सोशल मीडिया पर इस बात पर चर्चा हो रही है कि प्रोपेगंडा पत्रकार बरखा दत्त, वामपंथी इतिहासकारों इरफ़ान हबीब और रोमिला थापर को देश से निकाला जाए या नहीं। दरअसल, YouTube पर ‘Beer Biceps’ के एक वीडियो के बाद ये चर्चा हो रही है। असल में उनके वीडियो में अधिवक्ता J साई दीपक आए हुए थे। उनसे पूछा गया था कि ऐसे कौन से 3 लोग हैं जिन्हें देश से निकाल दिया जाना चाहिए? इसके जवाब में उन्होंने इन तीनों का नाम लिया।
जब उनसे पूछा गया कि इन तीनों का नाम लेने के पीछे कारण क्या है, तो उन्होंने कहा कि इन तीनों ने ही अपने-अपने तरीके से देश का नुकसान किए है। उन्होंने कहा कि इन तीनों ने ही तथ्यों, सत्य और इतिहास और नैतिकता के साथ गंभीर अन्याय किया है। इसके बाद लिबरल गिरोह में हाहाकार मच गया। ‘नीमो ताई’ नामक ट्विटर हैंडल ने ‘बियर बायसेप्स’ पर सरकार के साथ मिले होने का आरोप लगाया। वहीं RJ सायमा ने कहा कि सेंसेशनल कंटेंट बनाने के लिए और चंद पैसों-लाइक्स के लिए लोगों का जीवन खतरे में डाला जा रहा है।
What rubbish is this! In the name of sensational content, they have absolutely no sensitivity left! No ethics, no moral responsibility! For few likes and pennies, they endanger people’s lives! Shameful. https://t.co/35LdaNhn3k
— Sayema (@_sayema) July 10, 2023
वहीं बरखा दत्त ने कहा कि ये हैरान करने वाला है कि इस तरह के सवाल भी पूछे जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि भला इस तरह के सवाल कौन पूछता है? सोशल मीडिया में लोगों ने कहा कि कारगिल युद्ध में बरखा दत्त की रिपोर्टिंग के कारण हमारे जवानों को जान गँवानी पड़ी थी। साथ ही याद दिलाया कि कैसे रोमिला थापर और इरफ़ान हबीब ने मुगलों का महिमामंडन कर के हमारी इतिहास की पुस्तकों को बर्बाद कर दिया। लोगों ने पूछा कि जब नूपुर शर्मा के जीवन को मोहम्मद जुबैर ने खतरे में डाला तब सब क्यों चुप थे?
Barkha was the reason why some of our Indian Army sacrificed their life during kargil war
— Kadak (@kadak_chai_) July 11, 2023
Irfan habib,Romila thapar manipulated our history books & glorified invaders Mughals
What's wrong Sai Deepak ji said?
When gubair kept Nupur Sharma 's life this🐍enjoyed
Now crying pic.twitter.com/xmA0T2mD5A
लोगों ने बरखा दत्त का पुराना ट्वीट भी शेयर किया, जिसमें उन्होंने लिखा था कि VHP के पूर्व अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया और AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी को भारत छोड़ देना चाहिए। लोगों ने पूछा कि जब बरखा दत्त ऐसा कहें तो ठीक, किसी और ने कहा तो गलत कैसे हो गया? वहीं कुछ लोगों ने कहा कि वो चाहते हैं कि बरखा दत्त, रोमिला थापर और इरफ़ान हबीब इसी भारत में रहें, साथ ही खुद को गर्त में जाते हुए देखें। बता दें कि तीनों ने एक से बढ़ कर एक प्रोपेगंडा चलाया है।
बता दें कि कोरोना काल में बरखा दत्त ने शमशान से रिपोर्टिंग कर के सनसनी पैदा करने की कोशिश की थी। आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद भी बरखा दत्त ने उसका महिमामंडन करने की कोशिश की थी। इतना ही नहीं, मुंबई के 26/11 हमलों में उनकी रिपोर्टिंग के कारण आतंकियों को फायदा हुआ था। आतंकी टीवी देख रहे थे और बरखा दत्त द्वारा होटल में कॉल किए जाने के कारण की लोगों के छिपे होने की लोकेशन उन्हें पता चल गया। सवाल पूछने पर एक व्यक्ति को बरखा दत्त ने लीगल नोटिस भेज दिया था।
वहीं रोमिला थापर के इतिहास ज्ञान का उदाहरण लीजिए। रोमिला थापर अपने एक लेख में मानती हैं कि महाभारत का युद्ध 3102 ईसा-पूर्व में हुआ था। यही रोमिला थापर कहती हैं कि 232 ईसा-पूर्व तक राज करने वाले अशोक से 3102 ईसा-पूर्व के बाद राज करने वाले युधिष्ठिर ने प्रेरणा ली। JNU द्वारा सीवी माँगे जाने के बाद रोमिला थापर ने विश्वविद्यालय के नियम-कायदों को मानने से इनकार करते हुए कहा था कि वो सीवी नहीं देंगी। उन्होंने गलत-सलत इतिहास की बातें लिखीं।
इसी तरह, इरफ़ान हबीब भी एक कुख्यात इतिहासकार हैं जो केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान से मंच पर ही हाथापाई करने लगे थे। उन्होंने AMU में जहरीला भाषण देकर छात्रों को भड़काया था। इतना ही नहीं, इरफ़ान हबीब औरंगजेब के महिमामंडन के लिए भी जाने जाते हैं। 90 वर्ष की उम्र में भी उनका अंदर का ज़हर कम नहीं हुआ है और वो अपने लिखे की आलोचना सुनना नहीं चाहते। उन्हें देश की अखंडता और एकता के लिए खतरा बताते हुए नोटिस भी जारी किया गया था।