Monday, December 23, 2024
Homeरिपोर्टMP: OBC आरक्षण हुआ दोगुना, कुल कोटा 70% के पार, बेरोज़गारी भत्ते पर वादे...

MP: OBC आरक्षण हुआ दोगुना, कुल कोटा 70% के पार, बेरोज़गारी भत्ते पर वादे से मुकरे कमलनाथ

भाजपा ने कहा कि बिना किसी वैधानिक प्रक्रिया के आरक्षण को आगे बढ़ाना सिर्फ़ एक चुनावी शिगूफा है। आचार संहिता को देखते हुए इसके लागू होने के आसार भी कम हैं।

लोकसभा चुनाव से पहले मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को मिलने वाले आरक्षण को 14% से बढ़ा कर 27% करने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही राज्य में आरक्षण का कुल कोटा बढ़ कर 70% को पार कर गया। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सामान्य वर्ग के ग़रीबों को 10% आरक्षण वाले प्रावधान को भी लागू करने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि सरकार राज्य में सृजित होने वाली नौकरियों में सामान्य वर्ग के ग़रीबों को 10% आरक्षण का लाभ देगी। सागर जिले में ‘जय किसान फसल ऋण माफ़ी योजना’ के मौके पर जनसभा को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा:

“समाज में सभी वर्गों को आगे बढ़ने के अवसर मिले, इसके लिए सरकार प्रतिबद्ध है। मैंने ओबीसी वर्ग के लिए 27 प्रतिशत तथा सामान्य वर्ग के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण लागू करने का ऐलान किया है। यह एक बड़ा मसला है। भाजपा नेता पिछड़े वर्ग के हित की बातें ही करते रहते हैं, लेकिन 15 सालों तक सत्ता में रहने के बावजूद वे इस वर्ग के कोटा को बढ़ा नहीं सके। लेकिन हमारी सरकार ने ओबीसी कोटे को बढ़ाकर 27 प्रतिशत करने का फ़ैसला किया है।”

उन्होंने राज्य में खाली पड़ी 60,000 सरकारी सीटों को भरने का भी ऐलान किया। उन्होंने युवाओं से छोटे उद्योग खोलने और ‘युवा स्वाभिमान योजना’ का लाभ उठाने की अपील की। इस योजना के तहत 100 दिनों का काम और ₹4,000 मासिक भत्ते के रूप में मिलता है। बता दें कि चुनाव पूर्व घोषणापत्र में कॉन्ग्रेस ने प्रत्येक परिवार के एक बेरोज़गार युवा सदस्य को 3 वर्ष के लिए ₹10,000 मासिक बेरोज़गारी भत्ते के रूप में देने का वादा किया था। लेकिन, अब घोषणा के उलट 3 वर्ष की जगह 3 महीने के लिए और ₹10,000 की जगह ₹4,000 ही मिलेंगे।

भाजपा ने राज्य सरकार के फ़ैसले पर तंज कसते हुए कहा कि कमलनाथ की नीयत में खोट है। भाजपा ने उन पर केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए ग़रीबों को 10% आरक्षण वाले प्रावधान को लटकाने का आरोप लगाया। भाजपा ने कहा कि बिना किसी वैधानिक प्रक्रिया के आरक्षण को आगे बढ़ाना सिर्फ़ एक चुनावी शिगूफा है। आचार संहिता को देखते हुए इसके लागू होने के आसार भी कम हैं।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

किसी का पूरा शरीर खाक, किसी की हड्डियों से हुई पहचान: जयपुर LPG टैंकर ब्लास्ट देख चश्मदीदों की रूह काँपी, जली चमड़ी के साथ...

संजेश यादव के अंतिम संस्कार के लिए उनके भाई को पोटली में बँधी कुछ हड्डियाँ मिल पाईं। उनके शरीर की चमड़ी पूरी तरह जलकर खाक हो गई थी।

PM मोदी को मिला कुवैत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर’ : जानें अब तक और कितने देश प्रधानमंत्री को...

'ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' कुवैत का प्रतिष्ठित नाइटहुड पुरस्कार है, जो राष्ट्राध्यक्षों और विदेशी शाही परिवारों के सदस्यों को दिया जाता है।
- विज्ञापन -