Thursday, April 18, 2024
Homeरिपोर्टमीडियाScroll, AltNews और पत्रकारिता के 'एलीटिस्ट' समुदाय विशेष को ब्रिटिश हेराल्ड के अंसिफ अशरफ़...

Scroll, AltNews और पत्रकारिता के ‘एलीटिस्ट’ समुदाय विशेष को ब्रिटिश हेराल्ड के अंसिफ अशरफ़ का जवाब

"जब हमने श्री नरेंद्र मोदी को कवर पर लेने का निर्णय लिया तो हमने उसकी घोषणा अपने सोशल प्लेटफॉर्म्स के ज़रिए की थी। ऐसा नहीं है कि हम उन्हीं को कवर कर रहे हैं; हमने उनसे पहले भी दो वैश्विक नेताओं को कवर किया है, और आगे भी औरों को कवर करते रहेंगे।"

प्रधानमंत्री मोदी मैगज़ीन British Herald के पाठकों की नज़र में ‘विश्व के सबसे शक्तिशाली नेता’ क्या घोषित हुए, पत्रकारिता के समुदाय विशेष ने चूड़ियाँ तोड़नी शुरू कर दीं। तरह-तरह की अप्रासंगिक जानकारियों को भानुमति के कुनबे की तरह जोड़कर और conspiracy theory वाली टोन में ऐसा जताने की कोशिश की गई कि British Herald के नाम में ‘British’ होना भ्रामक फर्जीवाड़ा है, यह हिंदुस्तानी अख़बार है और इसके मालिक ने मोदी की चाटुकारिता के लिए ऐसा नतीजा प्रकाशित किया है, एटसेट्रा-एटसेट्रा। British Herald के ‘अबाउट अस’ की इन्वेस्टीगेशन करने से लेकर उनके विकिपीडिया पेज की ख़ाक तक छानी गई। जो नहीं किया गया, वह था उनसे सम्पर्क करने, उन्हें अपना पक्ष रखने का मौका देने का प्रयास।

मैंने जब ब्रिटिश हेराल्ड और इसके प्रबंध सम्पादक अंसिफ अशरफ़ से सम्पर्क किया तो उन्होंने इस विवाद पर, अपने सर्वे के ‘छल’ या भ्रामक होने के आक्षेप पर, ब्रिटिश हेराल्ड के इतिहास और विश्वसनीयता पर विस्तारपूर्वक जवाब दिया। वह निम्नलिखित है:

“मैं अंसिफ अशरफ़ हूँ, और मैं 27 साल पुराने ‘कोचीन हेराल्ड’ अख़बार का मालिकाना हक़ रखने वाले परिवार से आता हूँ। इस अख़बार को मेरे पिता डॉ. शेख अहमद मोहम्मद अशरफ़ ने 1992 में शुरू किया था। 2011 में मैंने इसका कामकाज देखना शुरू किया और ‘कोचीन हेराल्ड’ नाम से ही द्वैमासिक बिज़नेस पत्रिका शुरू की, जो अभी भी चल रही है।”

“मैं एशिया पैसिफ़िक इकोनॉमिक कोऑपरेशन (APEC) अवार्ड को पाने वाला पहला भारतीय हूँ; 2008 में यह अवार्ड मुझे ई-बिज़नेस के लिए मिला था। यह अवार्ड अलीबाबा (अमेज़न के समकक्ष ई-कॉमर्स कम्पनी, चीनी मूल की), चीन सरकार और दूसरी APEC काउन्सिल द्वारा संयुक्त रूप से दिया गया था।”

“ई-कॉमर्स मेरा विषय है और इंटरनेट पर विज्ञापन के भविष्य की संभावनाओं को समझते हुए मैंने मीडिया में कुछ वैश्विक स्तर पर करने के बारे में सोचा। चूँकि कोचीन हेराल्ड नामक अख़बार हमारे पास था ही, इसलिए मैंने ब्रिटिश हेराल्ड नाम चुना। 2017 में इस बाबत मैंने काम करना शुरू कर दिया।”

“ब्रिटिश हेराल्ड अख़बार 1860 में जेम्स और निस्बेट ने मिडिल सेक्स, लंदन में शुरू किया था (अख़बार की पुरानी आर्काइव्स नीचे दी लिंक पर देखी जा सकतीं हैं**), और इसमें ईसाई जर्नल्स छपतीं थीं। 19वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में उन्होंने अपना नाम ब्रिटिश हेराल्ड से बाइबिल हेराल्ड कर दिया था। 2018 में हमने हेराल्ड मीडिया नेटवर्क लिमिटेड नामक कम्पनी इंग्लैंड और वेल्स में स्थापित की। ‘ब्रिटिश हेराल्ड’ ब्रांड नाम का बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) हमने डिजिटल और प्रिंट पब्लिकेशन के लिए लिया (आईपीआर रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट संलग्न है, और उसकी जाँच IPO, ब्रिटिश सरकार में की जा सकती है**)। हमने नाइट्सब्रिज (Knightsbridge, London) में अपना एक ऑफिस खोला। चूँकि मेरे वीज़ा की प्रोसेसिंग में कुछ समय लग रहा था, अतः मेरे पारिवारिक मित्र मिस्टर शमशीर अहमद को कम्पनी के डायरेक्टरों में से एक बना दिया गया क्योंकि उनके पास ब्रिटिश रेजीडेंसी परमिट था। हमने कंटेंट के लिए रायटर्स लंदन के साथ MOU पर हस्ताक्षर किए और बैकएंड IT सपोर्ट हमने भारत में पहले से उपलब्ध अपनी सुविधाओं से लिया। हम लंदन में अपनी कम्पनी के विस्तार के लिए तैयार थे।”

“2019 के मार्च में हमने ई-मैगज़ीन का प्रकाशन शुरू कर दिया। हमारे पहले संस्करण के कवर पेज पर व्लादिमीर पुतिन (रूसी राष्ट्रपति) और दूसरे संस्करण में कवर पर जसिन्डा अडर्न (न्यूज़ीलैंड की प्रधानमंत्री) थीं। तीसरे संस्करण के कवर पर श्री नरेंद्र मोदी, भारत के प्रधानमंत्री को होना था, उनकी निर्वाचन में जीत की सर्वश्रेष्ठ उपलब्धि के लिए। उसके पहले हमने एक स्वतंत्र ओपिनियन पोल किया था अपने पाठकों के बीच जो केवल लोगों की निजी राय समझने के लिए किया गया था। यह OTP वेरिफाइड पोलिंग (एक OTP द्वारा पहचान सुनिश्चित किए जाने के बाद होने वाली पोलिंग) थी। और भारत में इंटरनेट के अधिक प्रसार के चलते इस पोल में भारतीयों ने बड़ी संख्या में भाग लिया।”

“श्री नरेंद्र मोदी को कवर पर रखने का निर्णय केवल इस पोल के आधार पर नहीं लिया गया, बल्कि उस पर विस्तृत अध्ययन और शोध किया गया था। और उसके विमोचन की नियत तारीख 15 जुलाई, 2019 है। हमने पत्रिका को मैग्ज़्टर (Magzter, एक वैश्विक मैगज़ीन प्लेटफॉर्म), ISSUU और अमेज़न किंडल (अमेज़न का ईबुक और अन्य डिजिटल लिखित सामग्री बेचने वाला प्लेटफार्म) पर वितरित किया था। इन वेबसाइटों पर (उपरोक्त जानकारी को) देखा और पता किया जा सकता है। हमारी मैगज़ीनें इलेक्ट्रॉनिक संस्करण की हैं और संदर्भ व मार्केटिंग के लिए कुछ प्रतियाँ प्रिंट-ऑन-डिमांड आधार पर छपतीं हैं।”

“2019 में वेंचर कैपिटलिस्ट निवेशक श्रीमती ली युन क्शीआ ने कम्पनी में निवेश किया। हमारे दो डायरेक्टर ब्रिटिश नागरिक हैं। यह बात हम इस भ्रम को दूर करने के लिए बता रहे हैं कि यह कम्पनी केरला के लोगों की है। नहीं, यह पूरी तरह से गलत जानकारी है। मैं लंदन प्रेस क्लब का सदस्य और ब्रिटिश लाइब्रेरी का संरक्षक हूँ।”

“ट्विटर पर ‘ब्रिटिश हेराल्ड’ नाम का हैंडल किसी और ने ले रखा हुआ था हमारी आईपीआर ट्रेड मार्क प्रक्रिया के समय। अतः उसे पाने के लिए हम अपने क़ानूनी सलाहकार के ज़रिए प्रयासरत हैं, क्योंकि हम ‘British Herald’ के ट्रेड मार्क्स के मालिक हैं। हम पहले तो असफल हुए लेकिन हमारी प्रक्रिया जारी है। हाँ, हम जानते हैं कि हमारे ट्विटर फॉलोवरों की संख्या औरों से कम है, लेकिन हमारी नीति (पॉलिसी) आर्गेनिक के ज़रिए बढ़ने की है, और उसका (आर्गेनिक के ज़रिए बढ़ने की नीति का) हम पालन कर रहे हैं। हमारा ध्यान अपने पाठकों को सीधे वेबसाइट पर और ऍप के ज़रिए लाने पर है। हमने कहीं भी प्रमुख पत्रिका होने का दावा नहीं किया है। जब हमने श्री नरेंद्र मोदी को कवर पर लेने का निर्णय लिया तो हमने उसकी घोषणा अपने सोशल प्लेटफॉर्म्स के ज़रिए की थी। ऐसा नहीं है कि हम उन्हीं को कवर कर रहे हैं; हमने उनसे पहले भी दो वैश्विक नेताओं को कवर किया है, और आगे भी औरों को कवर करते रहेंगे।”

“ब्रिटिश हेराल्ड महज़ किसी कम्पनी का डोमेन नेम नहीं है, यह एक युवा भारतीय का ख्वाब है, जिसे विश्वास है कि मीडिया का भविष्य डिजिटल है। हाँ, हम औरों के लिए छोटे हो सकते हैं, लेकिन झूठे या नकली नहीं हैं। छल हमारी संस्कृति नहीं है। और हम रोज़ाना चुनौतियाँ देते हैं।”

अंसिफ अशरफ़
(प्रमुख सम्पादक, कोचीन हेराल्ड
प्रबंध सम्पादक, ब्रिटिश हेराल्ड)

*अंग्रेजी में प्राप्त अंसिफ अशरफ़ के उत्तर का हिंदी अनुवाद किया गया है।

**ब्रिटिश हेराल्ड और अंसिफ अशरफ़ द्वारा ऑपइंडिया को मुहैया कराए गए दस्तावेजों में कुछ निजी व्यक्तियों की निजी जानकारी, जिसका इस विवाद से कोई लेना-देना नहीं है, संलग्न है। अतः हम तुरंत यह जानकारी प्रकाशित नहीं कर रहे हैं। उन व्यक्तियों की जानकारी एडिटिंग से ब्लॉक करने के बाद हम दस्तावेजों को इसी लेख को अपडेट कर प्रकाशित करेंगे।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘देश हो या परदेस मोदी की गारंटी हमेशा पूरी होती है’: ईरान ने जिस जहाज को बनाया बंधक, उस पर सवार भारतीय महिला ऐन...

त्रिशूर की रहने वाली भारतीय डेक कैडेट एन टेसा जोसेफ, जो कंटेनर जहाज एमएससी एरीज़ के भारतीय चालक दल के सदस्यों में से थीं, आज दोपहर कोचीन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सुरक्षित रूप से उतर गई हैं।

क्यों विवादों में घिरी सेरेलक बनाने वाली नेस्ले, बेबी फूड में कैसे कर रही मिलावट: जानिए सबकुछ, खुलासे के बाद एक्टिव हुईं भारतीय एजेंसियाँ

नेस्ले भारत में बच्चों के लिए बेचे जाने वाले उत्पाद सेरेलेक में चीनी मिलाती है जबकि यूरोपियन बच्चों के उत्पाद में ऐसा नहीं किया जाता।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe