राजस्थान (Rajasthan) में भरतपुर जिले के डीग क्षेत्र में आदिबद्री और कनकांचल क्षेत्र में अवैध खनन (Illegal Mining) को लेकर 550 दिनों से जारी साधु-संतों का आंदोलन खत्म हो गया है। राज्य के मंत्री ने विश्वेंद्र नाथ सिंह के आग्रह पर संतों ने अपना आंदोलन समाप्त किया।
बुधवार (20 जुलाई 2022) को 65 वर्षीय बाबा विजयदास द्वारा आत्मदाह की कोशिश करने के बाद राज्य सरकार के कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र नाथ सिंह ने आंदोलनकारी संतों से जाकर बात की। विश्वेंद्र नाथ सिंह ने आदिबद्री और कनकांचल को लेकर साधु-संतों की माँगों को 15 दिनों में पूरा करने का आश्वासन दिया।
रिपोर्ट के मुताबिक, 10 दिन पहले बाबा हरिबोलदास ने आदिबद्री और कनकांचल पर्वत को खनन मुक्त कराने की माँग को लेकर 19 जुलाई को मुख्यमंत्री आवास के सामने आत्मदाह की चेतावनी दी थी। बाद में प्रशासन ने आंदोलनकारी संतों से बात कर उनसे समय की माँग की थी। इसके बाद इसे टाल दिया गया था।
हालाँकि, 19 जुलाई को ही पसोपा गाँव में बाबा नारायणदास मोबाइल टॉवर पर चढ़ गए। इसके बाद वहाँ बड़ी संख्या में साधु-संत जुटने लगे। उसके अगले दिन यानी 20 जुलाई को बाबा विजयदास ने केरोसीन डालकर आत्मदाह की कोशिश की। संत के इस कदम ने प्रशासन को हिलाकर रख दिया।
घटना की गंभीरता को देखते हुए जिले के कलेक्टर आलोक रंजन, आईजी गौरव श्रीवास्तव, एसपी श्याम सिंह, जोनल कमिश्नर सांवरमल वर्मा समेत कई अन्य उच्चाधिकारी मौके पर पहुँचे और साधु-संतों से मान मनौवल कर सबसे पहले बाबा नारायणदास को मोबाइल टॉवर से नीचे उतरवाया। बाद में कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने पसोपा गाँव जाकर प्रदर्शनकारी साधु संतों से बात की।
इस बीच बाबा विजयदास को लेकर कलेक्टर आलोक रंजन ने अपडेट दिया है। उन्होंने कहा, “डीग में साधु विजयदास (जिन्होंने खुद को आग लगा ली) की हालत अब स्थिर है। साधुओं ने अपना विरोध (पत्थर खनन पर) समाप्त कर दिया है। राज्य सरकार अगले 15 दिनों में इसे वन क्षेत्र घोषित करने के लिए एक अधिसूचना जारी करेगी। यहाँ पर पुरानी खदानें स्थित हैं। इन खदानों को स्थानांतरित किया जाएगा और लगभग 2,500 लोग जो बेरोजगार होंगे, उन्हें कहीं और रोजगार दिया जाएगा। राज्य सरकार इसे (पत्थर खनन क्षेत्र) एक धार्मिक पर्यटन स्थल बनाना चाहती है।”
Rajasthan | These mines will be shifted and about 2,500 people who will be unemployed as a result, will be employed somewhere else…The state govt intends to make it (stone mining area) into a religious tourism spot: Bharatpur DC Alok Ranjan (20.7) pic.twitter.com/0HzXy9yHuR
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) July 21, 2022
गौरतलब है कि भरतपुर जिले के डीग क्षेत्र में आदिबद्री और कनकांचल में अवैध खनन के विरोध में साधु-संतों का आंदोलन करीब 550 दिनों से चल रहा था। अवैध खनन के विरोध में यह आंदोलन 16 जनवरी 2021 से शुरू हुआ था। 6 अप्रैल 2021 को साधु-संतों का एक प्रतिनिधिमंडल सीएम अशोक गहलोत से भी मिला था। हालाँकि, उसका कोई फायदा नहीं हुआ था। बहरहाल, संत के आत्मदाह की कोशिश के बाद अब प्रदेश सरकार मान गई है।