रंग दे बसंती फिल्म के अभिनेता सिद्धार्थ ने बुधवार (8 सितंबर 2021) को तड़के ट्वीट कर भारतीय क्रिकेट टीम के पुराने दिनों को याद करते हुए बताया कि अब ये ‘विषाक्त’ हो गया है। दरअसल, आईपीएल के उद्भव से पहले क्रिकेट और एमएस धोनी व विराट कोहली जैसे क्रिकेटरों के बारे में बोल रहे थे।
My favourite cricketer since I was 14 and he 20 was Dravid. Followed him his whole career. First ball to last. I miss you so much Rahul Dravid. Can’t wait for you to come back to dignify Indian Cricket again. It’s coming. ❤️
— Siddharth (@Actor_Siddharth) September 7, 2021
एक्टर ने दो ट्वीट किए और दावा किया, “नई पीढ़ी की पूजा प्रशासनिक और पीआर शक्ति के साथ मिली जुली है। यह वह क्रिकेट नहीं है जिसकी उन्होंने ‘पूजा’ की और अब ‘विषाक्तता का राज’ है। बाद में उन्होंने कहा कि जब राहुल द्रविड़ ने क्रिकेट खेला तो उन्होंने उस समय को याद किया और कामना की कि वह वापस आएँ और भारतीय क्रिकेट को फिर से सम्मानित करें।”
फैंस ने दिया करारा जवाब
हालाँकि, भारतीय क्रिकेट, आईपीएल, एमएस धोनी, विराट कोहली और सामान्य तौर पर क्रिकेट प्रशंसक इस ट्वीट से बहुत खुश नहीं थे।
कुछ लोगों ने बताया कि वह अभिनेता जो प्रोडक्ट का विज्ञापन करते हैं और एक ही पीआर श्रेणी का हिस्सा हैं, इसलिए उन्हें खिलाड़ियों पर ताने नहीं मारने चाहिए।
tru 😂😂 ye log ka moral supremacy kuch zyada hi chal raha
— Abhinav Kumar (@abhinav_kumarrr) September 8, 2021
इस मामले में कुछ लोगों ने ये भी कहा कि अगर कमाई करने का जरिया ठीक है तो किसी को कोई समस्या नहीं होनी चाहिए।
If a person is earning money by Ethical ways. I can’t understand what’s the issue.
— Shashank Balnad Kukkaje (@shashank_balnad) September 8, 2021
कुछ लोगों ने बताया कि किस तरह से सिद्धार्थ क्रिकेटरों के बारे में उदासीन हो रहे थे, जबकि वे भी इसी एडवर्टाइजिंग और पीआर खेल से जुड़े हैं।
In 2002, Indian players were earning 60% of their revenue from endorsements & 40% from Cricket match fees. These negotiations were getting played out before the 2002 Headingley Test. It’s better to know history before making Dravids & Tendulkars the Gods, which they were not
— Vijay Arumugam (@vijayarumugam) September 8, 2021
ट्विटर यूजर विजय अरुमुगम ने याद किया कि कैसे 2002 में द्रविड़, तेंदुलकर और अन्य क्रिकेटर आईसीसी के एंबुश मार्केटिंग क्लॉज से सहमत नहीं थे और राजस्व को जाने देने के मूड में नहीं थे। उन्होंने बताया कि कैसे 2002 में भारतीय क्रिकेटरों ने अपनी कमाई का लगभग 60% एंडोर्समेंट सौदों के जरिए हासिल किया था।
हालाँकि, जैसा कि उन्होंने इशारा किया यदि व्यक्ति ने अपनी आय हासिल करने में कुछ भी गलत नहीं किया है। तो इसमें कोई समस्या नहीं है।
The “era” before ipl was the time when fans burned stadium , blocked roads because their favourite cricketer was dropped , conducted mock funerals for cricketers. Anyone remember the 1996 World Cup semi final ? https://t.co/rHvoPPoa9j
— Diptanshu Baruah (@BaruahDiptanshu) September 8, 2021