Thursday, November 14, 2024
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गोल्डन थ्रो से पहले ‘गायब’ था नीरज चोपड़ा का भाला, पाकिस्तान के अरशद नदीम के पास मिला: जानिए क्या हो सकते हैं कारण

पाकिस्तानी खिलाड़ियों पर अक्सर टैंपरिंग के आरोप लगे हैं। खासकर पाकिस्तानी क्रिकेटर्स पर बॉल के साथ छेड़छाड़ करने के आरोप नए नहीं हैं। इसलिए नेटीजन्स का डर निराधार नहीं हैं।

टोक्यो ओलंपिक के गोल्ड मेडलिस्ट नीरज चोपड़ा ने टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए इंटरव्यू में खुलासा किया है कि जिस दिन उन्होंने स्वर्ण पदक जीता, उस दिन कुछ समय के लिए उन्हें उनका भाला नहीं मिल पा रहा था।

अरशद नदीम से अपना भाला लेने के बाद नीरज चोपड़ा

चोपड़ा ने बताया कि वह फाइनल राउंड की शुरुआत में अपने भाले को खोज रहे थे और उन्हें वह मिल नहीं रहा था। तभी, उन्होंने पाकिस्तानी एथलीट अरशद नदीम को अपने जैवलीन के साथ घूमते देखा। चोपड़ा ने नदीम से फौरन उनका भाला लौटाने को कहा। नदीम ने उन्हें उस भाले को दिया और फिर चोपड़ा ने खेल में पार्टिसिपेट किया। चोपड़ा कहते हैं कि इसी वाकये की वजह से वह पहली थ्रो के समय थोड़ा हड़बड़ाहट में थे।

क्लिप में देख सकते हैं कि नीरज चोपड़ा, नदीम के पास जाकर कैसे अपना जैवलीन ले रहे हैं। इस वीडियो को देखने के बाद सोशल मीडिया पर कयास लग रहे हैं कि आखिर अरशद नदीम, भारतीय एथलीट नीरज चोपड़ा का जैवलीन लेकर क्या कर रहे थे। कई लोगों को शक है कि कहीं अरशद कुछ गड़बड़ करने की कोशिश तो नहीं कर रहे थे।

मालूम हो कि पाकिस्तानी खिलाड़ियों पर अक्सर टैंपरिंग के आरोप लगे हैं। खासकर पाकिस्तानी क्रिकेटर्स पर बॉल के साथ छेड़छाड़ करने के आरोप नए नहीं हैं। इसलिए नेटीजन्स का डर निराधार नहीं हैं।

इस बात की संभावना है कि अरशद नदीम, नीरज के भाले पर नजर मार रहे थे। चोपड़ा को जहाँ भारत सरकार का पूरा समर्थन मिला हुआ था, वहीं पाकिस्तानी अरशद नदीम को अपनी सरकार का समर्थन न मिलने के कारण दुख था और वह इस बात से चिंतित भी थे।

इस बात का पता ठीक तब भी चला जब नीरज चोपड़ा ने गोल्ड जीता और पाकिस्तानियों ने बताना शुरू किया कि कैसे नीरज को बेस्ट ट्रेनिंग मिली जबकि उनके प्रतिभागी को सरकार का कोई समर्थन नहीं था।

टोक्यो ओलंपिक से कुछ समय पहले, चोपड़ा ने बताया भी था कि कैसे भारत सरकार ने उनके लिए यह सुनिश्चित किया था कि वह विदेश में जाकर ट्रेनिंग लें।

उन्होंने बताया था कि जब उन्हें यूरोप में ट्रेनिंग लेने जाना था तो कैसे भारत सरकार ने सख्त वीजा और यात्रा प्रतिबंधों के बावजूद उनके लिए हर चीज सुनिश्चित की थी। वहीं अरब न्यूज में प्रकाशित एक आर्टिकल बताता है कि कैसे नदीम ने पाकिस्तानी खिलाड़ियों के लिए सुविधाओं के अभाव और सरकार का समर्थन न मिलने पर अफसोस जताया था।

उन्होंने टोक्यो से अरब न्यूज़ को बताया था कि कैसे सरकार ने उन लोगों को बहुत कम समर्थन दिया। वह बोले, “दी गई सुविधाओं के साथ, हम केवल दिल जीत सकते हैं, पदक नहीं।” उन्होंने ये भी बताया कि कैसे पाकिस्तानी सरकार सिर्फ क्रिकेट की दीवानी है इसलिए वह अन्य खेलों पर ध्यान भी नहीं देते।

पाकिस्तान ओलंपिक संघ के चिकित्सा आयोग के सचिव डॉ असद अब्बास शाह ने अरब न्यूज़ से बातचीत में दावा किया था कि अरशद को चिंता थी क्योंकि वह एक Humble बैकग्राउंड से आते हैं। मीडिया से बात करते हुए डॉ शाह इस बात पर भी हैरान थे कि कैसे भारतीय खिलाड़ी अच्छे से तैयार थे। उन्होंने कहा “वे अपने साथ एक ओस्टियोपैथ, फिजियोथेरेपिस्ट, स्पोर्ट्स साइकोलॉजिस्ट, डॉक्टर, ऑर्थोपेडिक सर्जन और यहाँ तक ​​​​कि न्यूरोलॉजिस्ट भी लाए थे। उनके पास एक आर्केस्ट्रा है। हमारे पास क्या है? कुछ नहीं। ”

बता दें कि इस पूरे मामले के संबंध में ऑपइंडिया ने नीरज चोपड़ा और अरशद नदीम से बात करने की कोशिश की है। जैसे ही हमारी बात उनसे होगी और वो इस पूरे मामले पर अपना पक्ष रखेंगे हम अपनी इस रिपोर्ट को अपडेट करेंगे।

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Nirwa Mehta
Nirwa Mehtahttps://medium.com/@nirwamehta
Politically incorrect. Author, Flawed But Fabulous.

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