भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी- मार्क्सवादी (CPI-M) के दो कार्यकर्ताओं को केरल पुलिस ने 2 नवंबर को माओवादियों के साथ कथित संबंधों का ज़िम्मेदार ठहराते हुए गिरफ़्तार कर लिया है। केरल के पलक्कड़ ज़िले में चार माओवादियों के मारे जाने पर दोनों ने पुलिस बल के थंडरबोल्ट कमांडो की आलोचना भी की थी।
जिन दो लोगों को गिरफ़्तार किया गया है उनकी पहचान एलन सुहैब और थाहा फ़ज़ल के रुप में हुई है। उन्होंने माओवादियों के मारे जाने पर राज्य पुलिस को धमकाते हुए नोटिस भी जारी किए थे। प्रारम्भिक जाँच में, पुलिस ने दावा किया है कि इस बात के ठोस सबूत हैं कि दोनों ने माओवादी पदाधिकारियों के साथ संपर्क बना रखा था।
इस बात पर भी ग़ौर किया जाना चाहिए कि दोनों आरोपितों की गिरफ़्तारी ग़ैर-कानूनी गतिविधियों (रोकथाम) अधिनियम के कड़े प्रावधानों के तहत की गई है, जो संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित करने और संबंधित गतिविधियों पर रोक लगाने या आतंकवाद को बढ़ावा से रोक लगाने के संबंध में पारित किया गया था।
ख़बर के अनुसार, एलन सुहैब और थाहा फ़ज़ल को शुक्रवार की रात को पंथीरनकवु से हिरासत में ले लिया गया। उन पर सेक्शन-20 (एक आतंकवादी गिरोह या संगठन का सदस्य होने की सज़ा), 38 (आतंकवादी संगठन की सदस्यता से संबंधित अपराध) और 39 (ग़ैर-क़ानूनी गतिविधियों के लिए आतंकवादी संगठन को समर्थन देने से संबंधित अपराध) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस ने बताया कि दोनों कार्यकर्ता क्रमशः कानून और पत्रकारिता की पढ़ाई कर रहे हैं, उन पर माओवादी पदाधिकारियों के साथ संपर्क बनाए रखने का संदेह था। मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने राज्य पुलिस प्रमुख लोकनाथ बेहरा से गिरफ़्तारी की रिपोर्ट माँगी है।
पुलिस ने ख़ुलासा किया है कि सुहैब और फ़ज़ल की तलाशी के दौरान उन्होंने माओवादी विचारधारा को बढ़ावा देने वाले पर्चे बरामद किए हैं। पुलिस ने अब तीसरे ऐसे व्यक्ति की तलाश तेज़ कर दी है, जो पुलिस बल को देखकर मौके से भाग गया था।