ख़ुद को फैक्ट-चेकिंग वेबसाइट बताने वाले ‘ऑल्टन्यूज़’ ने फैक्ट-चेक करने के नाम पर इतना गंध फैलाया है कि अब लोग भी उससे तंग आ गए हैं। इस प्रोपेगेंडा पोर्टल के दोनों संस्थापक प्रतीक सिन्हा और ज़ुबैर का पूरा समय सोशल मीडिया पर लोगों से लड़ाई-झगड़ा करते हुए बीतता है। अब आम लोग भी इस पोर्टल की करतूतों से परेशान हो चुके हैं। जिहादियों, आतंकियों, हिन्दू विरोधियों और विपक्षी नेताओं को बचाने की होड़ में ‘ऑल्टन्यूज़’ कई बार हद पार कर चुका है और उसने उलटा-सीधा फैक्ट-चेक कर के लोगों के दिमाग में गोबर भरने की कोशिश की है।
ट्विटर पर आज काफी देर तक ‘फेक इट लाइक ऑल्टन्यूज़’ ट्रेंड में रहा। इस दौरान यूजर्स ने विभिन्न मीम्स के जरिए ये दिखाने का प्रयास किया कि प्रतीक सिन्हा और ज़ुबैर की वेबसाइट कैसे फैक्ट-चेक के नाम पर अपने गिरोह विशेष के लोगों का बचाव करती है। यहाँ हम उनमें से 5 ऐसे मीम्स लेकर आ रहे हैं, जो लोगों की क्रिएटिविटी का उदाहरण तो हैं ही, साथ ही मीडिया में कुकुरमुत्ते की तरह उग आए ‘ऑल्टन्यूज़’ जैसे प्रोपेगंडा पोर्टलों की पोल भी खोलते हैं।
1.) वो पत्थरबाज थोड़े हैं, गेंदबाज हैं
एक व्यक्ति ने पुलिस के ख़िलाफ़ हिंसा करने वालों का बचाव करने का आरोप लगाते हुए दिखाया कि कैसे ‘ऑल्टन्यूज़’ किसी पत्थरबाज का बचाव कर सकता है। वो पत्थरबाज की तस्वीर को क्रिकेट के मैदान में फिट कर देगा और कहेगा कि देखो, ये तो बेचारा गेंदबाज है, जो बॉलिंग कर रहा था।
#FakeItLikeAltNews hrs playing cricket but wrongly attributed to stone pelting ? pic.twitter.com/SKYJIgBWOd
— Ganesh and 404 Others (@Strive_4_futr) February 18, 2020
2. कसाब गोली नहीं चला रहा था, होली खेल रहा था
मुंबई में नवम्बर 2008 में हुए आतंकी हमले में पाकिस्तानी आतंकवादी अजमल कसाब को ज़िंदा पकड़ा गया था। लेकिन, एक ट्विटर यूजर का दावा है कि ‘ऑल्टन्यूज़’ उसे भी निर्दोष साबित करने की कोशिश करता। कैसे? सीधा है, कसाब के हाथ में बन्दूक को गायब कर उसकी जगह पिचकारी डाल दीजिए। प्रोपेगेंडा पोर्टल फोटोशॉप के जरिए ऐसा करने में देरी नहीं करेगा।
Real Vs alt news fact check
— my Name is CAA (@bagga_daku) February 18, 2020
With the help of NDtv #FakeItLikeAltNews pic.twitter.com/0uIspkau4I
3. जामिया के पत्थरबाजों के बचाव में
जामिया मिल्लिया इस्लामिया के पत्थरबाजों को लाइब्रेरी में घुसते हुए देखा गया। उनके हाथों में पत्थर थे। ‘ऑल्टन्यूज़’ सीएए विरोधियों को लगातार बचाता रहा है। लाइब्रेरी के पूरे सीसीटीवी फुटेज को देख कर वो भी पत्थरबाज छात्र को बचाने के लिए नया तर्क लेकर आ जाता। एक यूजर के अनुसार, ‘ऑल्टन्यूज़’ कह सकता है कि उक्त उपद्रवी के हाथ में पत्थर नहीं, तकनीकी रूप से एक ऐसा एडवांस्ड मोबाइल फोन है, जिसे बनाने के लिए सैमसंग और एप्पल जैसी कम्पनियाँ भी तरस रही हैं।
#FakeItLikeAltNews Altnews found the world’s first circular mobile phone being held by student in Jamia.
— Ganesh and 404 Others (@Strive_4_futr) February 18, 2020
Google, Microsoft and Apple are in race to purchase the rights to this design ???
??? pic.twitter.com/YVIYfgR7yg
4. पत्थर नहीं, उपद्रवियों के हाथ में पर्स है
जामिया के एक धड़े ने कहा कि सीसीटीवी फुटेज में दिख रहे उपद्रवी के हाथ में पत्थर नहीं है, वो पर्स है। एक सोशल मीडिया यूजर ने दिखाया कि ‘ऑल्टन्यूज़’ की नज़र में पर्स को पत्थर और पत्थर को पर्स देखा जाता है। ये देखिए मीम:
Holding Stone Holding wallet#FakeItLikeAltNews pic.twitter.com/iWZaEaUUNn
— Inclusive 2.0 (@Kalmuhaa) February 18, 2020
5. साईं बाबा का भक्त लादेन
ओसामा बिन लादेन अगर जिन्दा होता, तो ‘ऑल्टन्यूज़’ उसे बचाने में कोई कसर नहीं छोड़ता। ऐसा हम नहीं, सोशल मीडिया पर लोग लोग कह रहे हैं। ‘ऑल्टन्यूज़’ आतंकी संगठन अलकायदा के संस्थापक ओसामा की इस तस्वीर को दिखा कर लिखता कि इसमें ओसामा प्रवचन दे रहा है। वो एक उँगली दिखा कर कह रहा है- सबका मालिक एक। अर्थात, ओसामा भी साईंभक्त निकला।
Laden was actually a Sai Bhakt, here’s a picture of him saying “Sabka Maalik Ek”.#FakeItLikeAltNews pic.twitter.com/tThgF6R3BN
— BROSKI (@xDDDGuy) February 18, 2020
इन सबके अलावा सोशल मीडिया पर ‘ऑल्टन्यूज़’ की करतूतों का मजाक बनाते हुए कई और मीम्स भी शेयर हुए, इस लिंक पर क्लिक कर के देख सकते हैं। एक ट्विटर यूजर ने तो आतंकी मसूद अज़हर और कथित कॉमेडियन कुणाल कमरा के फोटो को मिक्स करते हुए लिखा कि ‘ऑल्टन्यूज़’ ये साबित करने की कोशिश करता कि मसूद माइक पर स्टैंड-अप कॉमेडी कर रहा है। एक अन्य ट्विटर यूजर ने हथियारबंद नकाबपोश आतंकियों की तस्वीर ट्वीट करते हुए लिखा कि ‘ऑल्टन्यूज़’ इन्हें रियल लाइफ में PUBG गेम खेलने वाला बताता।