फैबइंडिया ने दीपावली पर ‘जश्न-ए-रिवाज’ कैंपेन शुरू कर ‘जश्न-ए-पैर पे कुल्हारी’ मारने का काम किया है। हिंदुओं के त्योहार को इस तरह से उर्दू में पेश करने वाले फैबइंडिया से नेटिजन्स खासा आक्रोशित हैं। यही कारण है कि वह कंपनी का इतिहास और भूगोल जानने के लिए उसकी तह तक जा रहे हैं कि ‘नॉट सो सनातनी’ कैंपेन के पीछे का मास्टरमाइंड कौन है? दीपावली 100% सनातनी पर्व है। इसको लेकर ट्विटर यूजर हर्षिल मेहता का धन्यवाद किया जाना चाहिए, क्योंकि उन्होंने इसे गलत रूप से पेश करने वाले ज़ेनो ग्रुप इंडिया को आड़े हाथों लिया है। दरअसल, इसे फैबइंडिया ने साल 2019 में डिजिटल पार्टनर्स के रूप में हायर किया था।
Thread: #FabIndia’s digital partner is headed by a Congressi woke.
— Harshil Mehta હર્ષિલ (@MehHarshil) October 20, 2021
She and her husband have an obsession with Urdu. She cracks Gomutra jibes.
Here’s what I have found.
Explosive ahead.
हर्षिल ने सिलसिलेवार कई ट्वीट किए हैं। उन्होंने लिखा, ”फैबइंडिया (FabIndia) के डिजिटल पार्टनर का नेतृत्व कॉन्ग्रेसी नेता कर रहे हैं। उन्हें और उनके पति को उर्दू का बहुत शौक है। वह हिंदूफोबिक हैं और गो मूत्र का मज़ाक उड़ाने वाले हैं।” अपने ट्वीट थेड में उन्होंने कई विस्फोटक खुलासे भी किए हैं। जनवरी 2020 में, रेखा राव को भारत के संचालन के लिए कंपनी में प्रबंध निदेशक के रूप में शामिल किया गया था।
यह जानकारी क्यों महत्वपूर्ण है? इसकी प्रासंगिकता को समझने के लिए सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि ज़ेनो ग्रुप फैबइंडिया के लिए क्या करने वाला था? एक्सचेंज4मीडिया में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, ज़ेनो ग्रुप को ब्रांड स्ट्रेटजी, कंटेंट डेवलेपमेंट को लीड करना था और फैबइंडिया के लिए डिजिटल मीडिया के मैनेजमेंट और एक्जीक्यूशन (execution) की देखरेख करना था।
फैबइंडिया को डिजिटल मॉर्केट में आगे ले जाने और इसके मैनेजमेंट के लिए कई अन्य एजेंसियों को भी कॉन्ट्रैक्ट मिला है। हालाँकि, अभी तक अन्य एजेंसियों की जानकारी उपलब्ध नहीं हो पाई है। ऐसे में हम यह मान सकते हैं कि ज़ेनो ग्रुप अभी भी इसका प्रबंधन कर रहा है। खासतौर पर, ऐसे ज्यादातर मामलों में फैबइंडिया जैसे बड़े कॉरपोरेट के पास एक से अधिक विज्ञापन एजेंसियाँ, पीआर एजेंसियाँ और डिजिटल मार्केटिंग एजेंसियाँ काम करती हैं। यह फैबइंडिया के मामले में भी हो सकता है, लेकिन अभी तक इंटरनेट पर कोई अन्य प्रमुख नाम सामने नहीं आया है।
अब ज़ेनो ग्रुप की रेखा राव पर वापस आते हैं। वह ‘कथा कथन’ की सह-संस्थापक भी हैं, जो उर्दू साहित्य को बढ़ावा देती है। ‘कथा कथन’ ने जश्न-ए-साहिर, जश्न-ए-प्रेमचंद, जश्न-ए-मंटो, जश्न-ए-गालिब और अन्य सहित कई कार्यक्रमों का आयोजन किया है। वैसे भी जश्न-ए-रिवाज कैंपेन और रेखा के ‘Jashn-e-XYZ’ शब्द के प्यार के बीच कोई संबंध नहीं हो सकता है, लेकिन यह एक अजीब संयोग है।
She is also a co-founder of Katha Kathan, which is for promoting Urdu literature.
— Harshil Mehta હર્ષિલ (@MehHarshil) October 20, 2021
More Jashn in the picture. pic.twitter.com/65ZSKUISwp
इसके अलावा, रेखा राव ने अपने कई ट्वीट्स में हिंदूफोबिया प्रदर्शित की है। उन्होंने ‘गोमूत्र’ का मजाक उड़ाया और पीएम मोदी और हिंदू संस्कृति को तुच्छ दिखाने का प्रयास किया है। वह अपने ट्वीट में पीएम मोदी, आरएसएस से घृणा और हिन्दुत्व की आलोचना भी करती हैं।
इसके अलावा वह कई मौकों पर गोरक्षकों पर सवाल उठा चुकी हैं। दिलचस्प बात यह है कि उनकी टाइमलाइन पर हिंदुओं के खिलाफ कई व्यंग्यात्मक ट्वीट देखे जा सकते हैं। एक मुस्लिम से निकाह करने के बाद उन्होंने आरोप लगाया था कि वह अपने पति के धर्म के कारण फ्लैट नहीं ढूंढ पा रही थी।
ट्विटर पर उनके पति अपने बायो में खुद को ‘उर्दू का प्रबल समर्थक‘ कहते हैं, जो अंग्रेजी भाषा में लिखा गया है।
Her husband is Jameel Gulrays. Here’s his Twitter and FB bio. pic.twitter.com/a2uVv4MEem
— Harshil Mehta હર્ષિલ (@MehHarshil) October 20, 2021
फैबइंडिया के दिवाली कैंपेन को लेकर विवाद
गौरतलब है कि सोशल मीडिया पर फैबइंडिया का विरोध बेबुनियाद नहीं है। उन्होंने दिवाली जैसे पावन पर्व के मौके पर एक कलेक्शन निकाला जिसका नाम उर्दू में था। अपने विज्ञापन के जरिए फैबइंडिया ने हिंदुओं को उकसाने का काम किया। कंपनी ने कपड़ों के एक कलेक्शन के विज्ञापन में दीपावली को जश्न-ए-रिवाज बताया था। लेकिन सोशल मीडिया पर इसका लगातार विरोध होने के बाद उन्होंने इस हिंदू विरोधी विज्ञापन को हटा लिया। मालूम हो कि फैबइंडिया की शुरुआत 1960 में जॉन बिस्सेल ने की थी। वह फोर्ड फाउंडेशन ग्रांट पर कॉटेज इंडस्ट्रीज एम्पोरियम के सलाहकार के रूप में भारत आए थे।