Sunday, December 22, 2024
Homeरिपोर्टराष्ट्रीय सुरक्षासारे एयरबेस पर फाइटर जेट्स और हैलिकॉप्टरों की तैनाती: चीन की गुपचुप तैयारी के...

सारे एयरबेस पर फाइटर जेट्स और हैलिकॉप्टरों की तैनाती: चीन की गुपचुप तैयारी के बाद सक्रिय हुई भारतीय वायुसेना

लेह, श्रीनगर, अवन्तिपुर, बरेली, चबुआ, हासीमारा और तेजपुर के एयरबेसेज को एक्टिवेट किया गया है। सीमा पर ताज़ा परिस्थिति को देखते हुए पेट्रोलिंग भी तेज़ कर दी गई है। लद्दाख और चंडीगढ़ के बीच एक एयर ब्रिज भी बनाया गया है। इसके लिए C-17 ग्लोबमास्टर III और AN-32 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट्स की मदद ली गई।

लद्दाख के गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद भारत अब स्थिति की गंभीरता को देखते हुए क्षेत्र में अपनी उपस्थिति को बढ़ा रहा है। ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ की एक ख़बर के अनुसार, भारत ने अपने फॉरवर्ड बेसेज पर फाइटर जेट्स और हैलीकॉप्टर्स को आगे बढ़ाया है, तैनाती में तेज़ी लाई है। ‘लाइन ऑफ एक्चुअल कण्ट्रोल’ की सीमा 3488 किलोमीटर लम्बी है, जहाँ विभिन्न बिंदुओं पर भारत ने सेना और अस्त्रों की तैनाती की है।

साथ ही बंगाल की खाड़ी वाले इलाक़े में भी नौसेना के वॉरशिप्स की तैनाती की गई है। फॉरवर्ड बेसेज पर चिनूक हैवी-लिफ्ट हैलीकॉप्टर्स और अपाची हैलीकॉप्टर्स की तैनाती की गई है। आगे होने वाले किसी भी हमले और हिंसा की स्थिति को रोकने के लिए जिन हैलिकॉप्टरों को तैनात किया गया है, उसके साथ सेना के कई जवान भी गए हैं। ऊँचे इलाक़ों में होवित्जर को तैनात किया गया है। वायुसेना पूरी तरह तैयार है।

बता दें कि अपाची हैलीकॉप्टर्स एयर टू ग्राउंड वार कर के टैंकों को तबाह करने की क्षमता रखते हैं। वो मिसाइल्स का प्रयोग करके ऐसा करने में सक्षम हैं। सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि भारत ने सीमा पर हर वो व्यवस्था की है, जिससे किसी भी प्रकार के छोटे-बड़े हमलों और तनाव भड़काने की साजिशों को नाकाम किया जा सके। चीन के साथ लगने वाली उत्तरी सीमा पर सुखोई-30MKI, मिग-29 और जगुआर फाइटर्स को एयरबेसेज पर तैनात किया गया है।

लेह, श्रीनगर, अवन्तिपुर, बरेली, चबुआ, हासीमारा और तेजपुर के एयरबेसेज को एक्टिवेट किया गया है। सीमा पर ताज़ा परिस्थिति को देखते हुए पेट्रोलिंग भी तेज़ कर दी गई है। लद्दाख और चंडीगढ़ के बीच एक एयर ब्रिज भी बनाया गया है। इसके लिए C-17 ग्लोबमास्टर III और AN-32 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट्स की मदद ली गई। C-130J की मदद से भी सैनिकों और अस्त्र-शस्त्रों को फॉरवर्ड बेसेज तक पहुँचाया गया। हालाँकि, अपनी तरफ चीन ने भी तैनाती में कोई कमी नहीं की है और पैंगोंग झील से लेकर तिब्बत के अन्य सीमावर्ती इलाक़ों तक हथियारों की तैनाती की है।

भारत और चीन के बीच ताज़ा विवाद पैंगोंग झील में भारतीय सीमा के अंदर घुसपैठ के बाद शुरू हुआ था। भारत ने LAC के पास चीन द्वारा भारी हथियारों की तैनाती और सेना की सक्रियता पर आपत्ति जताई थी। बाद में चीनी सैनिकों ने लाठी-डंडे, लोहे के रॉड्स और कीलों द्वारा धोखे से हमला कर के एक कर्नल सहित 20 भारतीय सैनिकों को मार डाला। चीन के भी 43 जवानों के मारे जाने की सूचना है, जिससे उसने सार्वजनिक नहीं किया है।

हाल ही सर्वदलीय बैठक के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सबको आश्वस्त किया कि हमारी एक इंच जमीन भी कोई नहीं ले सकता। हमारे किसी पोस्‍ट पर दूसरे देश का कब्‍जा नहीं है। उन्होंने कहा, “चीन ने ना तो हमारी सीमा में घुसपैठ की है, ना ही किसी पोस्ट को कब्जे में लिया है। हमारे 20 जवान वीरगति को प्राप्त हुए, लेकिन जिन्होंने भारत माता को आँख दिखाई उन्हें सबक सिखा दिया।”

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

किसी का पूरा शरीर खाक, किसी की हड्डियों से हुई पहचान: जयपुर LPG टैंकर ब्लास्ट देख चश्मदीदों की रूह काँपी, जली चमड़ी के साथ...

संजेश यादव के अंतिम संस्कार के लिए उनके भाई को पोटली में बँधी कुछ हड्डियाँ मिल पाईं। उनके शरीर की चमड़ी पूरी तरह जलकर खाक हो गई थी।

PM मोदी को मिला कुवैत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर’ : जानें अब तक और कितने देश प्रधानमंत्री को...

'ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' कुवैत का प्रतिष्ठित नाइटहुड पुरस्कार है, जो राष्ट्राध्यक्षों और विदेशी शाही परिवारों के सदस्यों को दिया जाता है।
- विज्ञापन -