जरगर जामिया मिल्लिया इस्लामिया से एमफिल कर रही हैं। इन पर हिंसा में हिस्सा लेने के लिए बाहर से अलग-अलग जगहों से भीड़ जुटाने का आरोप है। आरोप है कि इनके द्वारा ही 23 तारीख को जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के नीचे औरतों-बच्चों को इकट्ठा किया गया ताकि तनाव बढ़े और हिंसा हो। छात्रों पर राष्ट्रद्रोह, हत्या, हत्या का प्रयास, धार्मिक आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी फैलाने और दंगे करने का भी मामला है।
ज्ञात हो कि दिल्ली में हिन्दू विरोधी दंगे डोनाल्ड ट्रम्प की भारत यात्रा की पहली शाम से ही भड़के थे। FIR में बताया गया है कि हथियार, पेट्रोल बम, तेजाब की बोतलें और पत्थर कई घरों में साजिश के तहत इकट्ठे किए गए थे।
गौरतलब है कि दिल्ली में नागरिकता कानून के विरोध के नाम पर बड़े स्तर पर हिन्दू-विरोधी दंगों को अंजाम दिया गया था। यह सिलसिला शाहीन बाग़ से शुरू हुआ था जो गत दिसम्बर माह से ही अपनी गतिविधियों के कारण चर्चा का विषय बना रहा।