पुलवामा हमले का मास्टरमाइंड मसूद अज़हर को सुरक्षा परिषद द्वारा ब्लैक-लिस्ट कराने की भारत की कोशिशों को कूटनीतिक स्तर पर बड़ी सफलता मिलती दिख रही है। फ्रांस, अमेरिका और ब्रिटेन ने पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद के संस्थापक मसूद को ब्लैक-लिस्ट करने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में प्रस्ताव पेश किया है। इस प्रस्ताव पर आपत्ति दर्ज कराने के लिए 13 मार्च तक की समयसीमा तय की गई है। बुधवार (फरवरी 27, 2019) को पेश किए गए इस प्रस्ताव में अज़हर की अंतरराष्ट्रीय यात्रा पर प्रतिबंध लगाने और उसकी संपत्तियों को जब्त करने की माँग की गई है।
BREAKING : आतंकी मसूद पर बैन के लिए UN सुरक्षा परिषद में अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन ने दिया प्रस्ताव… pic.twitter.com/B4EFvUtpcU
— Zee News Hindi (@ZeeNewsHindi) February 28, 2019
ज्ञात हो कि इससे पहले 2009 और 2016 में मसूद अज़हर पर प्रतिबन्ध लगाने के लिए सुरक्षा परिषद में प्रस्ताव लाया जा चुका है। 2016 में पठानकोट हमले के बाद लाए गए इस प्रस्ताव पर फ्रांस, अमेरिका और ब्रिटेन ने भारत का साथ दिया था। 2017 में अमेरिका ने ब्रिटेन और फ्रांस के समर्थन से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में रेज़ोलुशन 1267 पारित किया था, जिसमें पाकिस्तानी आतंकी मसूद अज़हर पर प्रतिबंध की माँग की गई थी। आपको बता दें कि चीन हमेशा से इस प्रस्ताव के पास होने में अड़ंगा लगाता रहा है।
अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पुलवामा हमले के लिए जिम्मेदार आतंकी मसूद अजहर को ब्लैक लिस्ट करने की माँग. https://t.co/tixzhdbMkO pic.twitter.com/Hg8nLW3Sao
— News18 India (@News18India) February 28, 2019
ताजा प्रस्ताव में ब्रिटेन, फ्रांस और अमेरिका ने कहा:
“पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद का मुखिया मसूद अजहर ने ही भारत के जम्मू-कश्मीर में 14 फरवरी को किए आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली है। इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे।”
Inde – Lutte contre le terrorisme
— India in France (@Indian_Embassy) February 26, 2019
La France condamne avec la plus grande fermeté le terrible attentat perpétré le 14 février des……
France strongly condemns the terrible attack perpetrated on 14 February against Indian security forces in @IndAmbFrance @MEAIndia @PMOIndia pic.twitter.com/cBta1SF6JM
फ्रांस इस मोर्चे पर पूरी तरह भारत के साथ खड़ा नज़र आ रहा है। 1 मार्च से फ्रांस औपचारिक तौर पर सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालेगा। बता दें कि 15 सदस्यों वाली सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता हर माह एक देश से दूसरे देश के पास चली जाती है। फ्रांस द्वारा इसकी अध्यक्षता ग्रहण करने के साथ ही मसूद अज़हर के ख़िलाफ़ कुछ कड़े क़दम उठाए जाने की उम्मीद है। चीन द्वारा इस प्रस्ताव का फिर से विरोध किए जाने की संभावना है।
Reuters: US, UK & France have asked the 15-member United Nations Security Council sanctions committee to subject Maulana Masood Azhar, the head of Pakistan-based militant group Jaish-e-Mohammad, to an arms embargo, global travel ban and asset freeze. https://t.co/lvQYJMI1BW
— ANI (@ANI) February 28, 2019
पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद फ्रांस ने कड़ी निंदा करते हुए कहा था कि वह जिम्मेदार आतंकवादियों पर प्रतिबंध लगाने और उनके वित्तीय नेटवर्क पर रोक लगाने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को लामबंद करने में पूरी तरह लगा हुआ है।