Friday, November 15, 2024
Homeसोशल ट्रेंडट्विटर पर हुई पॉपुलर अकॉउंट True Indology की वापसी: वामपंथियों के प्रोपेगेंडे की कई...

ट्विटर पर हुई पॉपुलर अकॉउंट True Indology की वापसी: वामपंथियों के प्रोपेगेंडे की कई बार लगा चुका था वाट, सच दिखाने की वजह से निशाने पर था

अप्रैल 2019 में एक फेक न्यूज का खुलासा ट्रूइंडोलॉजी ने किया था, जब द वायर की पत्रकार आरफ़ा खानम शेरवानी ने दावा किया था कि गोरखनाथ मंदिर को बनाने के लिए मुस्लिम नवाब आसिफ़-उद्-दौला ने जमीन दान की थी। तब ट्रूइंडोलॉजी ने आरफ़ा खानम के ट्वीट का फैक्ट-चेक कर बताया था कि यह मंदिर कम-से-कम 800 साल पुराना है, जबकि नवाब आसिफ़-उद्-दौला केवल सवा दो सौ साल पहले आया था।

टेस्ला (Tesla) और स्पेएक्स (SpaceX) के मालिक एलन मस्क (Elon Musk) के अधिग्रहण से पहले माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर (Twitter) पर पक्षपात करने और कुछ हैंडल को प्रतिबंधित करने के आरोप लगते रहे हैं। कंपनी का स्वामित्व बदलने के साथ ही ऐसे हैंडलों पर से प्रतिबंध हटाने की कवायद शुरू हो गई है। ऐसे ही एक हैंडल TrueIndology है, जिसे फिर से रिस्टोर कर दिया गया है।

TrueIndology को बहाल करने की जानकारी प्रसिद्ध लेखक आनंद रंगनाथन ने दी है। इस हैंडल की वापसी का स्वागत करते हुए रंगनाथन ने लिखा, “आपका स्वागत है @TrueIndology, नए साल का सबसे अच्छा तोहफा, जिसकी उम्मीद की जा सकती थी। झोलाछाप वामपंथियों और इतिहासकारों के अंत का शुरू हो गया है।”

ट्विटर के प्रबंधन में बदलाव के साथ ही पक्षपातपूर्ण नीतियों की समीक्षा हो रही है। इसकी जानकारी ट्विटर ने दी है। ट्विटर सेफ्टी ने इसकी जानकारी देते हुए ट्वीट किया, “हमने ऐसी कई नीतियों की पहचान की है, जिनमें Twitter के नियमों को तोड़ने के लिए स्थायी निलंबन एक अनुचित कार्रवाई की गई थी।”

Twitter Safety ने आगे कहा, “हमने हाल ही में उन अकाउंट को बहाल करना शुरू किया है, जिन्हें इन नीतियों के उल्लंघन के कारण निलंबित कर दिया गया था और अगले 30 दिनों में साप्ताहिक रूप से और खातों में विस्तार करने की योजना है।”

ट्रूइंडोलॉजी एक प्रसिद्ध ट्विटर हैंडल है, जो वामपंथी और इस्लामवादियों की प्रोपेगेंडा को एक्सपोज करता रहा है। चाहे फर्जी समाचार हो, फर्जी इतिहास हो, हिंदुओं पर गलत आक्षेप हो या मुगलों का महिमामंडन, TrueIndolgy इनका फंडाभोड़ करता रहा है। यही कारण है कि वामपंथी बड़े पैमाने पर इस हैंडल को रिपोर्ट करते रहे हैं और सत्यता की जाँच किए बिना ट्विटर के पूर्व प्रबंधन द्वारा इसे सस्पेंड किया जाता रहा है।

जनवरी 2019 में NDTV की एक खबर को ट्रूइंडोलॉजी ने झूठा साबित किया था। एनडीटीवी ने अपनी खबर में बताया था कि जम्मू-कश्मीर के एक हिंदू बहुल गाँव ने एक मुस्लिम को जीता कर सांप्रदायिक सद्भाव की मिसाल कायम की है। इस पर यह हैंडल ने बताया था कि मुस्लिम बहुसंख्यक जम्मू-कश्मीर में कभी कोई हिंदू मुख्यमंत्री नहीं रहा।

इसी तरह की अप्रैल 2019 में एक फेक न्यूज का खुलासा ट्रूइंडोलॉजी ने किया था, जब द वायर की पत्रकार आरफ़ा खानम शेरवानी ने दावा किया था कि गोरखनाथ मंदिर को बनाने के लिए मुस्लिम नवाब आसिफ़-उद्-दौला ने जमीन दान की थी। तब ट्रूइंडोलॉजी ने आरफ़ा खानम के ट्वीट का फैक्ट-चेक कर बताया था कि यह मंदिर कम-से-कम 800 साल पुराना है, जबकि नवाब आसिफ़-उद्-दौला केवल सवा दो सौ साल पहले आया था।

इसी तरह की फर्जी खबरें और फर्जी इतिहास को ट्रूइंडोलॉजी एक्सपोज करता रहा है। इसके कारण यह वामपंथियों, इस्लामवादियों और फर्जी इतिहासकारों के निशाने पर रहा है। इन लोगों की रिपोर्ट के बाद ट्विटर पक्षपात करते हुए कई बार इस हैंडल को सस्पेंड कर चुका है। हालाँकि, नए प्रबंधन द्वारा ऐसी नीतियों की समीक्षा का हर जगह स्वागत हो रहा है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

थीसिस पेश करने से लेकर, डिग्री पूरी होने तक… जानें जामिया मिलिया इस्लामिया में गैर-मुस्लिमों के साथ होता है कैसा बर्ताव, सामने आई रिपोर्ट

'कॉल फॉर जस्टिस' की फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट से पता चलता है कि जामिया मिलिया इस्लामिया में गैर-मुस्लिमों के साथ न केवल भेदभाव हुआ बल्कि उन्हें धर्मांतरण के लिए उकसाया भी गया।

बांग्लादेश में संविधान का ‘खतना’: सेक्युलर, समाजवादी जैसे शब्द हटाओ, मुजीब से राष्ट्रपिता का दर्जा भी छीनो – सबसे बड़े सरकारी वकील ने दिया...

युनुस सरकार बांग्लादेश के संविधान से 'सेक्युलर' शब्द निकालने की तैयारी कर रही है। इसे इस्लामीकरण की दिशा में एक कदम के तौर पर देखा जा रहा है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -