जम्मू-कश्मीर में कश्मीरी हिंदुओं के नरसंहार के आरोपित यासीन मलिक को टेरर फंडिग केस में दोषी ठहराए जाने के बाद आज 25 मई को उसकी सजा मुकर्रर हो गई। NIA कोर्ट ने तमाम धाराओं के तहत टेरर फंडिंग केस में उसे उम्रकैद की सजा सुनाई है।
यासीन को सजा मिलने से खुश लोगों ने यासीन के पोस्टर जलाकर और पटाखे फोड़ते हुए उसे सजा दिए जाने की खुशी जाहिर की। ढोल-नगाड़े बजाते हुए कोर्ट के फैसले का स्वागत हुआ। लेकिन श्रीनगर में कुछ युवकों द्वारा बीच सड़क पर पत्थरबाजी किए जाने की तस्वीरें भी मीडिया में आई हैं। सुरक्षा लिहाज से वहाँ इंटरनेट सेवा बंद की गई है।
यासीन की सजा मुकर्रर होने से पहले दिल्ली के पटियाला कोर्ट में चली सुनवाई में इस बात पर बहस हुई कि यासीन को कितनी सजा दी जाए। इस दौरान एनआईए ने मलिक के लिए फाँसी की सजा माँगी और यासीन ने भी कोर्ट को कहा कि वो किसी तरह की भीख नहीं माँगेगा, कोर्ट को जो करना है करे।
Yasin Malik to Indian court: I will not beg you, do what you want to do #Kashmir pic.twitter.com/B9RrG04AeV
— SK~ (@SKthinkss) May 25, 2022
कोर्ट में राष्ट्रीय जाँच एजेंसी के न्यायाधीश प्रवीण सिंह ने कहा कि गवाहों के बयान और सबूतों के एनालिसिस से पता चलता है कि केस में सभी आरोपितों के एक-दूसरे से संपर्क थे और पाकिस्तानी फंडिंग की बात भी सच है।
यासीन के समर्थन में कट्टरपंथी
टेरर फंडिग केस में 19 मई 2022 को हुई सुनवाई के दौरान दिल्ली की अदालत ने यासीन मलिक को गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत और आईपीसी के तहत साजिश और देशद्रोह का दोषी पाया था और सजा सुनाने की तारीख आज यानी 25 मई तय हुई थी। लेकिन आज कोर्ट में यासीन की सजा सुनाने का वक्त आया तो एक बार फिर ट्विटर पर I stand with yaseen हैशटैग के साथ ट्वीट दिखने लगे। सड़कों पर पत्थरबाजी होने लगी।
BIG BREAKING: NIA seeks death penalty for terrorist Yasin Malik in the special NIA Court in New Delhi for terror-hawala racket which encouraged violence and terrorism in Kashmir for several years and killed many innocents.
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) May 25, 2022
सुरक्षा लिहाज से पुलिस ने पटियाला कोर्ट की सुरक्षा को बढ़ा दिया है और श्रीनगर के भी कुछ हिस्सों को बंद रखा गया है। वहीं पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान ने यासीन के खिलाफ कार्रवाई होता देख मोदी सरकार को फासीवादी कहा। शाहिद अफरिदी ने भी ट्विटर पर यासीन के लिए मानवाधिकार का रोना रोकर यूएन से संज्ञान लेने को कहा।
India’s continued attempts to silence critical voices against its blatant human right abuses are futile. Fabricated charges against #YasinMalik will not put a hold to #Kashmir‘s struggle to freedom. Urging the #UN to take notice of unfair & illegal trails against Kashmir leaders. pic.twitter.com/EEJV5jyzmN
— Shahid Afridi (@SAfridiOfficial) May 25, 2022
यासीन ने कबूला जुर्म, कोर्ट के फैसले को चुनौती देने से मना किया
मालूम हो कि इसी महीने 2022 में यासीन मलिक ने कोर्ट में आतंकवाद के आरोपों को कबूल किया था। उसने पटियाला हाउस कोर्ट की एनआईए अदालत में अपनी गलती मानते हुए कोर्ट से कानून के मुताबिक सजा देने की माँग की थी। दोषी करार होने के बाद मलिक ने कोर्ट में कहा था कि वह UAPA की धारा 16, 17, 18, व 20 और आईपीसी की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) व 124-ए (देशद्रोह) के तहत खुद पर लगे आरोपों को चुनौती नहीं देना चाहता।
राजनीति से ले लूँगा संन्यास: मलिक
हालाँकि आज बुधवार को फैसला आने से पहले जब यासीन को मालूम चला कि उसके लिए अधिकतम सजा की माँग हुई है तो उसने अदालत को कहा कि वह कोर्ट में भीख नहीं माँगेगा, कोर्ट को जो करना हो करे। वह बोला कि अगर जाँच एजेंसी इस बात को साबित कर दे कि 28 साल के दौरान यासीन की किसी आतंकवादी गतिविधि या हिंसा में मौजूदगी है, तो वह अपनी राजनीति से संन्यास ले लेगा और फाँसी भी कबूल होगी। मलिक ने कहा, “मैंने सात प्रधानमंत्रियों के साथ काम किया है। मैं अपने लिए कुछ भी नहीं माँगूँगा। मैं अपनी किस्मत का फैसला अदालत पर छोड़ता हूँ।”
यासीन मलिक के गुनाह
उल्लेखनीय है कि यासीन मलिक पर टेरर फंडिंगे के अलावा और भी बड़े-बड़े इल्जाम हैं। जैसे उसने भारतीय वायुसेना के 4 जवानों की हत्या की थी। उसने सीएम मुफ्ती मोहम्मद की बेटी अपहरण करवाया था। इसके अलावा यासीन उन्हीं आतंकियों में शामिल था जिनके आतंक के कारण कश्मीरी हिंदू घाटी छोड़ने पर मजबूर हुए थे।