जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद सोशल मीडिया पर प्रोपेगेंडा फैलाने वाला समूह अब पहले से ज्यादा सक्रिय है। फर्जी तस्वीरों और निराधार तथ्यों के आधार पर कश्मीर को लेकर पूरे देश में असहजता का माहौल बनाने का प्रयास किया जा रहा है। इसी सूची में कारवां के पत्रकार (फोटो पत्रकार) शाहिद तान्तरे ने भी फर्जी तस्वीर के सहारे प्रोपेगेंडा को आगे बढ़ाया। लेकिन झूठ ज्यादा देर तक चली नहीं और उन्हें सोशल मीडिया पर मिली जबरदस्त लताड़!
दरअसल, शाहिद ने कुछ दिन पहले अपने सोशल मीडिया अकॉउंट से एक पुरानी तस्वीर को प्रासंगिक बनाकर ट्वीट किया। इस पुरानी तस्वीर के साथ उन्होंने किसी कवि/शायर की आभासी फिक्शन पंक्तियों को लिखकर वहाँ के युवाओं की वर्तमान स्थिति को दयनीय दिखाने का प्रयास किया।
साझा तस्वीर में साफ देखा जा सकता है कि आला अधिकारी वहाँ के बच्चों से हँसते मुस्कुराते बात करते नजर आ रहे हैं। लेकिन लिखे गए कैप्शन से प्रतीत होता है कि जैसे अधिकारी कह रहे हों, “हम कश्मीरी युवकों पर तब तक अत्याचार करते हैं जब तक उनके पास कुछ कहने के लिए न बचे।”
“A brigadier says, The boys of #Kashmir break so quickly,
— Shahid Tantray- شاہد تانترے (@shahidtantray) September 23, 2019
we make their bodies sing, on the rack, till no song is left to sing.” ~ Aga Shahid Ali#KashmirSiege #StandWithKashmir #humanrights pic.twitter.com/Ge4oOr4MHj
ऐसे में जब हमने इस तस्वीर और तान्तरे द्वारा लिखे कैप्शन की हकीकत जानने का प्रयास किया तो हमें पता चला ये तस्वीर पुरानी है। जिसमें पुलिस अधिकारी पत्थरबाजी में शामिल बच्चों की कॉउंसलिंग कर रहे हैं।
इस संबंध में खुद जम्मू कश्मीर के पुलिस अधिकारी इम्तियाज़ हुसैन ने तान्तरे को जवाब देकर झूठे प्रोपगैंडा की पोल खोल दी है। उन्होंने तान्तरे के पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा है, “ये एक पुरानी तस्वीर है। और एक कवि की कुछ पंक्तियों का यहाँ इस्तेमाल प्रोपगैंडा फैलाने के लिहाज से हुआ है। तस्वीर में दिख रहे अधिकारी उन नाबालिग बच्चों की कॉउंसलिंग कर रहे हैं, जो साल 2010 में पत्थरबाजी में शामिल थे।”
An old pic and a fiction of a poet is being used here to spread the propaganda. The police officers are counselling the minor boys having been involved in stone pelting in year 2010.
— Imtiyaz Hussain (@hussain_imtiyaz) September 23, 2019
This one is a typical example of agitprop,the soviet era propaganda. https://t.co/m7ShJh6xnP
जम्मू कश्मीर के पुलिस अधिकारी ने तान्तरे की इस हरकत को प्रोपगैंडा फैलाने का उदाहरण बताया। उनके अलावा सोशल मीडिया पर भी लोगों ने इस पत्रकार की लताड़ लगाई। लोगों ने पुलिस अधिकारी को ये तथ्य सामने लाने के लिए धन्यवाद कहा और ऐसे कई प्रोपगैंडों के उदाहरणों के बारे में बात करने लगे, जब फर्जी तस्वीरों के जरिए कश्मीर के नाम पर झूठी खबर फैलाई गई। हालाँकि, इस दौरान कुछ लोगों ने कारवां के पत्रकार के समर्थन में पुलिस अधिकारी को झूठा साबित करने की कोशिश की, लेकिन अधिकतर लोग सिर्फ इम्तियाज़ हुसैन की तारीफ करते नजर आए और कहा कि कश्मीर उनके हाथ में सुरक्षित है।