Sunday, December 22, 2024
Homeरिपोर्टमीडिया'चिदंबरम चोर है' कहने पर कॉन्ग्रेसियों ने पीटा; 'चलो, किसी के लिए तो ख़ून...

‘चिदंबरम चोर है’ कहने पर कॉन्ग्रेसियों ने पीटा; ‘चलो, किसी के लिए तो ख़ून खौला’-The Hindu की संपादक का बयान

द हिंदू की पॉलिटिकल एडिटर, निस्तुला हेब्बर को यह बात अच्छी नहीं लगी और उन्होंने पद्मजा जोशी के ट्वीट पर पलटवार करते हुए लिखा, “चलो, किसी के लिए तो ख़ून खौला! पॉलिटिकल पार्टी होने का एहसास तो हुआ।”

यदि मुख्यधारा के मीडिया के पत्रकारों की बात की जाए, तो वो भी किसी राजनीतिक दल से कम नहीं होता। ग़ौरतलब है कि INX मीडिया घोटाले में पी चिदंबरम की संलिप्तता के चलते उन्हें CBI और ED ने हिरासत में लिया था। इस दौरान उनके आवास पर कई कॉन्ग्रेस कार्यकर्ता भी इकट्ठे थे। टाइम्स नाउ की पत्रकार पद्मजा जोशी ने कल (21 अगस्त) रात ट्वीट किया कि एक व्यक्ति जो ‘चिदंबरम चोर है’ चिल्ला रहा था, कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं ने उसकी पिटाई कर दी।

लोकसभा चुनाव के दौरान, तत्कालीन कॉन्ग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने भी राफ़ेल डील को लेकर पीएम मोदी की छवि धूमिल करने के लिए ‘चौकीदार चोर है’ के जुमले को ख़ूब भुनाया था, जबकि इस डील की हक़ीक़त सबके सामने आ चुकी थी जब मोदी सरकार ने नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट संसद में पेश की थी। तब यह बात स्पष्ट हो गई थी कि UPA के मुक़ाबले NDA के शासनकाल में 2.86% सस्ती डील फाइनल की गई थी। पीएम मोदी ने कॉन्ग्रेस के ‘चौकीदार चोर है’ के हमले का पलटवार करते हुए ‘मैं भी चौकीदार’ अभियान शुरू किया, जहाँ उन्होंने कहा कि कुलीन वर्ग हमेशा मेहनतकश लोगों का मज़ाक उड़ाता आया है। अब बारी ‘चिदंबरम चोर है’ की है जिसका अभी विस्तार होना बाक़ी है।

हालाँकि, द हिंदू की पॉलिटिकल एडिटर, निस्तुला हेब्बर को यह बात अच्छी नहीं लगी और उन्होंने पद्मजा जोशी के ट्वीट का पलटवार करते हुए लिखा, “चलो, किसी के लिए तो ख़ून खौला! पॉलिटिकल पार्टी होने का एहसास तो हुआ।”

निस्तुला हेब्बर को एक ट्विटर यूज़र ने आइना दिखाते हुए लिखा, “ऐसे ही कोई गौ तस्कर पकड़ में आ जाए और पीट दिया जाए तो ये मोहतरमा सबसे पहले असहिष्णु और मॉब लिंचिंग का रोना रोएँगी।”

हेब्बर ने अपने हिंसा के समर्थन वाले ट्वीट का बचाव यह कहकर किया कि उनके ट्वीट को ग़लत संदर्भ से जोड़ा जा रहा है। उन्होंने यूज़र को जवाब में लिखा, “तुम्हारा दिमाग ख़राब है। यह टिप्पणी कॉन्ग्रेस की प्रतिक्रिया पर थी। इडियट।”

कुछ राजनेता पत्रकारों को ऐसा समझते हैं जैसे वो दूसरों की तुलना में अधिक ‘न्यूट्रल’ हों।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

कानपुर में 120 मंदिर बंद मिले: जिन्होंने देवस्थल को बिरयानी की दुकान से लेकर बना दिया कूड़ाघर… वे अब कह रहे हमने कब्जा नहीं...

कानपुर की मेयर प्रमिला पांडेय ने एलान किया है कि सभी मंदिरों को कब्ज़ा मुक्त करवा के वहाँ विधि-विधान से पूजापाठ शुरू की जाएगी

नाम अब्दुल मोहसेन, लेकिन इस्लाम से ऐसी ‘घृणा’ कि जर्मनी के क्रिसमस मार्केट में भाड़े की BMW से लोगों को रौंद डाला: 200+ घायलों...

भारत सरकार ने यह भी बताया कि जर्मनी में भारतीय मिशन घायलों और उनके परिवारों से लगातार संपर्क में है और हर संभव मदद मुहैया करा रहा है।
- विज्ञापन -