शुक्रवार (जुलाई 12, 2019) को उत्तर प्रदेश के उन्नाव ज़िले में क्रिकेट मैच को लेकर मदरसा दारुल उलूम फैज़ ए आम के छात्रों और कुछ स्थानीय युवकों के बीच आपसी झड़प की ख़बर सामने आई थी। मारपीट के बाद छात्र मदरसा पहुँचा और उसने मैच के दौरान हुई मारपीट की जानकारी काज़ी निसार अहमद मिस्बाही को दी, जिन्होंने पूरे मामले को मॉब लिंचिंग से जोड़ने और सांप्रदायिक रंग देने का भरसक प्रयास किया।
इस मामले में उन्नाव पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया है कि बच्चों से ‘जय श्री राम’ का नारा लगवाने की शिक़ायत की अभी तक पुष्टि नहीं हुई है। अब तक पुलिस द्वारा एक शख़्स को गिरफ़्तार किया गया है और आगे जाँच जारी है।
Unnao Police on Madrasa students thrashed allegedly after forced to chant Jai Sri Ram on July 11: Complaints of raising of slogans have not been verified yet. One arrested. Further investigation underway. https://t.co/KXDouaxMLu
— ANI UP (@ANINewsUP) July 13, 2019
उन्नाव पुलिस ने एक प्रेस नोट जारी किया है। इसके अनुसार, सीसीटीवी फुटेज में देखा गया है कि FIR में नामजद लोग मौक़े पर मौजूद ही नहीं थे। इस नोट में स्पष्ट लिखा गया है कि जय श्री राम का नारा लगवाने की बात इस पूरे प्रकरण में कहीं भी सामने नहीं आई है। इसका मतलब है कि जिस आधार पर उन चार लोगों को दोषी ठहराने की कोशिश की गई उन्हें ‘जय श्री राम’ के नारे के नाम पर बेवजह इस मामले में घसीटा गया था।
Unnao Police on Madrasa students thrashed allegedly after forced to chant Jai Sri Ram on July 11: According to CCTV footage & probe, those named in FIR weren’t there at the spot. Madrasa students had an argument with one of the 4 people in the other group which led to a clash. pic.twitter.com/oPeqz17Tn8
— ANI UP (@ANINewsUP) July 13, 2019
इस घटना के बाद कल (जुलाई 12, 2019) को पुलिस के बयान पर आधारित ऑपइंडिया की ही एक रिपोर्ट में यह स्पष्ट किया गया था। रिपोर्ट के अनुसार पुलिस द्वारा इस मामले में जाँच के बाद यह बात सामने आई थी कि ‘जय श्री राम’ के धार्मिक नारे लगवाने के लिए मजबूर करने वाली बात एकदम मनगढ़ंत और झूठी थी। ADG (क़ानून-व्यस्था) उन्नाव ने क्रिकेट खेलने को लेकर दो पक्षों में हुई मारपीट की घटना के बारे में बताया था कि इस मामले की जाँच में पता चला है कि मदरसे के बच्चों से धार्मिक नारे नहीं लगवाए गए थे। ऐसे झूठे आरोप लगाकर मेरठ और आगरा में भी शांति भंग करने का प्रयास किया गया।
पुलिस ने बयान दिया कि प्रदेश में कहीं भी अफ़वाह और शांति भंग करने का प्रयास किया जाएगा तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस घटना को लेकर लोकभवन में ADG LO, IG LO और प्रमुख सचिव सूचना की प्रदेश की क़ानून-व्यवस्था पर प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की गई थी।
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया गया था कि उन्नाव में क्रिकेट खेलने के चलते विवाद हुआ और क्रिकेट की वजह से ही बच्चों में झगड़ा हुआ। उन्होंने स्पष्ट किया कि बच्चों से कोई भी धार्मिक/मज़हबी नारे नहीं लगवाए गए थे। अधिकारियों ने बताया कि उन्नाव, मेरठ और आगरा में असामाजिक तत्वों को गिरफ़्तार किया गया और बिना भेदभाव के लोगों पर कार्रवाई की गई है।