मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक केन्द्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर लगातार हमलावर हैं। कई बार उन्होंने, सार्वजनिक मंचों से सरकार के फैसलों की आलोचना की है। एक बार फिर उन्होंने एमएसपी को लेकर कानून न बनाए जाने और राजपथ का नाम बदलने समेत कई अन्य मुद्दों को लेकर सरकार पर टिप्पणी की है। उन्होंने यह भी कहा है कि वो अपना इस्तीफा जेब में डालकर घूम रहे हैं।
सत्यपाल मलिक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए ये बातें कहीं। उन्होंने कहा, “यदि सरकार किसानों की एमएसपी की बात नहीं मानती है तो किसान और सरकार के बीच बड़ी लड़ाई होगी। मैं उस लड़ाई में राज्यपाल के पद से इस्तीफा देकर कूद पड़ूँगा। जब तक एमएसपी का कानून नहीं बनाया जाएगा किसानों की समस्याएँ कम नहीं होंगी।
उन्होंने यह भी कहा, “एमएसपी जब तक लागू ना हो और उसको कानूनी दर्जा ना मिले, तो दोबारा लड़ाई होगी और इस बार जबरदस्त लड़ाई होगी। देश के किसान को आप पराजित नहीं कर सकते है। उसे डरा नहीं सकते। उसके यहाँ ईडी नहीं भेज सकते। किसी इनकम टैक्स वाले को नहीं भेज सकते। उसको कैसे डराओगे, वो तो पहले से ही फकीर है। उसको तो वैसे ही कहीं का नहीं छोड़ा। इसलिए वो लड़ेगा और एमएसपी लेकर रहेगा।”
यही नहीं सत्यपाल मलिक सरकार द्वारा राजपथ का नाम बदलकर ‘कर्तव्य पथ’ किए जाने से भी असहमत दिखाई दिए। उन्होंने कहा, “राजपथ का नाम बदलने की मेरी दृष्टि में कोई जरूरत नहीं थी। यह कोई अंग्रेजों का दिया हुआ नाम नहीं था। चूँकि प्रधानमंत्री हर तीसरे दिन उद्घाटन करते हैं तो आज उन्होंने इसका भी कर दिया।”
मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने यह भी कहा, “इस्तीफा मेरी जेब में है यदि किसी को मेरी बात से दुख पहुँच रहा है, चोट पहुँच रही है तो मैं अपने पद से तुरंत हट जाऊँगा।” साथ ही उन्होंने, राहुल गाँधी की भारत जोड़ो यात्रा के लिए उन्हें शुभकामनाएँ भी दीं हैं। मलिक ने कहा है राहुल गाँधी अच्छा काम कर रहे हैं।
हालाँकि, सत्यपाल मलिक ने इस्तीफे की बात तब कही है जबकि उन्हें रिटायर होने में एक महीने से भी कम का समय बचा है। मलिक, आगामी 30 सितंबर को मेघालय के राज्यपाल पद से रिटायर हो रहे हैं। ऐसे में, यदि वह रिटायर होने से पहले इस्तीफा भी दे देते हैं तो आश्चर्य की बात नहीं होनी चाहिए।