दुर्गा पूजा से पहले पश्चिम बंगाल में इसको लेकर राजनीतिक और मजहबी प्रोपेगेंडा शुरू हो गया है। इसी कड़ी में एक कलाकार के स्केच को लेकर नाराजगी देखी जा रही है। इसमें माँ दुर्गा को हिजाब में दिखाया गया है। प्रसिद्ध बंगाली कलाकार सनातन डिंडा ने 2 सितंबर को फेसबुक पर एक महिला की तस्वीर पोस्ट की। महिला का सिर हिजाब और मुँह नकाब से ढका था।
विवादित ड्राइंग को चारकोल ड्राई पेस्टल का इस्तेमाल कर स्केच किया गया था। इसके साथ कैप्शन में ‘माँ आशेन’ (Ma aschen) लिखा हुआ था। बंगाली में ‘माँ आशेन’ का अर्थ देवी दुर्गा की अपने मायके घर वापसी से है। इसका उपयोग हिंदू त्योहार को मनाने और इस दौरान हर्षोल्लास का वर्णन करने के लिए किया जाता है।
कलाकार सनातन डिंडा द्वारा हिजाब में देवी दुर्गा का चित्रण करने और उसे सोशल मीडिया पर पोस्ट करने को लेकर नेटिजन्स काफी आक्रोशित हैं। भाजपा महिला मोर्चा की उपाध्यक्ष केया घोष ने लिखा, “हिजाब में माँ दुर्गा… कलाकार सनातन डिंडा द्वारा।”
“Maa Durga in hijab”
— Keya Ghosh (@keyakahe) September 14, 2021
By artist Sanatan Dinda. He knows he can get away with it because many intellectual Bengalis are going gaga over it.@Rajput_Ramesh @MODIfiedVikas kindly look into it. @HinduITCell
Fb link- https://t.co/kzPc7ATwKG pic.twitter.com/srSZ7y3Mfj
उन्होंने कहा, “वह जानता है कि इससे वह नजरों में आ सकता है क्योंकि कई बंगाली बुद्धिजीवी इस पर गदगद हो रहे हैं।” भाजपा नेता ने इस मामले में हिंदू आईटी सेल, शिवसेना के पूर्व नेता राजपूत रमेश और वास्तुकार विकास पांडे से मदद माँगी थी।
नेटिज़न्स ने की खिंचाई
एक ट्विटर यूजर (@vighosh) ने कलाकार को आड़े हाथों लेते हुए उसके नाम पर संदेह जताया। उसने लिखा, “और इसका नाम सनातन है।”
एक अन्य यूजर ने लिखा, “उसने पश्चिम बंगाल का भविष्य दिखाने की कोशिश की है और कुछ नहीं।” उन्होंने कहा कि सभी धर्मों की महिलाओं को अंततः हिजाब पहनने के लिए मजबूर किया जाएगा, चाहे उनका धर्म कुछ भी हो।
एक यूजर ने लिखा, “अब यह क्या है।”
एक ने अफसोस जताते हुए लिखा, “उसने राज्य के भविष्य का स्केच किया है। स्केच में दिख रही महिला की आँखों के आँसू हमें भविष्य के बारे में बता रहा है।”
गौरतलब है कि अक्टूबर 2019 में कोलकाता के बेलियाघाटा 33 पल्ली क्षेत्र में दुर्गा पूजा पंडाल में अज़ान का एक वीडियो चलाया गया था, जिसको लेकर सोशल मीडिया यूजर्स ने काफी नाराजगी जताई थी। यूजर्स ने आयोजकों के खिलाफ तुष्टिकरण और धर्मनिरपेक्षता दिखाने का नारा लगाया था। इसके बाद एक स्थानीय वकील ने शिकायत दर्ज की थी, जिसके बाद पूजा पंडाल के क्लब सचिव और स्थानीय टीएमसी नेता परेश पॉल सहित दस लोगों को नामजद किया गया था। कथित तौर पर पॉल इस सामुदायिक पूजा के मुख्य आयोजक थे।