भारत और बांग्लादेश के बीच टेस्ट और टी20 सीरीज का आयोजन भारतीय जमीन पर हो रहा है, जबकि बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रही हिंसा ने सोशल मीडिया पर गुस्सा पैदा कर दिया है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) पर लोगों का गुस्सा उतर रहा है और लोग सोशल मीडिया पर बीसीसीआई के प्रति तीखी प्रतिक्रिया दे रहे हैं।
15 सितंबर को जब बांग्लादेश की पुरुष क्रिकेट टीम चेन्नई पहुँची और उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया, तो कई नेटिज़न्स ने इस पर नाराजगी जाहिर की। उनका कहना है कि ऐसे समय में जब बांग्लादेश में हिंदू मारे जा रहे हैं, हम उन खिलाड़ियों का स्वागत कैसे कर सकते हैं।
सोशल मीडिया पर दिखा गुस्सा
सोशल मीडिया पर चर्चित यूजर ‘Mr Sinha’ ने ट्वीट किया, “हम वाकई इन बांग्लादेशी क्रिकेटरों का स्वागत सम्मानित मेहमानों की तरह कर रहे हैं? इनमें से ज्यादातर हिंदुओं के नरसंहार के मूक समर्थक हैं।”
What a shameful scene…. We are seriously welcoming these Bangladeshi cricketers like honorable guests?
— Mr Sinha (@MrSinha_) September 16, 2024
Most of these are silent supporters of Hindus genocide in Bangladesh… pic.twitter.com/YoV7TYdQmz
पत्रकार अजीत भारती ने लिखा, “बेशर्म BCCI! पैसे के लिए पाकिस्तानी टीम के आगे नाचने से लेकर अब यहाँ तक, यह एक नई नीचता है।”
Shameless @BCCI! From dancing in front of Pakistani team for money to this, a new low. pic.twitter.com/Acxa1Upio4
— Ajeet Bharti (@ajeetbharti) September 16, 2024
हिंदू आध्यात्मिक नेता राधारमण दास ने ट्वीट किया, “BCCI ने विश्वभर के हिंदुओं के विरोध की पूरी तरह अनदेखी की है। बस देखिए कि BCCI और ICC ने आज कैसे बांग्लादेशी क्रिकेटरों का स्वागत किया, जबकि बांग्लादेश में हिंदुओं का जातीय सफाया हो रहा है। आप पर शर्म आती है।”
The BCCI has shown utter disregard for protesting Hindus worldwide. Just look at how @BCCI and @ICC welcomed Bangladeshi cricketers to India today, while Hindus are being ethnically cleansed in Bangladesh. Shame on you, @BCCI https://t.co/ttyurVFjBL pic.twitter.com/znsAyJoswn
— Radharamn Das राधारमण दास (@RadharamnDas) September 16, 2024
उद्यमी और लेखक अरुण कृष्णन ने बताया कि वह बांग्लादेश में हो रहे हिंदुओं के उत्पीड़न को देखते हुए भारत बनाम बांग्लादेश सीरीज नहीं देखेंगे। उन्होंने ट्वीट किया, “शर्म की बात है BCCI! मैं, और मेरे जैसे लाखों आत्म-सम्मानित हिंदू, इस सीरीज को नहीं देखेंगे। और हमारे क्रिकेट जगत पर भी शर्म आती है कि वे BLM के लिए घुटने टेक सकते हैं, लेकिन अपने धर्म के लोगों के लिए आवाज नहीं उठा सकते, जो बांग्लादेश में मारे जा रहे हैं।”
Shame on you @BCCI . I, like millions of self-respecting Hindus will not be watching this series.
— Arun Krishnan 🇮🇳 (@ArunKrishnan_) September 17, 2024
And shame on our cricketing fraternity that they could take the knee for some BLM but can't protest for their co-religionists being butchered in Bangladesh! https://t.co/7xonzXKee2
राष्ट्रवादी ट्विटर हैंडल ‘Kreately’ ने लिखा, “आप शर्मसार हैं। उम्मीद है कि कोई आत्म-सम्मानित हिंदू टिकट नहीं खरीदेगा।”
Hello @BCCI
— Kreately.in (@KreatelyMedia) September 16, 2024
You are a disgrace
Hope no self respecting Hindu buys a ticket#BoycottBangladesh#BoycottBangladeshCricket
pic.twitter.com/aAPJQIC8nx
लोकप्रिय यूजर कनिष्का दधीच ने हिंदू समुदाय के जल्द सबकुछ भूल जाने की प्रवृत्ति पर सवाल उठाते हुए लिखा, “भारत में क्रिकेट मैच के लिए एक आतंकवादी राष्ट्र ‘बांग्लादेश’ का स्वागत करना शर्मनाक है। हमने अपने इतिहास से क्या सीखा?”
Welcoming a TERRORIST NATION "Bangladesh🇧🇩" for cricket match in India🇮🇳; is shameful.
— kanishka Dadhich 🇮🇳 (@KanishkaDadhich) September 16, 2024
We, HINDUS had learnt nothing from our history.
मीडिया पोर्टल ‘हिंदू पोस्ट’ ने कहा, “जब तक हिंदू आत्म-सम्मान और रीढ़ की हड्डी नहीं विकसित करते, तब तक भारत की अर्थव्यवस्था का आकार बेमानी है। हम बांग्लादेशी हिंदुओं के उत्पीड़न और पीड़ा के साथ एकजुटता में बांग्लादेश के साथ क्रिकेट सीरीज भी रद्द नहीं कर सके? इतना ही नहीं – हम बांग्लादेशी टीम के लिए लाल कालीन बिछाते हैं, जिससे हिंदुओं के जख्मों पर नमक छिड़कते हैं!”
हिंदू पोस्ट ने भारतीय क्रिकेटरों की चुप्पी पर भी सवाल उठाए और कहा, “क्यों भारत का एक भी हिंदू क्रिकेटर हिंदुओं के समर्थन में आवाज नहीं उठाता? वास्तव में, केवल दानिश कनेरिया ने हिम्मत दिखाई और भारत से पाकिस्तान का दौरा न करने की स्पष्ट माँग की, खासकर पाकिस्तान में हिंदू अल्पसंख्यकों के भयानक हालातों को देखते हुए।”
Shame on us, Shame on @BCCI!
— HinduPost (@hindupost) September 16, 2024
Unless Hindus develop a modicum of self-respect and spine, the size of Bharat's economy is meaningless.
We couldn't cancel a cricket series with #Bangladesh in solidarity with persecuted and suffering Bangladeshi Hindus?
Not just that – we roll… pic.twitter.com/hbekix467p
Hey @BCCI @JayShah
— Yo Yo Funny Singh (@moronhumor) September 16, 2024
Since Bangladeshi team has arrived in India, we know the matches won’t be canceled .. however ..
Again asking … will our cricketers take the knee for Hindus being KiIIed in Bangladesh 🇧🇩 when Bangladesh tours India next month ? #HinduLivesMatter pic.twitter.com/DJYCunxbJA
‘द जयपुर डायलॉग्स’ ने लिखा, “हमें शर्म आनी चाहिए! बीसीसीआई को शर्म आनी चाहिए। हम उन लोगों का हमारे साथ क्रिकेट खेलने के लिए स्वागत कर रहे हैं, जो हमारे हिंदू भाइयों और बहनों को रोजाना मार रहे हैं। इनमें से 50% खिलाड़ी भारत में हिंदू नरसंहार के समर्थक हैं।”
Shame on Us! Shame on BCCI
— The Jaipur Dialogues (@JaipurDialogues) September 16, 2024
We are welcoming those to Play Cricket with us, people who are killing our Hindu Brothers and Sisters Daily
50% of these players are supporters of Hindu Genocide in Bharat pic.twitter.com/OcCdfWZGV5
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमलों की लंबी फेहरिस्त
बांग्लादेश में हालिया तख्तापलट के बाद से हिंदुओं पर हमले बढ़े हैं। बांग्लादेश की तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना के पद से हटने के बाद से 205 से अधिक हिंदू मंदिरों, दुकानों और व्यवसायों पर हमले हो चुके हैं।
OpIndia पहले बता चुका है कि कैसे खुलना शहर के सोनाडांगा आवासीय क्षेत्र में ‘ईशनिंदा’ के आरोप में एक हिंदू लड़के उत्सव मंडल को मुस्लिम भीड़ द्वारा लगभग मार दिया गया था। इसी तरह, 60 हिंदू शिक्षकों, प्रोफेसरों और सरकारी अधिकारियों को मुस्लिम छात्रों द्वारा अपने पदों से इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया।
मानवाधिकार कार्यकर्ता और निर्वासित बांग्लादेशी ब्लॉगर असद नूर ने हाल ही में खुलासा किया कि अल्पसंख्यक समुदाय को कैसे ‘जमात-ए-इस्लामी’ इस्लामी मजहब में शामिल होने के लिए मजबूर कर रहा है।
6 सितंबर को, चटगांव शहर के कादम मुबारक इलाके में भगवान गणेश की मूर्ति लेकर जा रहे हिंदू भक्तों के जुलूस पर हमला किया गया था।
इस पूरे घटनाक्रम ने बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रहे हमलों पर भारतीय क्रिकेट बोर्ड के रवैये को लेकर गहरा सवाल खड़ा किया है। सोशल मीडिया पर गुस्से की लहर इस बात की ओर इशारा करती है कि BCCI और भारतीय क्रिकेटरों से अपेक्षा की जा रही है कि वे सिर्फ खेल तक सीमित न रहें, बल्कि ऐसे सामाजिक मुद्दों पर भी आवाज उठाएँ, जो उनके धर्म और देश से जुड़े हों।
मूल रूप से यह रिपोर्ट अंग्रेजी में प्रकाशित की गई है। मूल रिपोर्ट को पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें।