सुप्रीम कोर्ट उस याचिका पर सुनवाई करने को तैयार हो गया है, जिसमें जम्मू-कश्मीर में पत्थरबाज़ो से सुरक्षाबलों की सुरक्षा की माँग की गई थी। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की खंडपीठ ने 19 वर्षीय प्रीति केदार गोखले और 20 वर्षीय काजल मिश्रा द्वारा दायर की गई याचिका पर केंद्र सरकार, रक्षा मंत्रालय, जम्मू-कश्मीर सरकार और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) को भी नोटिस जारी किए।
Supreme Court issues notice to centre and Jammu & Kashmir government on a plea filed by two children of Army officers, seeking protection for Army personnel deployed in the state. The plea seeks formulation of a policy to protect human rights of security personnel. pic.twitter.com/OjgCTG7n0S
— ANI (@ANI) February 25, 2019
याचिका में सुरक्षाबल के मानवाधिकारों के उल्लंघन को रोकने के लिए एक नीति तैयार करने की माँग भी की गई है। इस याचिका में सुरक्षा बलों पर ड्यूटी के दौरान भीड़ द्वारा पत्थरों से होने वाले हमलों का ज़िक्र किया गया है। बता दें कि जब सुरक्षाबल आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में लगे हुए होते हैं तब कई बार उन पर स्थानीय युवकों द्वारा पत्थरबाज़ी की जाती है। ऐसा करने के पीछे मक़सद यह होता कि सुरक्षा बलों का ध्यान भटकाया जाए और आतंकवादियों को भागने का मौक़ा मिल सके।
दोनों याचिकाकर्ताओं का कहना है कि ऐसी घटनाओं से जवानों के कर्तव्य पालन में बाधा तो आती ही है, साथ में उनकी तैनाती की जगह पर उनकी सुरक्षा को भी ख़तरा होता है।