राहुल गाँधी। नाम ही काफी है। फिर भी न जाने क्यों ये मीडिया वाले दिन-रात भोकार पारते रहते हैं कि राहुल ये हैं, वो हैं। वे कई बार ‘परिपक्व’ हो चुके हैं। जब कॉन्ग्रेस कोई पंचायत स्तरीय चुनाव भी जीतती है, राहुल गाँधी की धारदार वापसी होती है और मीडिया वाले इसे उनकी मैच्योरिटी लेवल बढ़ने का सबूत मानते हैं। वे कई बार ‘मैच्योर’ हो चुके हैं। मीडिया वाले कई बार उनकी धारदार वापसी करा चुके हैं। लेकिन, राहुल तो राहुल ठहरे। कभी जनेऊधारी बन जाते हैं, कभी मौलाना का रूप धारण कर लेते हैं, कभी मंदिरों की परिक्रमा शुरू कर देते हैं, कभी गंभीर दुःख के मौक़ों पर मुस्कराते नज़र आते हैं तो कभी राफेल के दाम एक ही भाषण में 4 बार बदलते हैं। अब राहुल गाँधी ने कुछ ऐसा किया है, जिसे जानकार आपके सामने उनके दिखावे की पोल तो खुल ही जाएगी, साथ ही यह भी पता चलेगा कि वे भारतीयता, हिंदुत्व और हमारी पूजा पद्धति से कितने अनभिज्ञ हैं।
नोट कीजिए, वे अनभिज्ञ हैं लेकिन इस बारे में जानना नहीं चाहते। कई लोग ऐसे हैं जिन्हें मन्त्रों का ज्ञान नहीं और यह बुरा नहीं लेकिन अगर उनके सामने कोई मंत्र पढ़ रहा हो तो वे उसे सम्मान की दृष्टि से देखते हैं। हमारे घर में जब कोई पूजा-पाठ, भजन-कीर्तन, आराधना-अष्टयाम का कार्यक्रम होता है तो हम उनमें हिस्सा लेते हैं, गर्व के साथ। भले ही कई बार हमें उनके बारे में ज्यादा कुछ पता नहीं होता, हम सभी कार्य संपन्न करते हैं और जिज्ञासु बन कर और अधिक जानने की कोशिश करते हैं। लेकिन, राहुल गाँधी अलग हैं। कॉन्ग्रेस अध्यक्ष पूजा-पाठ को हँसी-मज़ाक का विषय समझते हैं और इसे हेय दृष्टि से देखते हैं। इसका प्रमाण आप स्वयं देखिए। सुनिए, ख़ुद राहुल की ज़ुबानी- नीचे दिए गए इस वीडियो में।
इस वीडियो में आप देख सकते हैं कि कैसे पूजा के बाद जब राहुल गाँधी से पूछा जाता है कि वे यहाँ क्या करने आए हैं तो वे मज़ाक के मूड में कहते हैं कि उन्हें तो कुछ पता ही नहीं कि यहाँ क्या हो रहा है। बकौल राहुल, उन्हें बुलाया गया और वे आ गए। सीधा अर्थ ये कि उन्हें हिंदुत्व के लिए बस दिखावा करना है, इसीलिए वे आ गए। ये कैसी पूजा है, किस देवता की है, क्यों की गई- इन सबके बारे में उन्हें लेशमात्र भी पता नहीं लेकिन वे आ गए क्योंकि उन्हें कैमरे के सामने पूजा करते दिखना था। हिंदुत्ववादी इमेज बना कर हिन्दुओं के वोट ठगने थे। आप भी इस वीडियो को देखिए और सोचिए कि ऐसे दिखावेबाज़ नेताओं का क्या होना चाहिए जो पूजा-पाठ को हँसी-मज़ाक का विषय समझते हैं। उनके पुछल्ले ‘राहुल भईया ज़िंदाबाद’ का नारा लगा हैं और राहुल हैं कि उन्हें क्या हो रहा है इसके बारे में ‘No Idea’ है।